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राजभवन पर भ्रष्टाचार की आंच! बिहार सरकार और राजभवन के रिश्तों में आई खटास, पशोपेश में BJP - Conflict between government and Raj Bhavan

बिहार के विश्वविद्यालय (Universities of Bihar) में एक के बाद एक कई खुलासों के बाद बिहार सरकार और राजभवन के बीच तनाव (Tension between Bihar government and Raj Bhavan) बढ़ गया है. मगध विश्वविद्यालय कुलपति भ्रष्टाचार मामला (Magadh University VC) का खुलासा होने के बाद से बिहार में बखेड़ा खड़ा हो गया है. भ्रष्टाचार में राजभवन की भूमिका पर एनडीए (NDA) के सहयोगी दल सवाल खड़े कर रहे हैं. पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

बिहार सरकार और राजभवन के बीच तनाव
बिहार सरकार और राजभवन के बीच तनाव
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Published : Nov 25, 2021, 10:39 PM IST

पटना: बिहार के विश्वविद्यालय (Universities of Bihar) लूट खसोट का अड्डा बन कर रह गए हैं. मगध विश्वविद्यालय (Magadh University) के कुलपति के घर स्पेशल विजिलेंस यूनिट की छापेमारी (Special Vigilance Unit) हुई. विजिलेंस को करोड़ों रुपए की संपत्ति का पता लगा, जिसके बाद बिहार में बवाल मच गया. दरअसल, भ्रष्टाचार के जरिए कुलपति ने अकूत संपत्ति जमाकर रखी थी. जांच एजेंसी को नोट गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ी थी.

ये भी पढ़ें- VC विवाद को लेकर बिहार सरकार और राजभवन के बीच बढ़ी दूरी, पुरानी है तकरार की ये कहानी

राजेंद्र प्रसाद के घर पर छापेमारी के दौरान तकरीबन एक करोड़ रुपए के नकद गहने और कई प्लॉट के कागजात जांच एजेंसियों के हाथ लगे थे. जांच के दौरान ही कुलपति को राजभवन की ओर से छुट्टी दे दी गई और उसके बाद से विवाद खड़ा हो गया.

देखें रिपोर्ट

भ्रष्टाचार का एक और मामला अरबी फारसी विश्वविद्यालय (Arabic Persian University) में भी सामने आया. सरकार ने राज्यपाल को पत्र लिखकर मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रोफेसर समरेंद्र प्रताप सिंह पर लगे आरोप की जांच करने को कहा है. बता दें कि अरबी फारसी विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर कुद्दूस ने तत्कालीन प्रभारी कुलपति समरेंद्र प्रताप सिंह पर गंभीर आरोप लगाए. जिसके बाद बिहार सरकार ने राज्यपाल फागू चौहान (Governor Phagu Chauhan) को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी.

ये भी पढ़ें- भ्रष्टाचार के आरोपी एसपी सिंह को मिला बेस्ट VC का अवार्ड, राज्यपाल ने राजभवन में किया सम्मानित

बता दें कि राज्यपाल ने आरोपी प्रोफेसर समरेंद्र प्रताप सिंह को बेस्ट चांसलर के वार्ड से मंगलवार को सम्मानित भी कर दिया. हालांकि, सम्मान समारोह से जदयू कोटे के मंत्रियों ने दूरी बना ली थी और तब से ही विवाद खड़ा हो गया. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Vijay Choudhary) ने पूरे घटनाक्रम पर नाराजगी भी जाहिर की. पूरे घटनाक्रम के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में के सहयोगी दल हम पार्टी ने सीधे राजभवन पर हमला बोल दिया. पार्टी की ओर से कई गंभीर आरोप भी लगाए गए.

हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि बिहार में उच्च शिक्षा भ्रष्टाचार का अखाड़ा बनकर रह गया है और राजभवन की भूमिका संदिग्ध है राजभवन से कुछ लोग भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे हैं. वहीं, राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि राजभवन भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का काम कर रहा है. ज्यादातर कुलपतियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं और अधिकारी लूटपाट में लगे हैं.

ये भी पढ़ें- बिहार के विश्वविद्यालयों में भ्रष्टाचार पर बोले राज्यपाल- जो सवाल उठा रहे हैं वही जवाब देंगे

भाजपा प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा कि जो भी मामला सामने आया है उसकी जांच चल रही है और उचित समय पर उचित कार्रवाई की जाएगी. भ्रष्टाचार के साथ पार्टी कोई समझौता नहीं करती है. वहीं, जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. जो भी भ्रष्टाचार में सम्मिलित पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

एनडीए के उप नेता और शिक्षाविद नवल किशोर यादव ने कहा है कि राजभवन और सरकार में कोई टकराव नहीं है, लेकिन चोर को चोर कहने में कोई बुराई नहीं है. राजभवन से कुछ लोग गड़बड़ी कर रहे हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए. भ्रष्टाचार के मामले को लेकर पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास महामहिम को पत्र लिखकर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है. अमिताभ कुमार दास ने कहा कि भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी को संरक्षण दिया जा रहा है.

वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि भले ही राजभवन पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के सामने विकल्प सीमित हैं. उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद ही राज्यपाल को लेकर भाजपा कोई अंतिम फैसला करेगी. भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उत्तर प्रदेश चुनाव के पहले कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता है. राज्यपाल का मसला हो या बिहार प्रभारी को लेकर हरीश द्विवेदी का मसला हो भाजपा किसी भी विवाद में पढ़ने से परहेज कर रही है.

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पटना: बिहार के विश्वविद्यालय (Universities of Bihar) लूट खसोट का अड्डा बन कर रह गए हैं. मगध विश्वविद्यालय (Magadh University) के कुलपति के घर स्पेशल विजिलेंस यूनिट की छापेमारी (Special Vigilance Unit) हुई. विजिलेंस को करोड़ों रुपए की संपत्ति का पता लगा, जिसके बाद बिहार में बवाल मच गया. दरअसल, भ्रष्टाचार के जरिए कुलपति ने अकूत संपत्ति जमाकर रखी थी. जांच एजेंसी को नोट गिनने के लिए मशीन मंगवानी पड़ी थी.

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राजेंद्र प्रसाद के घर पर छापेमारी के दौरान तकरीबन एक करोड़ रुपए के नकद गहने और कई प्लॉट के कागजात जांच एजेंसियों के हाथ लगे थे. जांच के दौरान ही कुलपति को राजभवन की ओर से छुट्टी दे दी गई और उसके बाद से विवाद खड़ा हो गया.

देखें रिपोर्ट

भ्रष्टाचार का एक और मामला अरबी फारसी विश्वविद्यालय (Arabic Persian University) में भी सामने आया. सरकार ने राज्यपाल को पत्र लिखकर मौलाना मजहरूल हक अरबी फारसी विश्वविद्यालय के तत्कालीन प्रभारी कुलपति प्रोफेसर समरेंद्र प्रताप सिंह पर लगे आरोप की जांच करने को कहा है. बता दें कि अरबी फारसी विश्वविद्यालय के नवनियुक्त कुलपति प्रोफेसर कुद्दूस ने तत्कालीन प्रभारी कुलपति समरेंद्र प्रताप सिंह पर गंभीर आरोप लगाए. जिसके बाद बिहार सरकार ने राज्यपाल फागू चौहान (Governor Phagu Chauhan) को पत्र लिखकर जांच की मांग की थी.

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बता दें कि राज्यपाल ने आरोपी प्रोफेसर समरेंद्र प्रताप सिंह को बेस्ट चांसलर के वार्ड से मंगलवार को सम्मानित भी कर दिया. हालांकि, सम्मान समारोह से जदयू कोटे के मंत्रियों ने दूरी बना ली थी और तब से ही विवाद खड़ा हो गया. शिक्षा मंत्री विजय चौधरी (Vijay Choudhary) ने पूरे घटनाक्रम पर नाराजगी भी जाहिर की. पूरे घटनाक्रम के बाद राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन में के सहयोगी दल हम पार्टी ने सीधे राजभवन पर हमला बोल दिया. पार्टी की ओर से कई गंभीर आरोप भी लगाए गए.

हम पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि बिहार में उच्च शिक्षा भ्रष्टाचार का अखाड़ा बनकर रह गया है और राजभवन की भूमिका संदिग्ध है राजभवन से कुछ लोग भ्रष्टाचार को संरक्षण दे रहे हैं. वहीं, राजद के प्रवक्ता चितरंजन गगन ने कहा कि राजभवन भ्रष्टाचारियों को संरक्षण देने का काम कर रहा है. ज्यादातर कुलपतियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप हैं और अधिकारी लूटपाट में लगे हैं.

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भाजपा प्रवक्ता अखिलेश सिंह ने कहा कि जो भी मामला सामने आया है उसकी जांच चल रही है और उचित समय पर उचित कार्रवाई की जाएगी. भ्रष्टाचार के साथ पार्टी कोई समझौता नहीं करती है. वहीं, जदयू प्रवक्ता अरविंद निषाद ने कहा कि भ्रष्टाचार के मामले में किसी को भी बख्शा नहीं जाएगा. जो भी भ्रष्टाचार में सम्मिलित पाए जाएंगे उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी.

एनडीए के उप नेता और शिक्षाविद नवल किशोर यादव ने कहा है कि राजभवन और सरकार में कोई टकराव नहीं है, लेकिन चोर को चोर कहने में कोई बुराई नहीं है. राजभवन से कुछ लोग गड़बड़ी कर रहे हैं उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जानी चाहिए. भ्रष्टाचार के मामले को लेकर पूर्व आईपीएस अमिताभ कुमार दास महामहिम को पत्र लिखकर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग की है. अमिताभ कुमार दास ने कहा कि भ्रष्टाचार में संलिप्त अधिकारी को संरक्षण दिया जा रहा है.

वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का मानना है कि भले ही राजभवन पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं, लेकिन केंद्रीय नेतृत्व के सामने विकल्प सीमित हैं. उत्तर प्रदेश चुनाव के बाद ही राज्यपाल को लेकर भाजपा कोई अंतिम फैसला करेगी. भारतीय जनता पार्टी का केंद्रीय नेतृत्व उत्तर प्रदेश चुनाव के पहले कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता है. राज्यपाल का मसला हो या बिहार प्रभारी को लेकर हरीश द्विवेदी का मसला हो भाजपा किसी भी विवाद में पढ़ने से परहेज कर रही है.

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