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अमेजन पर गांजा बेचे जाने पर CAIT ने PM मोदी को लिखी चिट्ठी, SIT से जांच कराने की मांग

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Published : Nov 18, 2021, 5:49 PM IST

कैट (CAIT) बिहार ने पीएम मोदी (PM Modi) को चिट्ठी लिखकर उनसे ऑनलाइन प्लेटफॉर्म अमेजन पर गांजा बेचे जाने के खिलाफ एसआईटी (SIT) गठित कर जांच करने का आग्रह किया है.

CAIT ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
CAIT ने पीएम मोदी को लिखा पत्र

पटना: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है, जिसमें ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) पर गांजा बेचने और अवैध गतिविधियों की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया है. संबंधित अधिकारियों द्वारा सख्त और तत्काल कार्रवाई की मांग की है, जिससे सबको यह कड़ा संदेश जाए कि भारत में कानून का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

ये भी पढ़ें- CAIT ने अमेजन को बताया वैश्विक कानूनी अपराधी, CBI जांच की मांग की

कैट ने आगे पीएम मोदी से भारत में हर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर किए गए लेन-देन की सख्ती से निगरानी करने के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने का आग्रह किया. जो या तो सामान बेच रहा है या सेवाएं प्रदान कर रहा है. यह देखा गया है कि भारत में अपनी स्थापना के बाद से अमेजन जैसे कई प्रमुख ई-कॉमर्स पोर्टलों द्वारा ई-कॉमर्स पर अवांछनीय गतिविधियां की जा रही है. बिना किसी बाधा के यह कम्पनियां कुप्रथाओं को जारी रखे हुए हैं. यह खेद की बात है कि 2016 के बाद से विभिन्न एजेंसियों से कई बार शिकायत करने के बाद भी उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके लिए देश भर के व्यापारियों में गहरा आक्रोश है.

कैट बिहार चेयरमैन कमल नोपानी, अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा और महासचिव डॉ. रमेश गांधी ने पीएम मोदी को भेजे गए पत्र में कहा कि अमेजन पर पिछले कई सालों से कदाचार, अवैध व्यवसाय प्रथाओं और कानून के उल्लंघन में लिप्त होने का आरोप है, लेकिन हाल ही में प्रकाश में आए सनसनीखेज मामले जिसमें अमेजन के ई-पोर्टल के माध्यम से गांजा बेचा जा रहा है. लाभ कमाने के लिए ये कंपनियां प्रतिबंधित सामानों की बिक्री सहित कुछ भी या सब कुछ कर सकती हैं.

ये भी पढ़ें- नशे की गिरफ्त में बिहार.. शराबबंदी के बाद चरस, अफीम, ड्रग्स और गांजे की बढ़ी तस्करी

कैट बिहार के उपाध्यक्ष मुकेश नंदन और संयुक्त महासचिव आर सी मल्होत्रा ने इस बात पर अत्यधिक खेद व्यक्त किया कि जब भी सरकार अमेजन के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की योजना बनाती है, तो उनके पास एक स्टीरियो टाइप उत्तर होता है कि कंपनी आंतरिक जांच कर रही है. प्रासंगिक सवाल यह है कि क्या अमेजन सरकार से बड़ा है. हर बार जब अवैधता होती है तो वे बाहरी जांच से बचने के लिए आंतरिक जांच शुरू करते हैं. हमारी एजेंसियां ​​उनकी जांच को भारतीय जांच से बड़ी मानती हैं और इसलिए कोई कार्रवाई नहीं करती हैं, जिससे इन कंपनियों को अधिक से अधिक कदाचार करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है.

दोनों व्यापारी नेताओं ने यह बताया कि अमेजन अपने मार्केटप्लेस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से गांजा के व्यापार की सुविधा प्रदान कर रहा है, जबकि वह केवल अनुमत वस्तुओं/ सेवाओं की बिक्री और खरीद के लिए खरीदार और विक्रेता के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करने के लिए है.

हालांकि, मध्य प्रदेश पुलिस के हालिया निष्कर्षों से यह स्पष्ट है कि मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म पर संचालित किए जा रहे ड्रग रैकेट में अमेजन की सक्रिय भागीदारी है, लेकिन अमेजन इस तरह के नशीले पदार्थों को अपने गोदामों में संग्रहित करने में पूरी तरह से शामिल है और उनके ग्राहकों को सुरक्षित डिलीवरी के लिए डिलीवरी चैनल और बिक्री आय का बड़ा हिस्सा (66% के आदेश का) उनके लाभ/बिक्री कमीशन के रूप में लेना सबसे बड़ा सबूत है.

कैट बिहार की महिला उपाध्यक्ष पुष्पम झा और अमृता सिंह ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि अमेजन जैसी वैश्विक दिग्गज, जिसने अपने तकनीकी मिथक के बल पर भारतीय बाजार में प्रवेश किया वो इस मामले से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है. यह आश्चर्य की बात है कि अमेजन सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम 2000 के तहत "मध्यस्थ" की स्थिति का दावा कर रहा है, जबकि यह कई कारणों से मध्यस्थ श्रेणी में आता ही नहीं है.

पटना: कन्फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया ट्रेडर्स (CAIT) ने पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी है, जिसमें ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन (Amazon) पर गांजा बेचने और अवैध गतिविधियों की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया है. संबंधित अधिकारियों द्वारा सख्त और तत्काल कार्रवाई की मांग की है, जिससे सबको यह कड़ा संदेश जाए कि भारत में कानून का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.

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कैट ने आगे पीएम मोदी से भारत में हर ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर किए गए लेन-देन की सख्ती से निगरानी करने के लिए एक मजबूत तंत्र स्थापित करने का आग्रह किया. जो या तो सामान बेच रहा है या सेवाएं प्रदान कर रहा है. यह देखा गया है कि भारत में अपनी स्थापना के बाद से अमेजन जैसे कई प्रमुख ई-कॉमर्स पोर्टलों द्वारा ई-कॉमर्स पर अवांछनीय गतिविधियां की जा रही है. बिना किसी बाधा के यह कम्पनियां कुप्रथाओं को जारी रखे हुए हैं. यह खेद की बात है कि 2016 के बाद से विभिन्न एजेंसियों से कई बार शिकायत करने के बाद भी उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है, जिसके लिए देश भर के व्यापारियों में गहरा आक्रोश है.

कैट बिहार चेयरमैन कमल नोपानी, अध्यक्ष अशोक कुमार वर्मा और महासचिव डॉ. रमेश गांधी ने पीएम मोदी को भेजे गए पत्र में कहा कि अमेजन पर पिछले कई सालों से कदाचार, अवैध व्यवसाय प्रथाओं और कानून के उल्लंघन में लिप्त होने का आरोप है, लेकिन हाल ही में प्रकाश में आए सनसनीखेज मामले जिसमें अमेजन के ई-पोर्टल के माध्यम से गांजा बेचा जा रहा है. लाभ कमाने के लिए ये कंपनियां प्रतिबंधित सामानों की बिक्री सहित कुछ भी या सब कुछ कर सकती हैं.

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कैट बिहार के उपाध्यक्ष मुकेश नंदन और संयुक्त महासचिव आर सी मल्होत्रा ने इस बात पर अत्यधिक खेद व्यक्त किया कि जब भी सरकार अमेजन के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की योजना बनाती है, तो उनके पास एक स्टीरियो टाइप उत्तर होता है कि कंपनी आंतरिक जांच कर रही है. प्रासंगिक सवाल यह है कि क्या अमेजन सरकार से बड़ा है. हर बार जब अवैधता होती है तो वे बाहरी जांच से बचने के लिए आंतरिक जांच शुरू करते हैं. हमारी एजेंसियां ​​उनकी जांच को भारतीय जांच से बड़ी मानती हैं और इसलिए कोई कार्रवाई नहीं करती हैं, जिससे इन कंपनियों को अधिक से अधिक कदाचार करने के लिए प्रोत्साहन मिलता है.

दोनों व्यापारी नेताओं ने यह बताया कि अमेजन अपने मार्केटप्लेस ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से गांजा के व्यापार की सुविधा प्रदान कर रहा है, जबकि वह केवल अनुमत वस्तुओं/ सेवाओं की बिक्री और खरीद के लिए खरीदार और विक्रेता के बीच एक सेतु के रूप में कार्य करने के लिए है.

हालांकि, मध्य प्रदेश पुलिस के हालिया निष्कर्षों से यह स्पष्ट है कि मार्केटप्लेस प्लेटफॉर्म पर संचालित किए जा रहे ड्रग रैकेट में अमेजन की सक्रिय भागीदारी है, लेकिन अमेजन इस तरह के नशीले पदार्थों को अपने गोदामों में संग्रहित करने में पूरी तरह से शामिल है और उनके ग्राहकों को सुरक्षित डिलीवरी के लिए डिलीवरी चैनल और बिक्री आय का बड़ा हिस्सा (66% के आदेश का) उनके लाभ/बिक्री कमीशन के रूप में लेना सबसे बड़ा सबूत है.

कैट बिहार की महिला उपाध्यक्ष पुष्पम झा और अमृता सिंह ने कहा कि यह आश्चर्यजनक है कि अमेजन जैसी वैश्विक दिग्गज, जिसने अपने तकनीकी मिथक के बल पर भारतीय बाजार में प्रवेश किया वो इस मामले से अपना पल्ला झाड़ने की कोशिश कर रहा है. यह आश्चर्य की बात है कि अमेजन सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम 2000 के तहत "मध्यस्थ" की स्थिति का दावा कर रहा है, जबकि यह कई कारणों से मध्यस्थ श्रेणी में आता ही नहीं है.

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