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सरकार बदलते ही बदले सुर..RJD के मंत्री बोले.. सिर्फ बिहार से नहीं पूरे विश्व से शराब खत्म करना है - ईटीवी भारत

बिहार में शरबबंदी पर समीक्षा नहीं होने वाली है. यह कहना है शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर का. उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी के सपने को साकार करना है. बिहार क्या पूरे विश्व से शराब को खत्म करना है. आगे पढ़ें खबर और देखिए वीडियो...

Education Minister Chandrashekhar Etv Bharat
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Published : Aug 16, 2022, 8:10 PM IST

पटना : कहते हैं राजनाति में समय के साथ शब्द भी परिविर्तित होते हैं. देखिए कुछ दिनों पहले तक जो आरजेडी के नेता विधायक बिहार में शराबबंदी पर सवाल (Liquor Ban in Bihar) खड़े कर रहे थे. वही अब शराबबंदी का गुणगान करते नहीं थक रहे हैं. मंत्री का शपथ लेने के बाद बिहार के नए शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर (Education Minister Chandrashekhar) ने कहा कि शराबबंदी पर पुनर्विचार का सवाल ही नहीं है.

ये भी पढ़ें - शराबबंदी पर तेजस्वी ने CM नीतीश से पूछे 15 सवाल, JDU का पलटवार, कहा- हमें आइना ना दिखाएं RJD

पूरे विश्व से शराब को खत्म करना है : बता दें कि महागठबंधन की नई सरकार से पहले गाहे-बगाहे आरजेडी के नेता शराबबंदी पर प्रश्न चिह्न खड़ा करते थे. तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार से जवाब मांगते थे. 15 प्रश्नों का पुलिंदा खड़ा करते थे. पर अब उनके मंत्री कह रहे हैं कि महात्मा गांधी के सपने को साकार करना है. बिहार क्या पूरे विश्व से शराब को खत्म करना है.

बिहार में शराबबंदी कानून : बिहार सरकार ने पांच अप्रैल 2016 से राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर रोक लगाने और इसका उल्लंघन दंडनीय अपराध बनाने के कानून को लागू किया था. इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी होगी और बिहार एक आदर्श राज्य बनेगा. लेकिन आए दिन शराब कानून तोड़ने न केवल बिहार सरकार को झटका लगा है, बल्कि अन्य राज्यों में भी शराबबंदी कानून को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

शराबबंदी कानून में संशोधन: हालांकि, शराबबंदी कानून (Prohibition Law In Bihar) को लेकर लगातार हो रही फजीहत से बचने के लिए बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 (Prohibition Law Amendment Bill 2022) को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कानून संबंधी कई नियम बदल गए. नए कानून के तहत पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर 2 से 5 हजार रुपये के बीच जुर्माना देना होगा. अगर कोई जुर्माना नहीं देता है तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. बता दें कि पहले जुर्माना 50 हजार था.

एएलटीएफ का दावा: इस बीच, शराबबंदी कानून को गलत तरीके से लागू करने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही राज्य पुलिस और शराब विरोधी कार्य बल (एएलटीएफ) ने पिछले 7 महीनों में 73,000 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार करने का दावा किया. एएलटीएफ के एक अधिकारी के अनुसार, विभाग ने 40,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि शेष को जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अधिकारी ने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि राज्य में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 73,413 है, जिनमें से 40,074 को एएलटीएफ ने पकड़ा है. सात माह की अवधि में प्रदेश के विभिन्न थानों में 52,770 प्राथमिकी दर्ज की गई है. बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी अधिनियम लागू किया गया था.

पटना : कहते हैं राजनाति में समय के साथ शब्द भी परिविर्तित होते हैं. देखिए कुछ दिनों पहले तक जो आरजेडी के नेता विधायक बिहार में शराबबंदी पर सवाल (Liquor Ban in Bihar) खड़े कर रहे थे. वही अब शराबबंदी का गुणगान करते नहीं थक रहे हैं. मंत्री का शपथ लेने के बाद बिहार के नए शिक्षा मंत्री डॉ चंद्रशेखर (Education Minister Chandrashekhar) ने कहा कि शराबबंदी पर पुनर्विचार का सवाल ही नहीं है.

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पूरे विश्व से शराब को खत्म करना है : बता दें कि महागठबंधन की नई सरकार से पहले गाहे-बगाहे आरजेडी के नेता शराबबंदी पर प्रश्न चिह्न खड़ा करते थे. तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, नीतीश कुमार से जवाब मांगते थे. 15 प्रश्नों का पुलिंदा खड़ा करते थे. पर अब उनके मंत्री कह रहे हैं कि महात्मा गांधी के सपने को साकार करना है. बिहार क्या पूरे विश्व से शराब को खत्म करना है.

बिहार में शराबबंदी कानून : बिहार सरकार ने पांच अप्रैल 2016 से राज्य में शराब के निर्माण, व्यापार, भंडारण, परिवहन, बिक्री और खपत पर रोक लगाने और इसका उल्लंघन दंडनीय अपराध बनाने के कानून को लागू किया था. इसके बाद उम्मीद की जा रही थी कि राज्य में पूर्ण शराबबंदी होगी और बिहार एक आदर्श राज्य बनेगा. लेकिन आए दिन शराब कानून तोड़ने न केवल बिहार सरकार को झटका लगा है, बल्कि अन्य राज्यों में भी शराबबंदी कानून को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं.

शराबबंदी कानून में संशोधन: हालांकि, शराबबंदी कानून (Prohibition Law In Bihar) को लेकर लगातार हो रही फजीहत से बचने के लिए बिहार सरकार ने शराबबंदी कानून संशोधन विधेयक 2022 (Prohibition Law Amendment Bill 2022) को कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कानून संबंधी कई नियम बदल गए. नए कानून के तहत पहली बार शराब पीकर पकड़े जाने पर 2 से 5 हजार रुपये के बीच जुर्माना देना होगा. अगर कोई जुर्माना नहीं देता है तो उसे एक महीने की जेल हो सकती है. बता दें कि पहले जुर्माना 50 हजार था.

एएलटीएफ का दावा: इस बीच, शराबबंदी कानून को गलत तरीके से लागू करने को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रही राज्य पुलिस और शराब विरोधी कार्य बल (एएलटीएफ) ने पिछले 7 महीनों में 73,000 से अधिक अपराधियों को गिरफ्तार करने का दावा किया. एएलटीएफ के एक अधिकारी के अनुसार, विभाग ने 40,000 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया है, जबकि शेष को जिला पुलिस ने गिरफ्तार किया है. अधिकारी ने आंकड़े साझा करते हुए कहा कि राज्य में गिरफ्तार किए गए लोगों की कुल संख्या 73,413 है, जिनमें से 40,074 को एएलटीएफ ने पकड़ा है. सात माह की अवधि में प्रदेश के विभिन्न थानों में 52,770 प्राथमिकी दर्ज की गई है. बिहार में अप्रैल 2016 से शराबबंदी अधिनियम लागू किया गया था.

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