पटना: लॉकडाउन के दौरान मोहल्ले के छोटे दुकानदार का हाल बेहाल है. समय पर खाद्य पदार्थ उपलब्ध नहीं होने के कारण उनके सामने कई समस्या उत्पन्न हो गयी है. दुकानदारों का आरोप है कि जिला प्रशासन छोटे किराना दुकानदारों के माल लाने को लेकर कोई पहल नहीं कर रहा है. उनका ध्यान सिर्फ बड़े दुकानदारों पर ही है. किसी तरह सामान की व्यवस्था कर दुकानदारी चला रहे हैं. शहर में ऐसे करीब 50 हज़ार दुकानें हैं, जो लॉकडाउन में इस समस्या से दो-चार हो रहे हैं.
लॉक डाउन के दौरान परेशानी से दो-चार हो रहे किराना दुकानदार
दरअसल मार्केट में खाद्य सामग्री की कमी नहीं है, लेकिन सभी तरह के खाद्य पदार्थ की उपलब्धता सिर्फ बड़े दुकानदारों के लिए है. जिला प्रशासन बड़े दुकानदारों को सामान लाने के लिए पास भी दे रहा है. पटना के राजापुर, गोसाइटोला, कुर्जी, कंकड़बाग, हनुमाननगर जैसी जगहों पर गली में किराना या जनरल स्टोर चलनेवाले दुकानदार लॉक डाउन के दौरान परेशानी से दो-चार हो रहे हैं.
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लॉकडाउन ने तोड़ी दुकानदार और ग्राहकों के बीच की चेन
वहीं दुसरी तरफ गली मोहल्ले में रहनेवाले गरीब और मध्यम वर्ग के लोग भी लॉकडाउन के दौरान राशन को लेकर अपनी परेशानी बयां कर रहे हैं. उनका कहना है कि लॉकडाउन की तारीख बढ़ने की वजह से अब किराना दुकानदार उधार नहीं दे रहे है. दरअसल कई ऐसे भी परिवार है जो महीने भर का राशन किराना दुकान से उधार लेते थे. इसके बाद महीने का पैसा मिलने पर उधार चुकता कर अगले महीने का राशन लेते थे. लॉकडाउन के दौरान छोटे किराना दुकान चलाने वाले अब इन लोगों को उधार नही दे पा रहे हैं. लॉकडाउन ने इस कड़ी को बिगाड़ दिया है और अब ज्यादातर दुकानदार उधार देने से परहेज करते नजर आ रहे है.
आने वाले पर्व-त्यौहारों पर टिकी उम्मीदें
लॉकडाउन की वजह से गली-मोहल्ले के दुकानों में बिक्री घट गई है. कम आय वाले और मध्यम वर्ग की आर्थिक हालात बिगड़ने के कारण ऐसा हुआ है. इन दुकानदारों के लिए शादी का सीजन भी बिना कमाई के निकल गया. इन मौकों पर भी छोटे दुकानदार अच्छी कमाई कर लेते थे, लेकिन इस बार ऐसा नहीं हुआ. अब इन छोटे किराना दुकानदारों की उम्मीदें आने वाले पर्व-त्यौहारों पर टिकी है.