पटना: बिहार का सत्ताधारी दल जेडीयू के राज्यहित के मुद्दे पर मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी के खुलेआम ऑफर के बीच मृत्युंजय तिवारी ने उपेन्द्र कुशवाहा से मुलाकात की (Meeting of Upendra Kushwaha and Mrityunjay Tiwari) है. जिसके बाद बिहार की सियासत में चर्चाओं का बाजार गर्म है. भले ही मृत्युंजय तिवारी ने इसको अपनी निजी मुलाकात बताया हो, लेकिन कांग्रेस इसे गलत नहीं मानती है.
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कांग्रेस का कहना है कि बिहार में जातीय जनगणना पर अगर बात हो रही है, तो कांग्रेस के लिए अच्छी बात है. कांग्रेस इस मुद्दे पर जेडीयू के साथ है. आरजेडी अगर पहल कर रहा है, तो इसमें बुराई क्या है.
कांग्रेस प्रवक्ता राजेश राठौड़ का कहना है कि विशेष राज्य का मुद्दा हो या जातीय जनगणना का सभी मुद्दों पर कांग्रेस मुख्यमंत्री के विचार के साथ है. कुल मिलाकर देखें तो कांग्रेस अब इस मुद्दे पर पूरी तरह से आरजेडी के साथ आ गई है. कांग्रेस के नेता अब यह खुलेआम कह रहे हैं कि जातीय जनगणना पर जो बात आरजेडी कह रही है, हम उसके साथ हैं. ये सभी पूरे देश के ऐसे लोगों के भलाई के लिए है जो विकास से कोसों दूर है.
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बता दें कि दो दिन पूर्व ही आरजेडी के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने कहा था कि जातीय जनगणना पर नीतीश के साथ आरजेडी खड़ा रहेगा, लेकिन नीतीश के सहयोगी दल जनगणना पर अलग राय रख रहे, जो मंत्री नीतीश कुमार की नीति का समर्थन नहीं करते, उसे हटा देना चाहिये. यह मुख्यमंत्री के अधिकार क्षेत्र में है. बिहार के हित की बात जहां भी होगी वहां उनकी पार्टी नीतीश के साथ खड़ी रहेगी.
फिलहाल, आरजेडी के प्रवक्ता और जेडीयू के वरिष्ठ नेता के इस मुलाकात को मात्र संयोग नहीं माना जा सकता है. अब देखने वाली बात होगी कि आने वाले दिनों में इन नेताओं की मुलाकत बिहार की सियासत में क्या हलचल मचाती है.
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