रांची/पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री सह आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) से जुड़े चारा घोटाले के सबसे बड़े मामले में अब 17 अगस्त से बचाव पक्ष अपनी बहस शुरू करेगी. शुक्रवार को रांची व्यवहार न्यायालय (Ranchi Civil Court) स्थित सीबीआई कोर्ट में मामले की सुनवाई हुई.
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सीबीआई की विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत में लालू प्रसाद यादव समेत करीब 20 आरोपियों को छोड़ अन्य 85 आरोपियों की ओर से अदालत में याचिका दायर कर समय की मांग की गयी है. बचाव पक्ष की ओर से याचिका में कहा गया है कि पिछले आदेश के आलोक में हाई कोर्ट जाएंगे, इसलिए समय की मांग की गई है.
वहीं लालू प्रसाद यादव समेत अन्य 20 आरोपियों की ओर से कहा गया कि कुछ दिनों का समय की मांग की गई. बचाव पक्ष की ओर से कहा गया है कि अपने मुवक्किलों से बात कर बहस प्रारंभ करना चाहते हैं. अदालत ने इसके बाद सुनवाई की अगली तारीख 17 अगस्त निर्धारित की. बचाव पक्ष के अधिवक्ता 17 अगस्त से वर्चुअल मोड पर बहस करने को तैयार हैं.
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पिछली सुनवाई के दौरान सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एसके शशि की अदालत ने बचाव पक्ष की ओर से दायर फिजिकल सुनवाई की अर्जी को यह कहा कर खारिज कर दिया था कि मामले में बहस डे-टू-डे के तर्ज पर होगी. जो लोग फिजिकल मोड में करना चाहते हैं. वे लोग अदालत में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर कोरोना महामारी के गाइड लाइन का पालन करते हुए बहस कर सकते हैं. बहस के दौरान अधिकतम पांच व्यक्ति मौजूद रहेंगे. जो लोग वर्चुअल मोड पर बहस करना चाहते हैं, वे लोग कोर्ट की परमिशन पर दस्तावेज देख ले और बहस करें. मामले में बहस के लिए दोनों विकल्प खुले हैं.
डोरंडा कोषागार से 139.35 करोड़ रुपये की अवैध निकासी से जुड़े चारा कांड संख्या आरसी 47ए/96 मामले में लालू प्रसाद यादव, पूर्व सांसद जगदीश शर्मा, डॉ. आरके राणा, पीएसी के तत्कालीन अध्यक्ष ध्रुव भगत, तत्कालीन पशुपालन सचिव बेग जुलियस, तत्कालीन क्षेत्रीय निदेशक डॉ. केएम प्रसाद, पशुपालन अधिकारी डॉ. बीएन शर्मा समेत 110 आरोपी मुकदमा का सामना कर रहे हैं.
सीबीआई ने प्रारंभ में 170 लोगों को आरोपी बनाया था. लालू यादव समेत 147 आरोपियों के खिलाफ आरोप गठित किया गया था. सुनवाई के दौरान अब तक बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. जगन्नाथ मिश्र समेत 37 आरोपियों का निधन हो चुका है.