पटनाः बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा से दुर्व्यवहार के आरोपी लखीसराय के डीएसपी रंजन कुमार का ट्रांसर्फर (DSP Ranjan Kumar Transferred From Lakhisarai) कर दिया गया है. इस मुद्दे की वजह से विजय कुमार सिन्हा और सीएम नीतीश कुमार के बीच विधानसभा में बवाल भी हुआ था. डीएसपी रंजन कुमार को लखीसराय से हटाकर मोतिहारी भेजा गया है. उनकी जगह पर 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी सैयद इमरान मसूद को लखीसराय के डीएसपी की जिम्मेदारी दी गयी है.
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सैयद इमरान मसूद वर्तमान में दानापुर डीएसपी थे. वहीं मोतिहारी में अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी के रूप में तैनात अभिनव घिमन (आईपीएस 2019 बैच) को अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी दानापुर बनाया गया है.
क्यों विवादों के केंद्र में हैं लखीसराय से हटाये गये डीएसपीः बिहार विधानसभा के अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा का विधानसभा क्षेत्र लखीसराय है. डीएसपी रंजन कुमार पर आरोप है कि लखीसराय दौरे के दौरान उन्होंने अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा के साथ बदसलूकी की. इस पर विधानसभा अध्यक्ष की ओर से अवमानना का मामला आने के बाद पुलिस विभाग ने अपने स्तर से जांच शुरू की.
वहीं कार्यमंत्रणा समिति की बैठक के बाद विधानसभा अध्यक्ष की ओर से बदसलूकी मामले को सदन के विशेषाधिकार समिति के पास जांच के लिए भेज दिया गया. वहीं इस मामले में राज्य सकरार की ओर से पुलिस मुख्यालय की ओर से जांच जारी है. इसी बीच बिहार विधान सभा में बीजेपी विधायकों की ओर से लखीसराय में लॉ एंड ऑडर और डीएसपी रंजन कुमार पर अलग-अलग सवाल लगातार सरकार से पूछे जा रहे थे. इस पर सीएम नीतीश कुमार की ओर से हस्तक्षेप किया गया. इस दौरान अध्यक्ष विजय कुमार सिन्हा और सीएम नीतीश कुमार के बीच काफी कहासुनी सदन के भीतर देखने को मिली थी.
डीएसपी पर कार्रवाई को लेकर स्पीकर और सीएम आपस में भिड़े: दरअसल, लखीसराय में विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा के साथ हुए दुर्व्यवहार मामले को लेकर विपक्षी दलों और बीजेपी के विधायक लगातार सदन में हंगामा कर रहे थे. ऐसे में सोमवार को सीएम ने सदन में कहा कि मामले में कार्रवाई की जा रही है. बार-बार इस तरह से इस मुद्दे को सदन में उठाना सही नहीं है. हम न किसी को फंसाते हैं और न किसी को बचाते हैं. विशेषाधिकार समिति जो रिपोर्ट पेश करेगी, हम उस पर जरूर विचार करेंगे और देखेंगे कि कौन सा पक्ष सही है. इस दौरान सीएम और विधानसभा अध्यक्ष के बीच तीखी बहस हुई थी.
स्पीकर पर बिफरे थे नीतीश: सीएम ने इस दौरान सदन में कहा था कि सिस्टम संविधान से चलता है. किसी भी क्राइम की रिपोर्ट कोर्ट में जाती है, सदन में नहीं. कृपया करके ज्यादा मत करिए, जो चीज जिस का अधिकार है, उसको करने दीजिए. किसी तरह का भ्रम है तो बातचीत की जाएगी. इस मामले को अकारण आगे बढ़ाने की कोई जरूरत नहीं है. आप संविधान देख लीजिए, संविधान क्या कहता है.
नीतीश की नसीहत पर स्पीकर ने क्या कहा था?: वहीं सीएम के भड़कने के बाद विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा था कि कुर्की जब्ती नहीं हुई है. इसका जवाब नहीं दिया जा सका. आप ही बता दें कि सदन कैसे चलेगा, वैसे ही चलाएंगे. सदन में जब प्रश्न आया कि कुर्की जब्ती कब होगी, उसी में एक मामला जोड़ा गया जिसमें सारे विधायकों ने तीन बार हंगामा किया. हमने आग्रह किया कि विशेषाधिकार कमेटी में मामला चल रहा है, उस पर चर्चा नहीं होगी. मामला उठा कि आयोजनकर्ता व उद्घाटनकर्ता की आज तक अरेस्टिंग नहीं हुई है. इस मामले को सरकार ने क्यों गंभीरता से नहीं लिया? पुलिस द्वारा लखीसराय की घटना पर खानापूर्ति की जा रही है. जहां तक संविधान की बात है तो मुख्यमंत्री जी आप हमसे ज्यादा जानते हैं मैं आपसे सीखता हूं.
स्पीकर विजय सिन्हा और सीएम नीतीश कुमार के बीच बाद में सुलहः बिहार विधानसभा के बजट सत्र के दौरान स्पीकर विजय सिन्हा और सीएम नीतीश कुमार में हुई नोकझोंक के बाद दोनों के बीच गतिरोध तो खत्म हो गया, लेकिन सदन में गतिरोध जारी है. विपक्षी सदस्य (Opposition On Nitish Kumar Vijay Sinha Issue Resolve) इस मुद्दे को लेकर लगातार हंगामा कर रहे हैं और सदन की कार्यवाही बाधित की जा रही है. विपक्ष इस बात पर अड़ा है कि सदन की गरिमा का ख्याल रखते हुए मुख्यमंत्री को माफी मांगनी चाहिए.
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