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पारस गुट के खिलाफ चुनाव आयोग पहुंचे चिराग, 'बंगला' चुनाव चिन्ह पर किया दावा

चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने चुनाव आयोग (Election Commission) को पत्र लिखकर दावा किया है कि 'बंगला' चुनाव चिन्ह उनकी पार्टी का है. उन्होंने आयोग से पारस समूह के दावे को खारिज करने के लिए कहा है. पढ़ें रिपोर्ट..

चिराग पासवान
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Published : Sep 29, 2021, 10:57 PM IST

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (चिराग समूह) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने चुनाव आयोग (Election Commission) को पत्र लिखकर दावा किया कि पार्टी का 'बंगला' चुनाव चिन्ह है. उनकी यह कार्रवाई बिहार के कुशेश्वरस्थान (दरभंगा) और तारापुर (मुंगेर) विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव (By-Election) के मद्देनजर आई है.

ये भी पढ़ें- चिराग पासवान 2 अक्टूबर को दरभंगा से करेंगे अगले चरण के 'आशीर्वाद यात्रा' की शुरुआत

पार्टी समूह के राष्ट्रीय प्रवक्ता ए.के. बाजपेयी ने बताया कि, 'हमने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है और पारस समूह के दावे को खारिज करने के लिए कहा है जो एक ही प्रतीक का दावा कर रहा है. पारस समूह का दावा स्वर्गीय रामविलास पासवान पार्टी के आंतरिक संविधान के अनुसार अवैध था. हम चाहते हैं कि चुनाव आयोग उपचुनाव के लिए नामांकन की तारीखों से पहले अपना रुख स्पष्ट करे.''

बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में, चिराग पासवान ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के लिए एनडीए से नाता तोड़ लिया था, लेकिन पार्टी ने खराब प्रदर्शन करते हुए सिर्फ एक सीट जीती और जीतने वाला उम्मीदवार भी जल्द ही सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड में शामिल हो गए.

ये भी पढ़ें- बिहार में कसौटी पर खरा नहीं उतरी चिराग की 'हनुमान कथा'

चिराग पासवान को दयनीय परिणाम के लिए दोषी ठहराया गया था और इसने उनके और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच एक दरार पैदा कर दी, जिसके बाद पार्टी में टूट हो गई और खुद को लोजपा अध्यक्ष भी घोषित कर दिया.

पटना: लोक जनशक्ति पार्टी (चिराग समूह) के अध्यक्ष चिराग पासवान (Chirag Paswan) ने चुनाव आयोग (Election Commission) को पत्र लिखकर दावा किया कि पार्टी का 'बंगला' चुनाव चिन्ह है. उनकी यह कार्रवाई बिहार के कुशेश्वरस्थान (दरभंगा) और तारापुर (मुंगेर) विधानसभा सीटों पर 30 अक्टूबर को होने वाले उपचुनाव (By-Election) के मद्देनजर आई है.

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पार्टी समूह के राष्ट्रीय प्रवक्ता ए.के. बाजपेयी ने बताया कि, 'हमने चुनाव आयोग को एक पत्र लिखा है और पारस समूह के दावे को खारिज करने के लिए कहा है जो एक ही प्रतीक का दावा कर रहा है. पारस समूह का दावा स्वर्गीय रामविलास पासवान पार्टी के आंतरिक संविधान के अनुसार अवैध था. हम चाहते हैं कि चुनाव आयोग उपचुनाव के लिए नामांकन की तारीखों से पहले अपना रुख स्पष्ट करे.''

बता दें कि 2020 के विधानसभा चुनाव में, चिराग पासवान ने स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने के लिए एनडीए से नाता तोड़ लिया था, लेकिन पार्टी ने खराब प्रदर्शन करते हुए सिर्फ एक सीट जीती और जीतने वाला उम्मीदवार भी जल्द ही सत्तारूढ़ जनता दल-यूनाइटेड में शामिल हो गए.

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चिराग पासवान को दयनीय परिणाम के लिए दोषी ठहराया गया था और इसने उनके और उनके चाचा पशुपति कुमार पारस के बीच एक दरार पैदा कर दी, जिसके बाद पार्टी में टूट हो गई और खुद को लोजपा अध्यक्ष भी घोषित कर दिया.

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