पटना: केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने लालू प्रसाद यादव (Lalu Prasad Yadav) और पूर्व सीएम राबड़ी देवी से जुड़े 17 ठिकानों पर शुक्रवार को छापेमारी (CBI Raids On 17 Places Related To Lalu) की थी. लालू यादव, उनकी पत्नी राबड़ी देवी और बेटी मीसा भारती के पटना, गोपालगंज और दिल्ली स्थित परिसरों पर छापेमारी हुई थी. सीबीआई ने शुक्रवार सुबह एक साथ यह कार्रवाई शुरू की थी. सीबीआई ने ये कार्रवाई आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के रेल मंत्री रहने के दौरान रेलवे की ग्रुप डी भर्ती में जमीन लेकर नौकरी देने से जुड़ा था. इस छापेमारी को लेकर खूब राजनीतिक बयानबाजी हुई थी. कहा गया था कि सीएम नीतीश कुमार नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती नजदीकियों के चलते ही छापा पड़ा है. अब सीएम नीतीश कुमार ने इस कार्रवाई पर टिप्पणी (Nitish Kumar on CBI raid on Rabri Devi residence) की है.
ये भी पढ़ें: 'नीतीश-तेजस्वी आएंगे साथ तो CBI भेजेगा केंद्र', पोस्टर के जरिए RJD का PM मोदी पर वार
जदयू ने साधी चुप्पी: पूर्व सीएम राबड़ी देवी के आवास पर सीबीआई की छापेमारी (CBI raid on Rabri Devi residence) पर बीजेपी खुलकर हमला बोला था. वहीं आरजेडी नेताओं की तरफ से यह कहा जा रहा है कि नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच जातीय जनगणना को लेकर जिस प्रकार से नजदीकियां बढ़ी हैं, उससे बीजेपी घबराई है. नीतीश कुमार के लिए यह एक चेतावनी है. सीबीआई छापेमारी को लेकर जदयू नेताओं चुप्पी साध रखी थी. अब मुख्यमंत्री ने इस प्रतिक्रिया व्यक्त की है.
'उसके बारे में हमलोगों को क्या कहना है, जो कर रहा है वो ही न बतायेगा, उसके बारे में हम लोगों को क्या पता, क्या जानकारी है.'-नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार
शिवानंद तिवारी ने छापे की टाइमिंग पर उठाये थे सवाल : इस छापेमारी पर आरजेडी नेता शिवानंद तिवारी (RJD leader Shivanand Tiwari) ने कहा था कि राबड़ी देवी के आवास सहित लालू यादव से जुड़े अन्य ठिकानों पर सीबीआई की छापेमारी कहीं नीतीश कुमार को चेतावनी (cbi raids on lalu a warning to nitish kumar ) तो नहीं है. जातीय जनगणना के मुद्दे पर नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच बढ़ती हुई नजदीकी बीजेपी को असहज कर रही है. छापेमारी के समय का चयन तो इसी ओर इशारा कर रहा है.
सही समय पर प्रत्याशी की घोषणा: राज्यसभा चुनाव के लिए जेडीयू प्रत्याशी की घोषणा को लेकर पूछे जाने पर नीतीश कुमार ने कहा- 'उसकी चिंता मत करिये. समय पर घोषणा होगी. पहले करने की क्या जरुरत है.' बाते दें कि जदयू कोटे से राज्यसभा कौन जाएगा, इसे लेकर संशय की स्थिति बनी हुई है. राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह और आरसीपी सिंह के बीच विवादों के बाद मामला और भी गहरा गया है. अंदरखाने बात चल रही है कहीं आरसीपी सिंह को उम्मीदवार नहीं बनाया गया तो पार्टी में बवाल ना हो जाए.
आरसीपी सिंह पर नीतीश कुमार लेंगे निर्णय : राज्यसभा की एक सीट जदयू के खाते में है और अब नीतीश कुमार रेफरी की भूमिका में हैं. विवाद को सुलझाने के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने विधायकों के आपातकाल बैठक बुलाई और उनसे राय मशवरा किया. विधायकों ने राज्यसभा चुनाव पर निर्णय लेने के लिए नीतीश कुमार को अधिकृत कर दिया. बदली हुई परिस्थितियों में नीतीश कुमार ही राज्यसभा चुनाव को लेकर प्रत्याशी का फैसला करेंगे. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरसीपी समर्थक विधायकों से भी उनकी राय जानी.
विधायकों को गोलबंद करने में जुटे हैं आरसीपी : नीतीश कुमार के लिए भी केंद्रीय मंत्री आरसीपी सिंह और राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह के झगड़े को समझाना आसान नहीं है. ललन सिंह जहां जिद पर अड़े हैं. वहीं आरसीपी सिंह अपने पक्ष के विधायकों की गोलबंदी में जुटे हैं. मिल रही जानकारी के मुताबिक आरसीपी सिंह 17 विधायकों का समर्थन जुटा रखा है. यह बात दीगर है कि आरसीपी सिंह के दावत-ए-इफ्तार कार्यक्रम में तीन विधायक पहुंचे थे.
ये भी पढ़ें: सीबीआई हाय-हाय के नारे लगा रहे आरजेडी कार्यकर्ता को राबड़ी देवी ने जड़ा थप्पड़
विश्वसनीय खबरों को देखने के लिए डाउनलोड करें ETV BHARAT APP