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BSSC ने स्थगित की 14 दिसंबर से होने वाली प्रथम इंटर स्तरीय संयुक्त परीक्षा की काउंसिलिंग

बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने 14 दिसंबर से होने वाली काउंसलिंग को स्थगित कर दिया है. आयोग की ओर से दी गई जानकारी के अनुसार, पटना हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में काउंसलिंग स्थगित की गई है. पढ़ें पूरी खबर...

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Published : Dec 13, 2021, 9:49 AM IST

Bihar Staff Selection Commission
Bihar Staff Selection Commission

पटना: प्रथम इंटर स्तरीय बहाली पर छाए बादल खत्म नहीं हो रहे हैं. बिहार कर्मचारी चयन आयोग ( Bihar Staff Selection Commission ) ने 14 दिसंबर से होने वाली काउंसलिंग ( Bssc Postponed Counseling ) को स्थगित कर दिया है. आयोग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पटना हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में काउंसलिंग स्थगित की गई है.

बता दें कि करीब 13 हजार पदों पर बहाली के लिए 53 हजार अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. इनकी काउंसलिंग के लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने 14 दिसंबर से 22 दिसंबर के बीच काउंसलिंग का शेड्यूल जारी किया था लेकिन आखिरी क्षणों में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इसे स्थगित कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें- दरभंगा आयुर्वेद कॉलेज और अस्पताल में अगले सत्र से शुरू होगी पढ़ाई: मंगल पांडेय

इसके पहले इस परीक्षा के अभ्यर्थियों ने आज के दिन आंदोलन की योजना बनाई थी क्योंकि बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने कुछ ऐसी शर्तें रखी थी, जिसके लिए अभ्यर्थी तैयार नहीं थे. अभ्यर्थियों की मांग थी कि आयोग उनकी परेशानियों पर विचार करें और इसके लिए उन्होंने एक आवेदन भी आयोग के सचिव को सौंपा था.

दरअसल, आयोग द्वारा जाति प्रमाण पत्र और क्रीमी लेयर रहित प्रमाण पत्र 2014 या इससे पूर्व का मांगा जा रहा है, लेकिन 2014 के विज्ञापन में ऐसा कुछ नहीं लिखा था, इसलिए जाति प्रमाण पत्र व क्रीमी लेयर रहित जाति प्रमाण पत्र वर्तमान वर्ष का ही लिया जाए.

अभ्यर्थियों ने यह भी कहा है कि टाइपिंग और कंप्यूटर दक्षता से संबंधित प्रमाण पत्र 2014 के विज्ञापन में नहीं मांगा गया था. सिर्फ इनसे संबंधित ज्ञान की जानकारी 'यस या नो' में मांगी गई थी, इसलिए काउंसलिंग में इससे संबंधित प्रमाण पत्र नहीं लिया जाना चाहिए. किसी भी बहाली में प्रमाण पत्र नहीं मांगा जाता है.

ये भी पढे़ं:18 साल से बंद पड़े दरभंगा आयुर्वेद कॉलेज में अगले सत्र से शुरू होगी पढ़ाई, राज्य सरकार ने जारी की अधिसूचना

काउंसलिंग की द्वितीय सूची सीट खाली रहने की स्थिति में जारी होनी चाहिए. जिन अभ्यर्थियों का प्रारंभिक या मुख्य परीक्षा का एडमिट कार्ड खो गया है, उन्हें आयोग द्वारा उपलब्ध कराया जाना चाहिए. दिव्यांग कैटेगरी से संबंधित रिजल्ट की संख्या आयोग को बतानी चाहिए.

इनके अलावा कुछ जातियों को बिहार सरकार द्वारा बी सी कैटेगरी से ईबीसी में किया गया है. इसे आयोग को संज्ञान में लेना चाहिए. पीटी या मुख्य परीक्षा में फॉर्म भरने में कैटेगरी भरने में हुई गलती को वास्तव में जो कैटेगरी है, वही माना जाना चाहिए.

ये भी पढे़ं:दरभंगा आयुर्वेद कॉलेजः ओपीडी सेवा का संजय सरावगी ने किया उद्घाटन, भवन निर्माण के लिए 1 अरब 95 करोड़ से ज्यादा की राशि मंजूर

अभ्यर्थियों ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग को इन मांगों पर विचार के लिए एक आवेदन सौंपा लेकिन आयोग ने इन पर विचार नहीं करते हुए काउंसलिंग को पुरानी शर्तों पर ही कराने का निश्चय किया था. इसके बाद अभ्यर्थियों ने आंदोलन की योजना बनाई लेकिन उसके पहले ही बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए काउंसलिंग को स्थगित कर दिया.

बता दें कि वर्ष 2014 में पहली बार इंटर स्तरीय बहाली के लिए 13000 पदों पर आवेदन मांगे गए थे, लेकिन इस पर बहाली परीक्षा और काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी होते होते 8 साल लग गए. इस दौरान अभ्यर्थियों ने कई बार आंदोलन भी किया. अब काउंसलिंग की तिथि के 2 दिन पहले ही बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने इसे स्थगित कर दिया है.

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पटना: प्रथम इंटर स्तरीय बहाली पर छाए बादल खत्म नहीं हो रहे हैं. बिहार कर्मचारी चयन आयोग ( Bihar Staff Selection Commission ) ने 14 दिसंबर से होने वाली काउंसलिंग ( Bssc Postponed Counseling ) को स्थगित कर दिया है. आयोग की ओर से दी गई जानकारी के मुताबिक पटना हाई कोर्ट के आदेश के आलोक में काउंसलिंग स्थगित की गई है.

बता दें कि करीब 13 हजार पदों पर बहाली के लिए 53 हजार अभ्यर्थियों का चयन हुआ है. इनकी काउंसलिंग के लिए बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने 14 दिसंबर से 22 दिसंबर के बीच काउंसलिंग का शेड्यूल जारी किया था लेकिन आखिरी क्षणों में हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए इसे स्थगित कर दिया गया है.

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इसके पहले इस परीक्षा के अभ्यर्थियों ने आज के दिन आंदोलन की योजना बनाई थी क्योंकि बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने कुछ ऐसी शर्तें रखी थी, जिसके लिए अभ्यर्थी तैयार नहीं थे. अभ्यर्थियों की मांग थी कि आयोग उनकी परेशानियों पर विचार करें और इसके लिए उन्होंने एक आवेदन भी आयोग के सचिव को सौंपा था.

दरअसल, आयोग द्वारा जाति प्रमाण पत्र और क्रीमी लेयर रहित प्रमाण पत्र 2014 या इससे पूर्व का मांगा जा रहा है, लेकिन 2014 के विज्ञापन में ऐसा कुछ नहीं लिखा था, इसलिए जाति प्रमाण पत्र व क्रीमी लेयर रहित जाति प्रमाण पत्र वर्तमान वर्ष का ही लिया जाए.

अभ्यर्थियों ने यह भी कहा है कि टाइपिंग और कंप्यूटर दक्षता से संबंधित प्रमाण पत्र 2014 के विज्ञापन में नहीं मांगा गया था. सिर्फ इनसे संबंधित ज्ञान की जानकारी 'यस या नो' में मांगी गई थी, इसलिए काउंसलिंग में इससे संबंधित प्रमाण पत्र नहीं लिया जाना चाहिए. किसी भी बहाली में प्रमाण पत्र नहीं मांगा जाता है.

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काउंसलिंग की द्वितीय सूची सीट खाली रहने की स्थिति में जारी होनी चाहिए. जिन अभ्यर्थियों का प्रारंभिक या मुख्य परीक्षा का एडमिट कार्ड खो गया है, उन्हें आयोग द्वारा उपलब्ध कराया जाना चाहिए. दिव्यांग कैटेगरी से संबंधित रिजल्ट की संख्या आयोग को बतानी चाहिए.

इनके अलावा कुछ जातियों को बिहार सरकार द्वारा बी सी कैटेगरी से ईबीसी में किया गया है. इसे आयोग को संज्ञान में लेना चाहिए. पीटी या मुख्य परीक्षा में फॉर्म भरने में कैटेगरी भरने में हुई गलती को वास्तव में जो कैटेगरी है, वही माना जाना चाहिए.

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अभ्यर्थियों ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग को इन मांगों पर विचार के लिए एक आवेदन सौंपा लेकिन आयोग ने इन पर विचार नहीं करते हुए काउंसलिंग को पुरानी शर्तों पर ही कराने का निश्चय किया था. इसके बाद अभ्यर्थियों ने आंदोलन की योजना बनाई लेकिन उसके पहले ही बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने हाईकोर्ट के आदेश का हवाला देते हुए काउंसलिंग को स्थगित कर दिया.

बता दें कि वर्ष 2014 में पहली बार इंटर स्तरीय बहाली के लिए 13000 पदों पर आवेदन मांगे गए थे, लेकिन इस पर बहाली परीक्षा और काउंसलिंग की प्रक्रिया पूरी होते होते 8 साल लग गए. इस दौरान अभ्यर्थियों ने कई बार आंदोलन भी किया. अब काउंसलिंग की तिथि के 2 दिन पहले ही बिहार कर्मचारी चयन आयोग ने इसे स्थगित कर दिया है.

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