पटना: कोरोना के बाद सीएए (itizenship Amendment Act) को देशभर में लागू करने के केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान (Amit Shah on CAA) के बाद विपक्षी दल तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त कर रहे हैं. आरजेडी की ओर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने एक बार फिर साफ कर दिया है कि सीएए और एनआरसी पर हमारा स्टैंड स्पष्ट है. राष्ट्रीय जनता दल हमेशा इसका विरोध करता रहेगा. अब कांग्रेस ने अब सीएए को लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना (Congress attacks CM Nitish Kumar Over CAA) साधा है और उनसे जवाब की मांग की है.
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'सीएए एनआरसी पर सीएम को जवाब देना चाहिए. चित भी मेरी, पट भी मेरी. हम विरोध भी कर रहे हैं और साथ भी हैं. ये कौन राजनीति है भाई. आपको करना है तो उनके साथ जाकर कीजिये, अगर नहीं करना है तो हटिये जहां से हैं.' -मदन मोहन झा, प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष
सामाजिक सौहार्द बिगाड़ना चाहती है बीजेपी: प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष मदन मोहन झा ने भाजपा को लेकर भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि बीजेपी पर आरएसएस के लोग देश में हनुमान चालीसा पढ़कर देश का माहौल लगातार बिगाड़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि क्या जरूरी है मस्जिद के सामने हनुमान चालीसा पढ़ना. क्या उसे वे अपने घर में नहीं पढ़ते हैं. क्या दिखाना चाहते हैं ये हमें नहीं मालूम. इतना जरूर कर रहे हैं कि देश का सामाजिक सौहार्द को बिगाड़ना चाहते हैं .वे लोग विकास का काम कुछ कर नहीं रहे हैं. वे ऐसा काम करते हैं जिससे लोग आपस डिवाइड हों, लड़े भिड़ें.
तेजस्वी ने किया था विरोध: नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने सीएए पर कहा था कि पहले ही जनता दल यूनाइटेड (Janta Dal United) ने सदन में सरकार को समर्थन दे दिया है. बावजूद इसके उनके नेता कुछ से कुछ बोलते रहते हैं. उन्होंने कहा कि सीएए और एनआरसी पर हमारा स्टैंड स्पष्ट है. राष्ट्रीय जनता दल हमेशा इसका विरोध करता रहेगा.
'हम लोगों ने इसका सदन में सीएए का पुरजोर विरोध किया था. लोग सड़क पर भी आए थे और आज जब यह मामला सामने आया है तो जदयू के नेता कुछ से कुछ बयान बाजी कर रहे हैं. लोग समझते हैं कि कौन पक्ष में है और कौन विपक्ष में है और कौन इस मुद्दे पर राजनीति कर रहा है.''- तेजस्वी यादव,नेता प्रतिपक्ष, बिहार
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सीएए को लेकर अब तक क्या हुआ है?: 11 दिसंबर 2019 को संसद में नागरिकता संशोधन अधिनियम बिल पारित किया गया था. तब केंद्र सरकार ने बताया था कि CAA का उद्देश्य पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान के हिंदुओं, सिखों, जैनियों, बौद्धों, पारसियों और ईसाइयों जैसे प्रताड़ित अल्पसंख्यकों को भारतीय नागरिकता प्रदान करना है. नागरिकता संशोधन अधिनियम के अनुसार, भारत के पड़ोसी देशों में रहने वाले जो लोग धार्मिक उत्पीड़न से तंग आकर 31 दिसंबर, 2014 तक भारत आए थे, उन्हें अवैध प्रवासी नहीं माना जाएगा और उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी. 12 दिसंबर को इस बिल को राष्ट्रपति की मंजूरी प्राप्त हुई थी. इसके बाद गृह मंत्रालय ने इसे अधिसूचित किया था. हालांकि, कानून अभी लागू होना बाकी है. बताया जाता है कि CAA के तहत नियम अभी बने नहीं हैं. करीब तीन साल तक इस बिल को लागू नहीं करने पर विपक्षी दलों ने सवाल खड़े किए थे.
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