ETV Bharat / city

कभी यहां गरजती थीं नक्सलियों की बंदूकें, अब पर्यटक लेंगे मजा - Naxal affected areas of Bihar

किसी समय माओवादियों के गढ़ रहे इलाकों को अब बिहार सरकार पर्यटन स्थल के तौर पर विकसित करने की योजना बना रही है. शाहाबाद इलाके में इको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं. सरकार की मुंडेश्वरी मंदिर के नीचे इको पार्क बनाने की योजना है. पढ़ें पूरी खबर.

Eco tourism
Eco tourism
author img

By

Published : Sep 15, 2021, 8:44 AM IST

Updated : Sep 15, 2021, 11:19 AM IST

पटना: बिहार में पर्यटन (Tourism in Bihar) की अपार संभावनाएं हैं. खास तौर पर पहाड़ी इलाके इको टूरिज्म के तौर पर विकसित किए जा सकते हैं. बिहार सरकार नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Affected Areas) में इको टूरिज्म के विकास की संभावनाओं को तलाश रही है.

ये भी पढ़ें: काली कमाई का 'कुबेर' निकला पथ निर्माण विभाग का एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, छापे में अकूत संपत्ति का खुलासा

वन पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू (Minister Neeraj Bablu) ने कहा है कि बिहार में नक्सल आंदोलन पर ब्रेक लगी है. नक्सली भी कमजोर पड़े हैं. नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार इको टूरिज्म विकसित करने की योजना बना रही है.

देखें वीडियो

बिहार का शाहाबाद इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता था. रोहतास गढ़ की पहाड़ी अघौरा इलाके में लोग दिन में भी जाने से डरते थे. लेकिन यह सब कुछ अब बीते दिनों की बात हो गई है. पहाड़ी इलाकों की खूबसूरती को निहारने के लिए लोग अब पहुंच रहे हैं. बिहार सरकार भी इको टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना बना रही है.

ये भी पढ़ें: कोर्ट से निकलते ही पति ने अपनी पत्नी और उसके प्रेमी को उठाया और फिर दोनों को...

शाहाबाद इलाके में जहां मुंडेश्वरी मंदिर है. वहीं, रोहतास गढ़ का किला ऐतिहासिकता और खूबसूरती को समेटे हुए है. इसके अलावा मझर कुंड और तारा चंडी मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है. दूर-दूर से लोग तारा चंडी मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आते हैं.

वन पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू ने कहा है कि शाहाबाद इलाके में इको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं. दर्जनों ऐसे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थल हैं जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. मुंडेश्वरी मंदिर के नीचे इको पार्क बनाने की योजना है. ईको टूरिज्म विकसित करने के लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू हो गया है. आने वाले दिनों में धरातल पर सब कुछ दिखने लगेगा.

ये भी पढ़ें: पटना के नौबतपुर में एक महिला ने एक साथ तीन बच्चों को दिया जन्म, तीनों हैं स्वस्थ

पटना: बिहार में पर्यटन (Tourism in Bihar) की अपार संभावनाएं हैं. खास तौर पर पहाड़ी इलाके इको टूरिज्म के तौर पर विकसित किए जा सकते हैं. बिहार सरकार नक्सल प्रभावित इलाकों (Naxal Affected Areas) में इको टूरिज्म के विकास की संभावनाओं को तलाश रही है.

ये भी पढ़ें: काली कमाई का 'कुबेर' निकला पथ निर्माण विभाग का एग्जीक्यूटिव इंजीनियर, छापे में अकूत संपत्ति का खुलासा

वन पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू (Minister Neeraj Bablu) ने कहा है कि बिहार में नक्सल आंदोलन पर ब्रेक लगी है. नक्सली भी कमजोर पड़े हैं. नक्सल प्रभावित इलाकों में सरकार इको टूरिज्म विकसित करने की योजना बना रही है.

देखें वीडियो

बिहार का शाहाबाद इलाका नक्सलियों का गढ़ माना जाता था. रोहतास गढ़ की पहाड़ी अघौरा इलाके में लोग दिन में भी जाने से डरते थे. लेकिन यह सब कुछ अब बीते दिनों की बात हो गई है. पहाड़ी इलाकों की खूबसूरती को निहारने के लिए लोग अब पहुंच रहे हैं. बिहार सरकार भी इको टूरिज्म को बढ़ावा देने की योजना बना रही है.

ये भी पढ़ें: कोर्ट से निकलते ही पति ने अपनी पत्नी और उसके प्रेमी को उठाया और फिर दोनों को...

शाहाबाद इलाके में जहां मुंडेश्वरी मंदिर है. वहीं, रोहतास गढ़ का किला ऐतिहासिकता और खूबसूरती को समेटे हुए है. इसके अलावा मझर कुंड और तारा चंडी मंदिर का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है. दूर-दूर से लोग तारा चंडी मंदिर में पूजा अर्चना के लिए आते हैं.

वन पर्यावरण मंत्री नीरज बबलू ने कहा है कि शाहाबाद इलाके में इको टूरिज्म की अपार संभावनाएं हैं. दर्जनों ऐसे ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और धार्मिक स्थल हैं जहां पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं. मुंडेश्वरी मंदिर के नीचे इको पार्क बनाने की योजना है. ईको टूरिज्म विकसित करने के लिए डीपीआर बनाने का काम शुरू हो गया है. आने वाले दिनों में धरातल पर सब कुछ दिखने लगेगा.

ये भी पढ़ें: पटना के नौबतपुर में एक महिला ने एक साथ तीन बच्चों को दिया जन्म, तीनों हैं स्वस्थ

Last Updated : Sep 15, 2021, 11:19 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.