पटनाः जनता दरबार के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish On Sharabbandi) ने पत्रकारों से बातचीत की. सीएम नीतीश कुमार ने शराबबंदी पर मांझी के बयान के बारे में भी बातें की. उन्होंने कहा कि जब कोई बेहतर काम करता है तो कुछ लोग उसके खिलाफ भी रहते हैं. लेकिन सभी लोगों ने एक साथ शराब नहीं पीने की शपथ ली थी.
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'हम बता देना चाहते हैं कि विधानसभा और विधानपरिषद में सभी ने शराब ना पीने की सर्वसम्मति से शपथ ली थी. अभी हम लोगों ने 26 नवंबर को एक कार्यक्रम किया. पूरे बिहार में सभी सरकारी अधिकारी ने शपथ ली. एनडीए की मीटिंग में भी हम लोगों ने हाथ उठा कर दुबारा शपथ ली थी. उसके बाद भी कोई कुछ टिप्पणी करते हैं, तो यह विचित्र बात है. हम कहेंगे कि सभी को जागरूक कीजिए. इस बार भी हम बिहार में यात्रा पर जाएंगे तो लोगों को बताएंगे कि शराब पीना काफी हानिकारक है. लेकिन हमेशा हम कहते हैं, आप जितना भी बढ़िया काम करें, सब उसके स्वीकार नहीं कर सकते. ऐसे लोग 10 प्रतिशत में आते हैं. कुछ लोग गड़बड़ होते ही हैं. लेकिन हम लोगों को सजग कर रहे हैं. चारों तरफ बराबर शराब पकड़ा रहे हैं. आप देख रहे हैं. राजधानी में ज्यादा ध्यान देने पर ही सारी चीजें ठीक होंगी. यहां सख्ती रही तो हर जगह सख्ती रहेगी.' -नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
बता दें कि जीतन राम मांझी के बयान पर पूछे सवाल पर उन्होंने कहा कि सभी लोगों ने संकल्प लिया है. उसके बाद भी कुछ लोग कुछ भी बोल दे रहे हैं, तो मुझे कुछ नहीं कहना है. पटना में लगातार हो रही शराब की बरामदगी के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग तो गड़बड़ कर ही रहे हैं. अधिकारियों को मैंने पहले ही कह रखा है कि पटना को कंट्रोल में कीजिए.
शराबबंदी पर मांझी के बयान (Jitan Ram Manjhi Controversy) के बाद बिहार में सियासी भूचाल आ गया था. बीते दिनों पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा था कि बिहार में पूर्ण शराबबंदी के बजाय सीमित शराबबंदी होनी चाहिए. शराबबंदी का ऐसा मॉडल होना चाहिए, जिससे कि जिसे जरूरी हो उसे शराब मिल जाए. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को शराबबंदी के गुजरात मॉडल पर विचार करना चाहिए. पूर्व सीएम ने कहा था 'मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से मेरी मांग है कि पूर्ण शराबबंदी के बजाय बिहार में सीमित शराबबंदी होनी चाहिए. इससे राज्य का राजस्व भी बढ़ेगा. भले ही ऊपर से लग रहा है कि यह ठीक है, लेकिन लोग अंदर-अंदर व्याकुल हैं.'
उन्होंने कहा था कि लोगों को अगर शराब पीना है तो शरीफों की तरह रात के 10 बजे के बाद पीएं और सो जाएं. उनके शरीफ बोलने का मतलब था कि बिहार में अधिकारी वर्ग के लोग, बड़े नेता वगैरह भी शराब पीते हैं. बयान में उन्होंने खुलासा भी किया था कि बिहार में ऐसे लोग शराब पीते हैं.
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