पटना: बिहार में नगर निकाय चुनाव स्थगित (Municipal Elections Postponed) होने के बाद सियासत तेज हो गई है. सत्तापक्ष बीजेपी को इसके लिए दोषी मान रही है, तो बीजेपी नीतीश कुमार को अतिपिछड़ा विरोधी साबित करने में लग गई है. इसी बीच भाकपा-माले ने भी बीजेपी से पर कई सवाल उठाए हैं. भाकपा ने कहा है कि बीजेपी अतिपिछड़ा विरोधी है और उसके इस साजिश के खिलाफ आठ अक्टूबर को भाकपा माले कार्यकर्ता सड़क पर उतरेंगे.
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भाकपा माले ने बीजेपी से किया सवालः माले ने बीजेपी से पूछा है कि, 2012 और 2017 नगर विकास आपके पास था फिर आप सवाल किससे कर रहे हैं. पहले भी इसी आधार पर चुनाव हो चुका है. सत्ता से बेदखली के बाद बीजेपी बौखलाहट में है. हाइकोर्ट का फैसला भाजपाइयों की साजिश का शिकार हुआ. आरक्षण पर अड़ंगा लगाने वाली भाजपा अब अतिपिछड़ी जातियों से प्रेम का ढोंग न करे. बीजेपी की इस साजिश के खिलाफ भाकपा-माले 8 अक्टूबर को राज्यव्यापी विरोध करेगा.
बीजेपी शुरू से आरक्षण विरोधी रहा हैः भाकपा माले का साफ-साफ मानना है कि भारतीय जनता पार्टी शुरू से ही आरक्षण विरोधी रही है और कभी भी पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज के हक के लिए कोई काम भी नहीं किया है. चाहे वह पंचायत चुनाव हो या नगर निकाय का चुनाव. इसमें जो पहले प्रावधान बनाए गए थे वह जैसा था उसी आधार पर इस बार भी चुनाव करवाया जा रहा था, तो बीजेपी को बताना होगा कि पहले का जो प्रावधान था वह किस स्थिति में बनाया गया था, क्योंकि उस समय में नगर विकास विभाग बीजेपी के पास ही था और बीजेपी के कोटे से ही नगर विकास विभाग के मंत्री बने हुए थे.
भाकपा माले का आठ अक्टूबर को विरोध प्रदर्शनः भाकपा माले के राज्य कमेटी के सचिव कुणाल ने कहा कि पूरे राज्य में 8 अक्टूबर को भाकपा-माले बीजेपी के इस साजिश के खिलाफ प्रदर्शन करेगी. उन्होंने कहा कि वर्ष 2012 और 2017 में भी नगर निकाय के चुनाव करवाए गए थे और उस समय में बिहार में भाजपा सत्ता में था. उस समय किसी भी तरह का रोक नहीं लगा. फिर क्या कारण है कि इस बार हाईकोर्ट ने नगर निकाय के चुनाव पर रोक लगा दी है.कुणाल ने कहा कि कहीं ना कहीं जो हालात देखने को भी मिल रहा है, उसका जिम्मेदार कोई है तो भारतीय जनता पार्टी है. बीजेपी को यह जवाब देना होगा कि आखिर वह पिछड़ा और अति पिछड़ा समाज का इतना घोर विरोधी क्यों है. भाकपा कार्यकर्ताओं का बीजेपी से यह सवाल है कि आखिर 2012 और 17 में जो चुनाव हुए थे, उस समय उन्हें अति पिछड़े समाज की याद क्यों नहीं आई थी और कैसे अतिपिछड़ा समाज को आरक्षण दिए बिना चुनाव करवाया गया था.
"बीजेपी से यह सवाल है कि आखिर 2012 और 17 में जो चुनाव हुए थे, उस समय उन्हें अति पिछड़े समाज की याद क्यों नहीं आई थी और कैसे अतिपिछड़ा समाज को आरक्षण दिए बिना चुनाव करवाया गया था. 012 और 2017 नगर विकास आपके पास था फिर आप सवाल किससे कर रहे हैं. पहले भी इसी आधार पर चुनाव हो चुका है. बीजेपी को बताना होगा कि पहले का जो प्रावधान था वह किस स्थिति में बनाया गया था. 8 अक्टूबर को भाकपा-माले बीजेपी के इस साजिश के खिलाफ प्रदर्शन करेगी" -कुणाल कुमार, राज्य सचिव भाकपा-माले
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