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डेंगू के रोकथाम के लिए डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने की बैठक, विभाग को दिये निर्देश

पटना में डेंगू का स्वरूप भयावह होते जा रहा है. गुरुवार को पटना में डेंगू के 166 नए मामले मिले हैं और इसके साथ ही डेंगू के मामलों की संख्या पटना में बढ़कर के 2528 हो गई है. डेंगू के मामले बढ़ने के साथ-साथ अस्पतालों में एडमिट होने वाले डेंगू मरीजों की भी संख्या बढ़ने लगी है. अस्पतालों में डेंगू मरीजों के लिए बेड की संख्या बढ़ाई जा रही है. पटना के सभी बड़े प्राइवेट अस्पतालों में काफी संख्या में डेंगू मरीज एडमिट है. डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य मंत्री तेजस्वी यादव ने बैठक की है.

डिप्टी सीएम
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Published : Oct 13, 2022, 10:47 PM IST

पटना: डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने गुरुवार को डेंगू की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा नगर विकास एवं आवास विभाग के साथ समीक्षा बैठक की. सरकार द्वारा अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान देकर डेंगू की रोकथाम, उपचार और नियंत्रण के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है. नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग द्वारा कचरा प्रबंधन, एन्टी लार्वा फॉगिंग तथा जांच कर निरंतर दवा वितरित की जा रही है. अस्पतालों में जांच और बेड की संख्या बढ़ाई गयी है.

इसे भी पढ़ेंः बिहार में डेंगू के डंक से लोग परेशान, बकरी के दूध की बढ़ी डिमांड


आम नागरिकों से आग्रह किया गया कि घरों में और आसपास पूर्ण साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें. घरों के कूलर, टैंक, ड्रम, बाल्टी आदि में पानी को जमा नहीं रहने दें. पानी एकत्रित होने वाली सभी अनुपयोगी वस्तुएं जैसे टीन के डिब्बे, कांच एव प्लास्टिक की बोतल, नारियल के खोल, पुराने टायर आदि नष्ट कर दें. जमा पानी में दवा का छिड़काव करें. बीते 3 दिनों में डेंगू से दो मरीजों की मौत भी हो गई थी. पटना में डेंगू के डरावने स्वरूप को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने स्कूल कॉलेजों में किसी भी कक्षा के छात्र हों सभी के लिए स्कूल कॉलेज प्रबंधन फुल स्लीव के शर्ट और फुल पैंट मैंडेटरी करने का निर्देश दिया है.

डेंगू के बुखार के स्रोतः इसके प्रसार के लिए एसिड मच्छर मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है. यह मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी में पनपता है. इस मच्छरों का प्रजनन टूटे-फूटे बर्तन, गमला, फूलदान, कूलर, एसी व फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, घर के आस-पास जमा हुए साफ पानी में होता है. ऐसे में इन जगहों पर पानी का जमाव नहीं होने दे.

इसे भी पढ़ेंः पटना: डेंगू से डरें नहीं, बरतें ये सावधानियां


बीमारी का लक्षणः बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों में दर्द, त्वचा में लाल धब्बे इत्यादि. इस बीमारी में बुखार के समय एस्प्रिन या ब्रूफेन की गोलियां भूल कर भी इस्तेमाल नहीं करें.


जिला प्रशासन की एडवाइजरीः दिन में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. मच्छर भगाने वाली क्रीम और दवा का भी प्रयोग करें. पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने और घर में सभी कमरों को साफ सुथरा और हवादार बनाए रखें. इसके साथ ही जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें, गमला फूल दान इत्यादि के पानी को बदलते रहे. जिला प्रशासन ने इस संबंध में एक पेंपलेट भी तैयार कराया है और इसके माध्यम से भी लोगों को डेंगू से बचाव को लेकर जागरूक कर रहा है और पेंपलेट पर सबसे ऊपर लिखा है कि बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है.

पटना: डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने गुरुवार को डेंगू की रोकथाम एवं नियंत्रण के लिए स्वास्थ्य विभाग तथा नगर विकास एवं आवास विभाग के साथ समीक्षा बैठक की. सरकार द्वारा अंतर्विभागीय समन्वय स्थापित कर स्वच्छता अभियान पर विशेष ध्यान देकर डेंगू की रोकथाम, उपचार और नियंत्रण के लिए आवश्यक दिशा निर्देश दिए. बैठक में बताया गया कि डेंगू की रोकथाम के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह सतर्क है. नगर विकास और स्वास्थ्य विभाग द्वारा कचरा प्रबंधन, एन्टी लार्वा फॉगिंग तथा जांच कर निरंतर दवा वितरित की जा रही है. अस्पतालों में जांच और बेड की संख्या बढ़ाई गयी है.

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आम नागरिकों से आग्रह किया गया कि घरों में और आसपास पूर्ण साफ-सफाई की व्यवस्था सुनिश्चित करें. घरों के कूलर, टैंक, ड्रम, बाल्टी आदि में पानी को जमा नहीं रहने दें. पानी एकत्रित होने वाली सभी अनुपयोगी वस्तुएं जैसे टीन के डिब्बे, कांच एव प्लास्टिक की बोतल, नारियल के खोल, पुराने टायर आदि नष्ट कर दें. जमा पानी में दवा का छिड़काव करें. बीते 3 दिनों में डेंगू से दो मरीजों की मौत भी हो गई थी. पटना में डेंगू के डरावने स्वरूप को देखते हुए पटना जिला प्रशासन ने स्कूल कॉलेजों में किसी भी कक्षा के छात्र हों सभी के लिए स्कूल कॉलेज प्रबंधन फुल स्लीव के शर्ट और फुल पैंट मैंडेटरी करने का निर्देश दिया है.

डेंगू के बुखार के स्रोतः इसके प्रसार के लिए एसिड मच्छर मुख्य रूप से जिम्मेदार होता है. यह मच्छर दिन में काटता है और साफ पानी में पनपता है. इस मच्छरों का प्रजनन टूटे-फूटे बर्तन, गमला, फूलदान, कूलर, एसी व फ्रिज के पानी निकासी ट्रे, घर के आस-पास जमा हुए साफ पानी में होता है. ऐसे में इन जगहों पर पानी का जमाव नहीं होने दे.

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बीमारी का लक्षणः बुखार, बदन दर्द, सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द, जोड़ों में दर्द, त्वचा में लाल धब्बे इत्यादि. इस बीमारी में बुखार के समय एस्प्रिन या ब्रूफेन की गोलियां भूल कर भी इस्तेमाल नहीं करें.


जिला प्रशासन की एडवाइजरीः दिन में सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. मच्छर भगाने वाली क्रीम और दवा का भी प्रयोग करें. पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहने और घर में सभी कमरों को साफ सुथरा और हवादार बनाए रखें. इसके साथ ही जमे हुए पानी पर मिट्टी का तेल डालें, गमला फूल दान इत्यादि के पानी को बदलते रहे. जिला प्रशासन ने इस संबंध में एक पेंपलेट भी तैयार कराया है और इसके माध्यम से भी लोगों को डेंगू से बचाव को लेकर जागरूक कर रहा है और पेंपलेट पर सबसे ऊपर लिखा है कि बचाव ही सर्वोत्तम उपाय है.

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