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लाउडस्पीकर विवाद पर बोले CM नीतीश कुमार- 'सबको अपने धर्म का पालन करने की आजादी...' - etv bharat

लाउडस्पीकर विवाद पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Chief Minister Nitish Kumar) ने बड़ा बयान दिया है. साथ ही उन्होंने लोगों को इस विवाद से दूर रहते हुए आपसी सौहार्द बनाए रखने की अपील की है. उन्होंने कहा कि सभी को आपस में प्रेम और भाईचारे का माहौल रखना चाहिए.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
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Published : Apr 18, 2022, 4:31 PM IST

Updated : Apr 18, 2022, 6:43 PM IST

पटना: वर्तमान में देशभर में लाउडस्पीकर को लेकर विवाद (Controversy over loudspeakers) चल रहा है. खासतौर से धार्मिक लाउडस्पीकर पर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की बयानबाजी तेज हो गई है. इस मामले पर जनता दरबार कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Statement on Loudspeakers Controversy) ने कहा कि इस मामले को लेकर जिसके जो मन में आता है वो बोलता रहता है.

ये भी पढ़ें- बोले CM नीतीश- प्रशांत किशोर के साथ मेरा व्यक्तिगत संबंध, राजनीतिक रूप से काम करने के लिए सभी स्वतंत्र

''हम लोग तो यही चाहेंगे कि आपस में प्रेम और भाईचारे का माहौल रखना चाहिए. कोई भी किसी भी धर्म या मजहब को मानने वाला हो, सभी का अपना अपना तरीका है. सभी अपने ढंग से करे. लेकिन इसको लेकर आपस में विवाद नहीं करना चाहिए. ये बहुत जरूरी चीज है. सभी अपने-अपने धर्म का पालन कीजिए, कोई रोके हुए थोड़े ही है. लेकिन आप सचमुच पूजा में विश्वास रखते हैं तो ठीक से पूजा करिएगा, तब ना.. एक दूसरे से झगड़े में पूजा का कोई संबंध है?''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

लाउडस्पीकर को लेकर सियासत: दरअसल, मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान को लेकर देशभर में विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी समेत हिंदू संगठनों ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है. बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गोवा समेत कई राज्यों में हिंदू संगठनों और बीजेपी मस्जिदों से लाउडस्पीकर को हटाने की बात कह रहे हैं. लाउडस्पीकर विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने लाउडस्पीकर को लेकर एक आदेश पारित किया था, जो उसने 2005 में दिया था.

लाउडस्पीकर पर 'सुप्रीम' आदेश: 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी सार्वजनिक स्थल पर रात 10 से सुबह 6 बजे तक शोर करने वाले उपकरणों पर पाबंदी लगाई थी. इस आदेश के तहत लाउडस्पीकर से लेकर तेज आवाज वाले म्यूजिक बजाना, पटाखे चलाने से लेकर हॉर्न बजाने पर रोक लगाई थी. चीफ जस्टिस आरसी लाहोटी और जस्टिस अशोक भान की खंडपाठ ने ये आदेश दिया था. खंडपीठ ने अपने आदेश में रात के वक्त किसी भी ध्वनि प्रदूषण करने वाले उपकरण के उपयोग पर रोक लगाई थी.

ध्वनि तीव्रता की सीमा: ध्वनि प्रदूषण अधिनियम नियम 2000 के मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र के लिए दिन में 75 डेसिबल और रात में 70 डेसिबल तीव्रता की सीमा तय की गई है. कामर्शिलय क्षेत्र के लिए दिन में 65 डेसिबल और रात में 55 डेसिबल, आवासीय क्षेत्र के लिए दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल तय की गई है. शांत क्षेत्र के लिए दिन में 50 डेसिबल और रात में 40 डेसिबल की तीव्रता तय की गई है. दिन का मतलब सुबह 6 से लेकर रात के 10 बजे तक और रात का मतलब रात्रि 10 से सुबह 6 बजे तक है.

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पटना: वर्तमान में देशभर में लाउडस्पीकर को लेकर विवाद (Controversy over loudspeakers) चल रहा है. खासतौर से धार्मिक लाउडस्पीकर पर राजनीतिक पार्टियों के नेताओं की बयानबाजी तेज हो गई है. इस मामले पर जनता दरबार कार्यक्रम के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Statement on Loudspeakers Controversy) ने कहा कि इस मामले को लेकर जिसके जो मन में आता है वो बोलता रहता है.

ये भी पढ़ें- बोले CM नीतीश- प्रशांत किशोर के साथ मेरा व्यक्तिगत संबंध, राजनीतिक रूप से काम करने के लिए सभी स्वतंत्र

''हम लोग तो यही चाहेंगे कि आपस में प्रेम और भाईचारे का माहौल रखना चाहिए. कोई भी किसी भी धर्म या मजहब को मानने वाला हो, सभी का अपना अपना तरीका है. सभी अपने ढंग से करे. लेकिन इसको लेकर आपस में विवाद नहीं करना चाहिए. ये बहुत जरूरी चीज है. सभी अपने-अपने धर्म का पालन कीजिए, कोई रोके हुए थोड़े ही है. लेकिन आप सचमुच पूजा में विश्वास रखते हैं तो ठीक से पूजा करिएगा, तब ना.. एक दूसरे से झगड़े में पूजा का कोई संबंध है?''- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री

लाउडस्पीकर को लेकर सियासत: दरअसल, मस्जिदों में लाउडस्पीकर से अजान को लेकर देशभर में विवाद शुरू हो गया है. बीजेपी समेत हिंदू संगठनों ने मस्जिदों में लाउडस्पीकर के इस्तेमाल पर रोक लगाने की मांग की है. बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गोवा समेत कई राज्यों में हिंदू संगठनों और बीजेपी मस्जिदों से लाउडस्पीकर को हटाने की बात कह रहे हैं. लाउडस्पीकर विवाद के बीच सुप्रीम कोर्ट ने लाउडस्पीकर को लेकर एक आदेश पारित किया था, जो उसने 2005 में दिया था.

लाउडस्पीकर पर 'सुप्रीम' आदेश: 2005 में सुप्रीम कोर्ट ने किसी भी सार्वजनिक स्थल पर रात 10 से सुबह 6 बजे तक शोर करने वाले उपकरणों पर पाबंदी लगाई थी. इस आदेश के तहत लाउडस्पीकर से लेकर तेज आवाज वाले म्यूजिक बजाना, पटाखे चलाने से लेकर हॉर्न बजाने पर रोक लगाई थी. चीफ जस्टिस आरसी लाहोटी और जस्टिस अशोक भान की खंडपाठ ने ये आदेश दिया था. खंडपीठ ने अपने आदेश में रात के वक्त किसी भी ध्वनि प्रदूषण करने वाले उपकरण के उपयोग पर रोक लगाई थी.

ध्वनि तीव्रता की सीमा: ध्वनि प्रदूषण अधिनियम नियम 2000 के मुताबिक औद्योगिक क्षेत्र के लिए दिन में 75 डेसिबल और रात में 70 डेसिबल तीव्रता की सीमा तय की गई है. कामर्शिलय क्षेत्र के लिए दिन में 65 डेसिबल और रात में 55 डेसिबल, आवासीय क्षेत्र के लिए दिन में 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल तय की गई है. शांत क्षेत्र के लिए दिन में 50 डेसिबल और रात में 40 डेसिबल की तीव्रता तय की गई है. दिन का मतलब सुबह 6 से लेकर रात के 10 बजे तक और रात का मतलब रात्रि 10 से सुबह 6 बजे तक है.

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Last Updated : Apr 18, 2022, 6:43 PM IST
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