पटनाः बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार में जंग छिड़ी है. यह जंग लालू के दो बेटों के बीच है, जो अब खुलकर सामने आ रही है. एक तरफ बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव हैं तो दूसरी तरफ उनके बड़े भाई और पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेज प्रताप यादव. इन दोनों के बीच मचे शीत युद्ध में राजद समेत महागठबंधन के तमाम दलों की प्रतिष्ठा दांव पर लगी है.
जहां विपक्षी दल इसे पारिवारिक विवाद न मानकर आरजेडी का विवाद मान रहे हैं. वहीं आरजेडी नेता इस पर लगातार पारिवारिक विवाद का ठप्पा लगा रहे हैं. बीजेपी नेता मिथिलेश तिवारी ने कहा कि तेजस्वी अब इस मामले को ज्यादा टाल नहीं सकते, वह कुछ भी कहें लेकिन मामला गंभीर है. शुरू से ही परिवार में तेज प्रताप को दरकिनार किया गया है और अब तेजप्रताप यादव ने जो स्टैंड लिया है वह बिल्कुल सही है.
हालांकि राजद नेता इस बात से इनकार करते हैं. राजद नेता मानते हैं कि कुछ सीटों को लेकर चर्चा चल रही है और जैसे ही मजबूत प्रत्याशी मिलता है इसकी घोषणा कर दी जाएगी.
खुलकर सामने आ रही अनबन
यह महज जहानाबाद, शिवहर और सारण का मामला नहीं है यह महज कुछ सीटों का या टिकट का मामला भी नहीं है. यह लड़ाई बिहार के सबसे बड़े सियासी परिवार की है, यह लड़ाई है लालू राबड़ी परिवार की जहां दो भाइयों के बीच अघोषित रूप से शीत युद्ध चल रहा है. जिस तरह जहानाबाद और शिवहर को लेकर तेज प्रताप यादव ने मोर्चा खोल रखा है उससे यह अनबन अब खुलकर सामने आ रही है.