नयी दिल्ली: जदयू से चल रही तकरार के बीच बिहार से बीजेपी सांसद एवं पार्टी के वरिष्ठ नेता अजय निषाद (BJP MP Ajay Nishad) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि मैं बीजेपी शीर्ष नेतृत्व से मांग करता हूं कि लोजपा रामविलास अध्यक्ष एवं सांसद चिराग पासवान (MP Chirag Paswan) को एनडीए में वापस लाने की पहल की जाए. उनके आने से बिहार सहित देश भर में एनडीए मजबूत होगा. अजय निषाद ने कहा कि लोजपा में जब टूट हुई, उसके बाद से दलित समाज चिराग पासवान के साथ है. लोजपा में टूट के बाद चिराग बिहार में यात्रा पर निकले थे जिसमें जमकर भीड़ उमड़ रही थी.
जदयू की नाराजगी की परवाह किए बगैर चिराग पासवान को एनडीए में वापस लाना चाहिए. उपेंद्र कुशवाहा बिहार विधानसभा चुनाव जदयू के खिलाफ में लड़े थे. लगातार नीतीश कुमार पर हमला बोलते रहे लेकिन बाद में उन्होंने पार्टी रालोसपा का जदयू में विलय कर लिया. जब वह जदयू में जा सकते हैं तो बीजेपी क्यों नहीं चिराग के साथ फिर से गठबंधन कर सकती है. उन्होंने कहा कि बिहार में विधान परिषद चुनाव होने हैं. यूपी में विधानसभा चुनाव है. 2024 में लोकसभा चुनाव है. एनडीए को और मजबूत करने के लिए चिराग का हमारे साथ आना जरूरी है.
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वहीं बिहार में शराबबंदी (Liquor prohibition in Bihar), जातीय जनगणना, विशेष राज्य का दर्जा, सम्राट अशोक विवाद पर जदयू एवं बीजेपी में चल रहे टकराव पर अजय निषाद ने कहा कि केंद्र सरकार ने पहले ही कह दिया है कि जो भी राज्य चाहे जातीय जनगणना करा ले. नीतीश कुमार चाहें तो बिहार में करा लें. उन्होंने कहा कि सम्राट अशोक की तुलना लेखक दया प्रकाश सिन्हा ने औरंगजेब से की, जो गलत है. मुगल शासकों ने सबसे ज्यादा हिंदुओं पर अत्याचार किया था. दया प्रकाश सिन्हा पर कार्रवाई होनी चाहिए. सम्राट अशोक का इतिहास हम लोग के लिए गौरव का रहा है.
बता दें कि अजय निषाद ने चिराग पासवान को ऐसे वक्त में लाने की मांग की है जब बिहार में जेडीयू और बीजेपी के बीच जबरदस्त टकराव चल रहा है. लेखक दया प्रकाश सिन्हा ने सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब से की थी. इसके बाद जदयू ने आरोप लगाया था कि दया प्रकाश बीजेपी के कल्चरल सेल के हेड रह चुके हैं. इनको जो पद्मश्री सम्मान मिला है, उसको पीएम मोदी वापस लें. ट्विटर पर इस को लेकर जदयू अभियान भी चला रही है. इस पर बिहार बीजेपी अध्यक्ष संजय जयसवाल ने कहा था कि राष्ट्रपति से पदम श्री अवार्ड दया प्रकाश सिन्हा को मिला. इसलिए टि्वटर-टि्वटर खेलना जदयू बंद करे व पूरे मामले में पीएम को ना घसीटे.
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संजय जयसवाल ने यहां तक कहा था कि ऐसा ना हो कि नीतीश की कुर्सी चली जाए. शराबबंदी, बिहार को विशेष राज्य का दर्जा (special status to bihar), जाति जनगणना पर बीजेपी और जदयू में तकरार चल रहा है. वहीं, चिराग पासवान को जदयू बिल्कुल पसंद नहीं करती है. बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग ने जदयू के खिलाफ हर सीट पर उम्मीदवार दिया था. जिसके चलते जदयू 43 सीटों पर सिमट गई थी. जदयू को आज भी लगता है कि बीजेपी के कहने पर चिराग ने ऐसा किया था. वहीं, बाद में चिराग की पार्टी में टूट भी हुई. चिराग के चाचा पशुपति पारस के साथ कुल 5 सांसद पार्टी से अलग हो गए. पशुपति पारस केंद्र सरकार में मंत्री भी बने. जानकारों का मानना है कि विधानसभा चुनाव का बदला जदयू ने लोजपा में टूट कराकर लिया. कहा तो यहां तक जाता है कि पारस को केंद्रीय मंत्री बनवाने में नीतीश का अहम योगदान है. ऐसा करके चिराग से बदला लिया गया.
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