पटनाः बिहार के कई जिलों में बाढ़ का कहर (Flood In Bihar) जारी है. लाखों की आबादी इसकी त्रासदी को झेल रही है. इस बीच बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) आज भी कई बाढ़ प्रभावित इलाकों का सड़क मार्ग से दौरा कर रहे हैं. इस दौरान वे पटना से सटे इलाकों में जाकर हालातों का जायजा ले रहे हैं.
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बाढ़ प्रभावित इलाकों के निरीक्षण के दौरान मुख्यमंत्री लोगों की राहत के लिए बनाए गए राहत शिविरों का भी जायजा ले रहे हैं. वहां वे बाढ़ पीड़ितों से मिलकर मिल रही सुविधाओं की भी जानकारी हासिल कर रहे हैं. इस कड़ी में मुख्यमंत्री पटना और सारण के कई बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा करेंगे.
बता दें कि 2 दिन पहले भी मुख्यमंत्री ने पटना जिले के साथ गंगा से सटे कई इलाकों का सड़क मार्ग से जायजा लिया था. सीएम ने पहले सड़क मार्ग से गंगा नदी के जलस्तर को देखा था उसके बाद हवाई सर्वेक्षण भी किया था. बताते चलें कि पिछले कई दिनों से गंगा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.
सीएम ने सर्वेक्षण के बाद आला अधिकारियों और 12 जिलों के डीएम के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से बैठक की थी. मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को कई निर्देश दिया था. उन्होंने जल संसाधन विभाग और 12 जिलों के डीएम को अलर्ट रहने का निर्देश दिया था.
मुख्यमंत्री ने पटना मुख्य नहर के दीघा तक और एलसीटी घाट पर सुरक्षा दीवार का भी जायजा लिया था. उन्होने निरीक्षण के दौरान दीघा घाट, भद्र घाट, कंगन घाट और गांधी घाट पहुंचकर गंगा के बढ़े हुए जल स्तर का भी मुआयना किया था. जेपी सेतु पर रुककर गंगा की धारा देखने के बाद मुख्यमंत्री ने सोनपुर और हाजीपुर के क्षेत्रों का भी जायजा लिया.
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मुख्यमंत्री ने गंगा किनारे घनी आबादी वाले इलाकों में रिसाव को बंद करने के लिए तुरंत उपाय करने का निर्देश अधिकारियों को दिया था. साथ ही खतरनाक घाटों और अधिक जलस्तर वाले प्वाइंट्स पर सुरक्षाकर्मियों को तैनात रहने का निर्देश दिया था.
गंगा नदी के किनारे बसे 12 जिलों के निचले हिस्सों में बाढ़ आई है. कई दियारा इलाके डूब चुके हैं. राजधानी पटना पर भी बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. जानकारों का कहना है कि अगर अब अगर कुछ घंटों की मूसलाधार बारिश भी होगी, तो पटना जलमग्न हो जाएगा.