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पटना: नॉर्थ ईस्ट के लोगों ने मनाई दुर्गा पूजा, अष्टमी के दिन फूल-पाती उत्सव का आयोजन

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Published : Oct 7, 2019, 12:04 AM IST

पटना में मां दुर्गा की पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है. शहर के बीएमपी-1 में रहने वाले नॉर्थ ईस्ट के लोग अपने सांस्कृतिक और पारंपरिक विधि से मां दुर्गा की पूजा करते हैं. अष्टमी के दिन वेलोग फूल-पाती की पूजा करते हैं.

दुर्गा पूजा

पटना: देशभर में बड़े ही धूम-धाम से दुर्गा पूजा मनाई जा रही है. भक्तजन मां की अराधना में लीन हैं. राजधानी पटना के बीएमपी-1 में रहने वाले नॉर्थ ईस्ट के लोगों ने भी अपनी पारंपरिक विधि से मां दुर्गा की पूजा की. नवरात्रि के 9 दिनों में रोजाना अलग-अलग ढंग से पूजा की जाती है. इसी के मद्देनजर अष्टमी के दिन फूल-पाती उत्सव मनाया जाता है.

पटना
मां दुर्गा की पूजा के दौरान नार्थ ईस्ट महिलाएं

पारंपरिक विधि से मां दुर्गा की पूजा
पटना में मां दुर्गा की पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है. शहर के बीएमपी-1 में रहने वाले नॉर्थ ईस्ट के लोग अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक विधि से मां दुर्गा की पूजा करते हैं. इन राज्यों में रहने वाले विभिन्न जनजाति के लोग अपनी पंरपरागत जड़ें और रीति-रिवाज से आज भी जुड़े हैं. पटना में कई सालों से बसे ये लोग आज भी उन्हीं रिवाजों से नवरात्रि की पूजा करते हैं.

दुर्गा पूजा का अष्टमी दिन

अष्टमी के दिन पूजा की परंपरा
अष्टमी के दिन नॉर्थ ईस्ट के सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक दूसरे को उपहार देते हैं. इस दिन वे लोग फूल-पाती की पूजा करते हैं. इसमें मां का स्वागत किया जाता है और उन्हें डोली में ले जाकर गर्व गिरी में बिठाया जाता है. इस दिन धूप और हवन के साथ-साथ बली की परंपरा भी है. वहीं, आखिरी दिन दशहरे के रूप में मनाया जाता है. दसवीं के दिन मूर्ति विसर्जन किया जाता है. कुछ जगहों पर 5 दिनों तक ही पूजा की जाती है.

पटना: देशभर में बड़े ही धूम-धाम से दुर्गा पूजा मनाई जा रही है. भक्तजन मां की अराधना में लीन हैं. राजधानी पटना के बीएमपी-1 में रहने वाले नॉर्थ ईस्ट के लोगों ने भी अपनी पारंपरिक विधि से मां दुर्गा की पूजा की. नवरात्रि के 9 दिनों में रोजाना अलग-अलग ढंग से पूजा की जाती है. इसी के मद्देनजर अष्टमी के दिन फूल-पाती उत्सव मनाया जाता है.

पटना
मां दुर्गा की पूजा के दौरान नार्थ ईस्ट महिलाएं

पारंपरिक विधि से मां दुर्गा की पूजा
पटना में मां दुर्गा की पूजा बड़े ही धूमधाम से मनाई जा रही है. शहर के बीएमपी-1 में रहने वाले नॉर्थ ईस्ट के लोग अपनी सांस्कृतिक और पारंपरिक विधि से मां दुर्गा की पूजा करते हैं. इन राज्यों में रहने वाले विभिन्न जनजाति के लोग अपनी पंरपरागत जड़ें और रीति-रिवाज से आज भी जुड़े हैं. पटना में कई सालों से बसे ये लोग आज भी उन्हीं रिवाजों से नवरात्रि की पूजा करते हैं.

दुर्गा पूजा का अष्टमी दिन

अष्टमी के दिन पूजा की परंपरा
अष्टमी के दिन नॉर्थ ईस्ट के सभी लोग नए कपड़े पहनते हैं और एक दूसरे को उपहार देते हैं. इस दिन वे लोग फूल-पाती की पूजा करते हैं. इसमें मां का स्वागत किया जाता है और उन्हें डोली में ले जाकर गर्व गिरी में बिठाया जाता है. इस दिन धूप और हवन के साथ-साथ बली की परंपरा भी है. वहीं, आखिरी दिन दशहरे के रूप में मनाया जाता है. दसवीं के दिन मूर्ति विसर्जन किया जाता है. कुछ जगहों पर 5 दिनों तक ही पूजा की जाती है.

Intro:देशभर में दुर्गा पूजा की धूम है, हर तरफ मां दुर्गा की आराधना की जा रही है, वहीं राजधानी पटना में बीएमपी -1 में रह रहे नॉर्थ ईस्ट के लोगों ने भी अपने पारंपरिक विधि विधान से मां दुर्गा की पूजा अर्चना की,
आज अष्टमी के दिन फूल-पाती उत्सव मनाया जाता है



नोट:- विजुअल अलग से गई है


Body:राजधानी पटना में रह रहे पूर्वोत्तर राज्य के निवासी दुर्गा पूजा सांस्कृतिक और पारंपरिक विधि विधान से मनाते हैं, प्राचीनकाल से ही इन राज्यों में रहने वाले विभिन्न जनजाति अपनी परंपरागत जड़ें और रीति-रिवाजों से जुड़े हुए हैं और राजधानी पटना में कई सालों से बसे सभी निवासी नवरात्रि पूजा को पूरे धूमधाम से मनाते हैं
9 दिनों के दौरान एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है, नवरात्रि जीवन और ब्रह्मांड में बुरे तत्वों पर परमात्मा सत्य की विजय को निरूपित करता है, उस दिन सभी नॉर्थ-ईस्ट के लोग नए कपड़े पहने और उपहार विनिमय करते है,यह उत्तर पूर्व में उत्सव का हिस्सा है


नवरात्रि के 9 दिन अलग अलग बीपी जानवर परंपरा से पूजा करते हैं आठवीं के दिन फूल पाती का पूजा करते हैं जहां मां का आगमन करते हैं और उन्हें डोली पर बिठाकर उन्हें गर्व गिरी में बिठाया जाता है और आखिरी दिन दशहरे के रूप में मनाया जाता है यहां दसवीं दिन मूर्ति विसर्जन और कुछ स्थानों पर 5 ही दिन होता है


Conclusion:राजधानी पटना के नॉर्थ ईस्ट के लोग प्रत्येक साल पूरे विधि-विधान से धूमधाम से नवरात्रि मनाते हैं और नवरात्रि के हर एक 9 दिन अलग-अलग ढंग से पूजा अर्चना करते हैं वही आज मां का आगमन करते हैं, धूप हवन करते हैं, उसके बाद डोली में मां को विदाई करते हैं उसके बाद बली की भी परंपरा रही है


बाईट:-महिला श्रद्धालु,बीएमपी-1
बाईट:-महिला श्रद्धालु,बीएमपी-1पटना
पी टू सी
शशि
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