पटना: कोरोना महामारी के बीच बिहार विधानसभा चुनाव कराए जा रहे हैं. चुनाव आयोग के लिए मतदान प्रतिशत में इजाफा करना बड़ी चुनौती रहेगी. इस संबंध में आयोग ने निर्णय लिया है कि कोरोना पीड़ित मरीज अस्पताल वैसे मरीज जो अस्पताल में भर्ती होंगे, वे अस्पताल प्रबंधन की मदद से अपना वोट दे सकेंगे.
जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम को निर्देश जारी
बिहार के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्रीनिवास ने इस संबंध में सभी जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह डीएम को निर्देश जारी कर दिए हैं. श्रीनिवास ने ये भी बताया कि जो भी कोरोना मरीज या संदिग्ध होम आइसोलेशन में हैं, वे अपने परिवार के सहयोग से बैलट पेपर जारी कराने की प्रक्रिया कर सकेंगे.
कोरोना मरीज पोस्टल बैलट के जरिए करेंगे मतदान
अस्पताल में भर्ती कोरोना मरीज को अस्पताल अधीक्षक के जरिए पोस्टल बैलट के लिए फॉर्म 12-घ उपलब्ध कराया जाएगा. इसके बाद उन्हें विधानसभा चुनाव में मतदान के लिए पोस्टल बैलट जारी कराने की प्रक्रिया करनी होगी. चूंकि कोरोना मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है, इसको लेकर कोई पुख्ता जानकारी उपलब्ध नहीं है. इसलिए अस्पताल में भर्ती संक्रमित लोगों को अस्पताल अधीक्षक के जरिए पोस्टल बैलेट की सुविधा प्रदान करने का निर्देश दिया गया है.
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बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं के लिए विशेष व्यवस्था
वहीं 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं एवं दिव्यांगों को घर पर ही बूथ लेबल ऑफिसर के माध्यम से फॉर्म 12 - घ भेजा जाएगा. पोस्टल बैलट की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. श्रीनिवास ने बताया कि 80 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाताओं और दिव्यांगों की सूची चुनाव आयोग के पास है. उनको बीएलओ घर जाकर फॉर्म 12 - घ देंगे और पोस्टर बैलेंट के माध्यम से मतदान करा कर उस इकट्ठा करेंगे.
कोरोना से ठीक हुए डीएम को बनाया गया रोल-मॉडल
श्रीनिवास ने यह भी कहा कि जो डीएम कोरोना संक्रमित होकर ठीक हुए हैं आयोग उन्हें मॉडल के रूप में इस्तेमाल कर उनका वीडियो और अखबारों में तस्वीर देख कर मतदाताओं को जागरूक कर रही है.