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पिता को पद्मभूषण सम्मान मिलने पर चिराग ने पीएम और राष्ट्रपति को दिया धन्यवाद, कहा- आंखें नम हैं, सीना गर्व से भरा हुआ - Ram Vilas Paswan

रामविलास पासवान को पद्मभूषण सम्मान से सम्मानित करने के बाद चिराग पासवान ने राष्ट्रपति और पीएम मोदी के लिए आभार व्यक्त किया है. उन्होंने कहा कि यह हमारे लिए गर्व का वक्त है. पिताजी की कमी महसूस कर रहा हूं.

चिराग पासवान
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Published : Nov 9, 2021, 4:46 PM IST

नयी दिल्ली/पटना: रामविलास पासवान ( Ram Vilas Paswan ) को मरणोपरांत पद्मभूषण सम्मान से अलंकृत किया गया है. सम्मान प्राप्त करने के लिए उनके बेटे लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद चिराग पासवान गए थे. इस सम्मान के लिए उन्होंने राष्ट्रपति और पीएम मोदी का आभार जताया और धन्यवाद कहा. उन्होंने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति एवं आदरणीय प्रधानमंत्री जी का मेरे, मेरे परिवार और मेरी पार्टी की तरफ से मेरे पिता व मेरे नेता को दिए गए पद्मभूषण सम्मान के लिए हृदय से आभार व धन्यवाद. चिराग जब मीडिया से मुखातिब हो रहे थे तो उनकी माता जी उनके साथ थी दोनों काफी भावुक दिखे.

यह भी पढ़ें- पूर्व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान को मरणोपरांत मिला पद्म भूषण सम्मान, चिराग ने किया ग्रहण

'आज का दिन मिश्रित भावनाओं से भरा हुआ है. एक तरफ जहां आंखें नम हैं, तो वहीं सीना गर्व से भरा हुआ है. पापा को आज मिला सम्मान बेहद खास है. पर पहली बार है कि ऐसे खास मौके पर मां और मेरे साथ वे खुद मौजूद नहीं हैं. मेरे पिता का राजनीति में लंबा अनुभव रहा. कई प्रधानमंत्रियों के मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री रहे. बेदाग छवि रही. उनकी कमी काफी महसूस हो रही है.' -चिराग पासवान, सांसद एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोजपा (रामविलास)

देखें वीडियो

बता दें कि लोजपा के संस्थापक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान को मरणोपरांत पद्मभूषण सम्मान से अलंकृत किया गया है. उनके पुत्र एवं सांसद चिराग पासवान ने राष्ट्रपति भवन में जाकर अवार्ड को रिसीव किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनको अवार्ड दिया. राष्ट्रपति भवन में चिराग की माताजी रीना पासवान भी मौजूद थीं.

पिछले साल आठ अक्टूबर को रामविलास पासवान का निधन हुआ था. इसी साल जनवरी में केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि रामविलास पासवान को पद्मभूषण सम्मान दिया जाएगा. वे राजनीति में काफी लंबे समय तक रहे. छह प्रधानमंत्रियों के साथ उन्होंने काम किया. यह अपने आप में रिकॉर्ड है. मनमोहन सिंह, PM मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी समेत 6 प्रधानमंत्रियों के मंत्रिमंडल में वे केंद्रीय मंत्री रहे थे.

अपने जीवन में उन्होंने कुल 11 चुनाव लड़े थे. 2 बार हारे थे. नौ बार लोकसभा एवं दो बार राज्यसभा सांसद रहे. DSP की नौकरी छोड़ वे राजनीति में आये थे. उनका जन्म बिहार के खगड़िया में 1946 में हुआ था. जयप्रकाश नारायण आंदोलन के दौरान वे तेजी से बिहार की सियासत में उभरे थे. 1977 में पहली बार हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव जीते थे. 74 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था.

ये भी पढ़ें: रामविलास पासवान की पहली पुण्यतिथि पर बोले चिराग- 'पिता को मिले भारत रत्न'

नयी दिल्ली/पटना: रामविलास पासवान ( Ram Vilas Paswan ) को मरणोपरांत पद्मभूषण सम्मान से अलंकृत किया गया है. सम्मान प्राप्त करने के लिए उनके बेटे लोजपा रामविलास के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं सांसद चिराग पासवान गए थे. इस सम्मान के लिए उन्होंने राष्ट्रपति और पीएम मोदी का आभार जताया और धन्यवाद कहा. उन्होंने कहा कि महामहिम राष्ट्रपति एवं आदरणीय प्रधानमंत्री जी का मेरे, मेरे परिवार और मेरी पार्टी की तरफ से मेरे पिता व मेरे नेता को दिए गए पद्मभूषण सम्मान के लिए हृदय से आभार व धन्यवाद. चिराग जब मीडिया से मुखातिब हो रहे थे तो उनकी माता जी उनके साथ थी दोनों काफी भावुक दिखे.

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'आज का दिन मिश्रित भावनाओं से भरा हुआ है. एक तरफ जहां आंखें नम हैं, तो वहीं सीना गर्व से भरा हुआ है. पापा को आज मिला सम्मान बेहद खास है. पर पहली बार है कि ऐसे खास मौके पर मां और मेरे साथ वे खुद मौजूद नहीं हैं. मेरे पिता का राजनीति में लंबा अनुभव रहा. कई प्रधानमंत्रियों के मंत्रिमंडल में केंद्रीय मंत्री रहे. बेदाग छवि रही. उनकी कमी काफी महसूस हो रही है.' -चिराग पासवान, सांसद एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष, लोजपा (रामविलास)

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बता दें कि लोजपा के संस्थापक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री स्वर्गीय रामविलास पासवान को मरणोपरांत पद्मभूषण सम्मान से अलंकृत किया गया है. उनके पुत्र एवं सांसद चिराग पासवान ने राष्ट्रपति भवन में जाकर अवार्ड को रिसीव किया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनको अवार्ड दिया. राष्ट्रपति भवन में चिराग की माताजी रीना पासवान भी मौजूद थीं.

पिछले साल आठ अक्टूबर को रामविलास पासवान का निधन हुआ था. इसी साल जनवरी में केंद्र सरकार ने ऐलान किया था कि रामविलास पासवान को पद्मभूषण सम्मान दिया जाएगा. वे राजनीति में काफी लंबे समय तक रहे. छह प्रधानमंत्रियों के साथ उन्होंने काम किया. यह अपने आप में रिकॉर्ड है. मनमोहन सिंह, PM मोदी, अटल बिहारी वाजपेयी समेत 6 प्रधानमंत्रियों के मंत्रिमंडल में वे केंद्रीय मंत्री रहे थे.

अपने जीवन में उन्होंने कुल 11 चुनाव लड़े थे. 2 बार हारे थे. नौ बार लोकसभा एवं दो बार राज्यसभा सांसद रहे. DSP की नौकरी छोड़ वे राजनीति में आये थे. उनका जन्म बिहार के खगड़िया में 1946 में हुआ था. जयप्रकाश नारायण आंदोलन के दौरान वे तेजी से बिहार की सियासत में उभरे थे. 1977 में पहली बार हाजीपुर से लोकसभा का चुनाव जीते थे. 74 साल की उम्र में उनका निधन हुआ था.

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