पटनाः मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) के जनता दरबार (Janta Darbar) में सासाराम से पहुंचा एक फरियादी अपनी समस्याएं सुनाते-सुनाते रो पड़ा. मुख्यमंत्री से उन्होंने कहा कि वे बहुत कष्ट में हैं. समस्या के निदान के लिए कहीं जाते हैं तो लोग नेतागिरी करने का तंज कसते हैं.
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दरअसल, सोमवार को जनता दरबार में लोगों की फरियाद सुनने के क्रम में सासाराम से एक फरियादी पहुंचा. फरियादी ने बताया कि वह भूमि विकास से रिटायर हुए हैं, लेकिन 2007 का बकाया उन्हें अब तक भुगतान नहीं किया गया है. इसके बाद अपनी पारिवारिक समस्याओं का जिक्र करते हुए फरियादी रो पड़ा.
"सर.. हम भूमि विकास बैंक से हैं. सासाराम से 2007 में रिटायर किए हैं. आज तक मेरा बकाया पैसा नहीं मिला है. बहुत कष्ट में हैं. मां मर गई. भाई बीमार पड़ा है. बेटी की शादी में दो बीघा जमीन गिरवीं रख दिए हैं. कोई सुनने वाला नहीं हैं. कहीं जाते हैं तो लोग कहते हैं कि नेतागिरी करता है."- फरियादी
फरियादी को रोते हुए देख सीएम ने तुरंत अधिकारियों को उन्हें ले जाने के लिए कहा और समस्या निदान का आश्वासन दिया. बता दें कि मुख्यमंत्री आज ग्रामीण विकास, ग्रामीण कार्य विभाग, पंचायती राज, ऊर्जा विभाग, पथ निर्माण विभाग, लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग संबंधित शिकायतों और समस्याओं को सुन रहे हैं.
इसके अलावा मुख्यमंत्रीकृषि विभाग, सहकारिता विभाग, पशु एवं मत्स्य संसाधन विभाग, जल संसाधन विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, नगर विकास एवं आवास विभाग, खाद्य उपभोक्ता संरक्षण विभाग, परिवहन विभाग, आपदा प्रबंधन विभाग, वन एवं पर्यावरण विभाग की शिकायतें भी सुन रहे हैं.
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कड़ी सुरक्षा और कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए जनता दरबार में फरियादी पहुंच रहे हैं. इस दौरान संबंधित विभाग के अधिकारी भी मौजूद हैं. संबंधित विभागों के मंत्री भी सक्रिय हैं, क्या पता सीएम कब किसे फोन घुमा दें.
बता दें कि जनता दरबार का कार्यक्रम मुख्यमंत्री सचिवालय संवाद परिसर में चल रहा है. इसको लेकर कड़े सुरक्षा के इंतजाम किए गए हैं. अभी सीमित संख्या में ही लोगों को इस कार्यक्रम में भाग लेने की अनुमति दी जा रही है. जनता दरबार में जिन लोगों को बुलाया जा रहा है. यहां ध्यान दें कि जनता दरबार में शामिल होने के लिए पहले रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है. इसके बाद कोरोना जांच की रिपोर्ट निगेटिव होने पर ही कार्यक्रम का हिस्सा बना जाता है.
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