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चिराग पासवान ने नीतीश को दी गहरी चोट, 8 सीटों पर JDU को ऐसे मिली हार - bihar election result updates

बिहार चुनाव 2020 में सीधी टक्कर महागठबंधन और एनडीए में दिखी. लेकिन इसमें चिराग पासवान का भी अहम रोल रहा. उन्होंने भले ही एक ही सीट जीती हो लेकिन नीतीश को उन्होंने काफी नुकसान पहुंचाया.

chirag paswan damage to nitish kumar
चिराग पासवान, नीतीश कुमार
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Published : Nov 10, 2020, 7:51 PM IST

पटना: बिहार चुनाव 2020 का मुकाबला कांटे का रहा. महागठबंधन और एनडीए के बीच सीटों की तनातनी देर शाम तक चलती रही. लेकिन इन सबके बीच जो बातें निकल कर सामने आईं उसमें एक बात ये है कि चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को गहरी क्षति पहुंचाई है. ये एलजेपी ही है जिसने जेडीयू को 50 सीटों से ऊपर उठने नहीं दिया.

एलजेपी ने बिहार चुनाव एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा. पूरे चुनाव प्रचार के दौरान चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा. इसके अलावा इन्होंने उन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे जहां नीतीश की पार्टी ने उम्मीदवार उतारे थे. इसका नतीजा ये हुआ कि नीतीश 50 का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके. एक समय बिहार में बीजेपी से बड़ी पार्टी रही जेडीयू अब तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी है. एलजेपी सुप्रीमो चिराग अगर बिहार में नीतीश के साथ होते तो परिणाम कुछ और हो सकते थे. यही नहीं रिजल्ट के बाद नीतीश के भविष्य को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.

chirag paswan damage to nitish kumar
चिराग पासवान

मटिहानी में हुआ जेडीयू को नुकसान

बेगूसराय जिले मटिहानी सीट पर सीपीआई उम्मीदवार राजेंद्र प्रसाद सिंह ने जीत हासिल की है. राजेंद्र सिंह को लगभग 37 हजार वोट मिले. वहीं, जेडीयू के बोगो सिंह को 31 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. खास बात ये है कि एलजेपी उम्मीदवार राजकुमार को सिंह को भी 26 हजार से ज्यादा वोट मिले. ऐसे में ये बात साफ है कि अलग एलजेपी यहां साथ होती तो सीट जेडीयू जीत सकता था.

महिषी में भी चिराग ने किया डैमेज

महिषी में आरजेडी के गौतम कृष्ण ने जीत दर्ज की है. उन्हें लगभग 47 हजार वोट मिले हैं. वहीं, जेडीयू के गुंजेश्वर को 45 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. यहां एलजेपी उम्मीदवार ने करीब 7 हजार वोट काटे हैं. अलग ये वोट नहीं कटते तो हो सकता था कि जेडीयू उम्मीदवार की यहां जीत होती.

chirag paswan damage to nitish kumar
चिराग पासवान

महुआ में हो सकती थी जीत

महुआ विधानसभा क्षेत्र से लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप चुनाव लड़ते थे. लेकिन इस बार आरजेडी ने महुआ से राकेश रोशन को टिकट दिया. राकेश को करीब 30 हजार वोट मिले. वहीं, जेडीयू उम्मीदवार आसमां परवीन को अभी 24 हजार से ज्यादा वोट मिले. इधर, एलजेपी उम्मीदवार संजय कुमार सिंह को 12 हजार के करीब वोट मिले. यहां आरजेडी के राकेश रौशन चुनाव जीत रहे हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि अगर चिराग ने वोट नहीं काटे होते तो जेडीयू आराम से जीत जाता.

बिहार सरकार के मंत्री कृष्णनंदन वर्मा हारे

इधर, जहानाबाद सीट से जेडीयू के मंत्री कृष्णनंदन वर्मा चुनाव हार गए हैं. कृष्णनंदन वर्मा को करीब 35 हजार वोट मिले. यहां आरजेडी के सुदय यादव को 63 हजार वोट मिले और वे चुनाव जीत गए. यहां एलजेपी उम्मीदवार इंदु देवी ने करीब 20 हजार वोट काटे.

कुर्था में भी हराया

कुर्था में भी कुछ इसी तरह की यहीं स्थिति रही. यहां कुमार वर्मा चुनाव जीते इन्होंने अपने करीबी जेडीयू के सत्यदेव कुशवाहा 8 हजार से ज्यादा वोटों हराया. खास बात ये रही कि यहां भी एलजेपी उम्मीदवार को 8 हजार से ज्यादा वोट मिले, ऐसे में ये कहा जा सकता था कि अलग ये सीट नहीं कटते तो जीत जेडीयू की हो सकती थी.

नोखा में भी मिली हार

नोखा से आरजेडी की अनिता देवी ने जीत हासिल की है. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी जेडीयू उम्मीदवार नागेंद्र चंद्रवंशी को हराया. यहां एलजेपी के कृष्णा कबीर ने 11 हजार से ज्यादा वोट काटे.

सासाराम में भी चिराग ने खेल बिगाड़ा

सासाराम से आरजेडी के राजेश कुमार गुप्ता ने जीत का परचम लहराया है. यहां जेडीयू के अशोक कुमार को महज 32 हजार वोट मिले हैं. जबकी उनकी हार करीब 10 हजार वोटों से हुई है. यहां एलजेपी के रामेश्वर चौरसिया ने लगभग 12 हजार वोट काटे हैं.

दिनारा में भी नीतीश के मंत्री हारे

वहीं, दिनारा में भी नीतीश कुमार के मंत्री जय कुमार सिंह को हार का सामना करना पड़ा. यहां आरजेडी के विजय कुमार मंडल को 50 हजार से ज्यादा मत मिले. वहीं, एलजेपी उम्मीदवार राजेंद्र सिंह को 46 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. वहीं, जय कुमार सिंह को सिर्फ 21 हजार के करीब वोट मिले.

पटना: बिहार चुनाव 2020 का मुकाबला कांटे का रहा. महागठबंधन और एनडीए के बीच सीटों की तनातनी देर शाम तक चलती रही. लेकिन इन सबके बीच जो बातें निकल कर सामने आईं उसमें एक बात ये है कि चिराग पासवान ने नीतीश कुमार को गहरी क्षति पहुंचाई है. ये एलजेपी ही है जिसने जेडीयू को 50 सीटों से ऊपर उठने नहीं दिया.

एलजेपी ने बिहार चुनाव एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा. पूरे चुनाव प्रचार के दौरान चिराग पासवान ने नीतीश कुमार पर जमकर निशाना साधा. इसके अलावा इन्होंने उन सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे जहां नीतीश की पार्टी ने उम्मीदवार उतारे थे. इसका नतीजा ये हुआ कि नीतीश 50 का आंकड़ा भी पार नहीं कर सके. एक समय बिहार में बीजेपी से बड़ी पार्टी रही जेडीयू अब तीसरे नंबर की पार्टी बन चुकी है. एलजेपी सुप्रीमो चिराग अगर बिहार में नीतीश के साथ होते तो परिणाम कुछ और हो सकते थे. यही नहीं रिजल्ट के बाद नीतीश के भविष्य को लेकर भी सवाल उठ रहे हैं.

chirag paswan damage to nitish kumar
चिराग पासवान

मटिहानी में हुआ जेडीयू को नुकसान

बेगूसराय जिले मटिहानी सीट पर सीपीआई उम्मीदवार राजेंद्र प्रसाद सिंह ने जीत हासिल की है. राजेंद्र सिंह को लगभग 37 हजार वोट मिले. वहीं, जेडीयू के बोगो सिंह को 31 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. खास बात ये है कि एलजेपी उम्मीदवार राजकुमार को सिंह को भी 26 हजार से ज्यादा वोट मिले. ऐसे में ये बात साफ है कि अलग एलजेपी यहां साथ होती तो सीट जेडीयू जीत सकता था.

महिषी में भी चिराग ने किया डैमेज

महिषी में आरजेडी के गौतम कृष्ण ने जीत दर्ज की है. उन्हें लगभग 47 हजार वोट मिले हैं. वहीं, जेडीयू के गुंजेश्वर को 45 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. यहां एलजेपी उम्मीदवार ने करीब 7 हजार वोट काटे हैं. अलग ये वोट नहीं कटते तो हो सकता था कि जेडीयू उम्मीदवार की यहां जीत होती.

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चिराग पासवान

महुआ में हो सकती थी जीत

महुआ विधानसभा क्षेत्र से लालू प्रसाद यादव के बड़े बेटे तेज प्रताप चुनाव लड़ते थे. लेकिन इस बार आरजेडी ने महुआ से राकेश रोशन को टिकट दिया. राकेश को करीब 30 हजार वोट मिले. वहीं, जेडीयू उम्मीदवार आसमां परवीन को अभी 24 हजार से ज्यादा वोट मिले. इधर, एलजेपी उम्मीदवार संजय कुमार सिंह को 12 हजार के करीब वोट मिले. यहां आरजेडी के राकेश रौशन चुनाव जीत रहे हैं. ऐसे में कहा जा सकता है कि अगर चिराग ने वोट नहीं काटे होते तो जेडीयू आराम से जीत जाता.

बिहार सरकार के मंत्री कृष्णनंदन वर्मा हारे

इधर, जहानाबाद सीट से जेडीयू के मंत्री कृष्णनंदन वर्मा चुनाव हार गए हैं. कृष्णनंदन वर्मा को करीब 35 हजार वोट मिले. यहां आरजेडी के सुदय यादव को 63 हजार वोट मिले और वे चुनाव जीत गए. यहां एलजेपी उम्मीदवार इंदु देवी ने करीब 20 हजार वोट काटे.

कुर्था में भी हराया

कुर्था में भी कुछ इसी तरह की यहीं स्थिति रही. यहां कुमार वर्मा चुनाव जीते इन्होंने अपने करीबी जेडीयू के सत्यदेव कुशवाहा 8 हजार से ज्यादा वोटों हराया. खास बात ये रही कि यहां भी एलजेपी उम्मीदवार को 8 हजार से ज्यादा वोट मिले, ऐसे में ये कहा जा सकता था कि अलग ये सीट नहीं कटते तो जीत जेडीयू की हो सकती थी.

नोखा में भी मिली हार

नोखा से आरजेडी की अनिता देवी ने जीत हासिल की है. उन्होंने अपने प्रतिद्वंदी जेडीयू उम्मीदवार नागेंद्र चंद्रवंशी को हराया. यहां एलजेपी के कृष्णा कबीर ने 11 हजार से ज्यादा वोट काटे.

सासाराम में भी चिराग ने खेल बिगाड़ा

सासाराम से आरजेडी के राजेश कुमार गुप्ता ने जीत का परचम लहराया है. यहां जेडीयू के अशोक कुमार को महज 32 हजार वोट मिले हैं. जबकी उनकी हार करीब 10 हजार वोटों से हुई है. यहां एलजेपी के रामेश्वर चौरसिया ने लगभग 12 हजार वोट काटे हैं.

दिनारा में भी नीतीश के मंत्री हारे

वहीं, दिनारा में भी नीतीश कुमार के मंत्री जय कुमार सिंह को हार का सामना करना पड़ा. यहां आरजेडी के विजय कुमार मंडल को 50 हजार से ज्यादा मत मिले. वहीं, एलजेपी उम्मीदवार राजेंद्र सिंह को 46 हजार से ज्यादा वोट मिले हैं. वहीं, जय कुमार सिंह को सिर्फ 21 हजार के करीब वोट मिले.

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