पटना: हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Womens Day 2022) 8 मार्च को मनाया जाता है. इस दिन को मनाने के पीछे का उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों को बढ़ावा देने के साथ ही महिलाओं को सशक्त करना भी है. ऐसे में ईटीवी भारत (Womens Day 2022 with ETV Bharat) ने जमुई विधायक और अंतर्राष्ट्रीय शूटर श्रेयसी सिंह (BJP MLA Shreyasi Singh) से खास बातचीत की है. श्रेयसी सिंह ने महिला दिवस पर शुभकामनाएं देते हुए महिलाओं से सभी परेशानियों का डटकर सामना करने का आग्रह किया.
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परेशानियों से डरकर पीछे नहीं हटना: श्रेयसी सिंह ने कहा कि जब-जब हम समाज में आगे बढ़ने की कोशिश करते हैं, तो हमें कई अड़चनों का सामना करना पड़ता है. हमें कभी भी इन परेशानियों से डरना नहीं है और पीछे नहीं हटना है. आज हमारे देश में चाहे फील्ड राजनीति की हो या स्पोर्ट्स की हो एक से बढ़कर एक महिलाएं आगे बढ़ रहीं हैं, उन सभी को अपना प्रेरणा स्त्रोत मानते हुए आगे बढ़ते रहना है.
मातृशक्ति को बढ़ाने से ही बढ़ेगा देश: बिहार में आधी आबादी को मिलने वाले हक के सवाल पर उन्होंने कहा कि मातृशक्ति को आगे बढ़ाने से प्रदेश ही नहीं बल्कि देश भी आगे बढ़ता है. वर्तमान में अमेरिका की वाइस प्रेसिडेंट भी एक महिला हैं. कहीं ना कहीं पूरा विश्व मान रहा है कि महिलाओं को आगे बढ़ाना है. बिहार पूरे देश में इकलौता ऐसा प्रदेश है जिसमें बिहार पुलिस में ज्यादातर महिलाओं की भागीदारी है. साथ ही हमारे पंचायती राज सिस्टम में आधी आबादी का नारा देते हुए महिलाओं के लिए 50 प्रतिशत सीट आरक्षित हैं, हमारी उपमुख्यमंत्री एक महिला है. महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ऋण भी 1 प्रतिशत से भी कम ब्याज दर रखा है.
बिहार में दिख रही बदलाव की बयार: बिहार में स्पोर्ट्स की स्थिति को लेकर श्रेयसी सिंह ने कहा कि मैंने जिस मजबूती से अपनी बातों को बिहार में स्पोर्ट्स को लेकर रखा है, उससे बदलाव भी देखने को मिल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भी रुझान हमने स्पोर्ट्स को लेकर देखा है, वो हम सभी के लिए एक प्रेरण स्त्रोत है. राजगीर में स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी को लेकर काम चल रहा है. अब तो वहां पर बहाली भी शुरू हो गई हैं. अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम बन रहा है.
राजनीति में मुझे हराना मुश्किल: खेल और राजनीति में मिली उपलब्धि को लेकर श्रेयसी सिंह ने कहा कि अगर मैं कोई फैसला लेती हूं तो अपना 100 प्रतिशत देने की कोशिश करती हूं. मैंने स्पोर्ट्स में आने से पहले ही राजनीति में आने का फैसला ले लिया था. लाइफ में आगे बढ़ने के लिए मेरा शूटिंग करना भी जरूरी था. जहां तक समानता या अंतर की बात है तो बता दूं कि दोनों ही बहुत ही अलग-अलग फील्ड है. शूटिंग एक ऐसा स्पोर्ट्स है जिसमें टारगेट आपके सामने है और आपको उसी के ऊपर निशाना साधना होता है. पॉलिटिक्स एक ऐसा फील्ड है जहां बहुत सारे लोग आपको पीछे खींचने को कोशिश करते रहते हैं.
उन्होंने कहा कि राजनीति में हर दिन एक नया चैलेंज होता है और हर दिन आप जीतते या हारते हैं. स्पोर्ट्स आपको हारना सिखाता है और वो सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. हारने के बाद कैसे संभलकर उठना होता है ये स्पोर्ट्स ने सिखाया है और आप किस ढृढ़ निश्चय से आगे बढ़ते हैं ये मायने रखता है. ये मुझे स्पोर्ट्स ने सिखाया है. इसलिए मुझे राजनीति में हराना मुश्किल है.
'अच्छे लोगों ने छोड़ दी राजनीति करना': राजनीति में शातिर होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि मुझमें वो शातिरपन है या मैं उसे लाना भी चाहती हूं. पॉलिटिक्स को एक निगेटिव एप्रोच से देखा जाता है. ये इसलिए हुआ है क्योंकि अच्छे लोगों ने राजनीति करना छोड़ दी है. जब अच्छे लोग किसी जगह को छोड़ देंगे तो उसमें बुरे लोगों की एंट्री ही शुरू हो जाएगी. मैं अपना गुरु अपने पिता को मानती हूं. मैंने उनसे सीखा है कि उन्होंने जिस ईमानदारी से जनता से जो वादे किए वो उन्होंने निभाए हैं. उन्होंने कहा कि मैं ही नहीं मेरे जैसी कई महिलाएं जनप्रतिनिधि बनकर सदन की गरिमा बढ़ा रही हैं.
युवा चेहरों की राजनीति में एंट्री पर श्रेयसी सिंह ने कहा कि हम सभी लोग बिहार के लिए काम कर रहे हैं. जब तक यूथ पॉलिटिक्स में शामिल नहीं होगा तब तक जो रेवोल्यूशन हम चाहते हैं वो हमें नहीं मिलेगा. हम सभी को ये याद रखना है कि बिहार और भारत इस विश्व का सबसे बड़ा यूथ नेशन है. सबसे ज्यादा युवा पॉप्युलेशन हमारे यहां है, तो क्यों ना यूथ ही यूथ को लीड करें. तेजस्वी यादव और हम साथ में पढ़े हैं और उसी बात की चर्चा उन्होंने सदन में की. सवाल ये था कि शूटिंग को लेकर आप या आपकी सरकार क्या कर रही हैं. तो मैंने भी हंसते हुए कहा कि जब हम सरकार में आ ही गए है, तो आपको चिंता करने की जरूरत नहीं है.
तेजस्वी ने सेट किया उदाहरण: तेजस्वी यादव को शादी की बधाई देने को लेकर उन्होंने कहा कि ये संयोग ही था कि जिस हवाई जहाज से तेजस्वी यादव शादी के बाद आ रहे थे उसी से मैं भी पटना आ रही थी. इसी दौरान मैंने उन्हें शुभकामनाएं भी दी. इंटर रिलीजन मैरिज को लेकर उन्होंने एक बहुत अच्छा उदाहरण सेट किया है. उन्होंने कहा कि महिलाओं का सोसायटी में शामिल होना बहुत ज्यादा जरूरी है. जिस तरह से समाज सुधार अभियान चल रहा है, वो तो मुझे लगता है कि महिला सशक्तिकरण का ही रूप है.
महिलाओं, माता पिता और समाज से मैं यही अपील करती हूं कि यदि कोई महिला किसी भी फील्ड में आगे बढ़ना चाहती है तो उनकी सहायता कीजिए. यदि आप सहायता नहीं कर पा रहे हो या सपोर्ट नहीं कर पा रहे हो तो कम से कम उनके रास्ते में कोई अड़चन ना डालें. महिलाएं खुद में इतनी सशक्त हैं कि वो स्वयं आगे बढ़ सकती हैं. बस उनके काम में आप बाधा मत डालिए.
बता दें कि श्रेयसी सिंह पूर्व केंद्रीय मंत्री दिग्विजय सिंह और पूर्व सांसद पुतुल कुमारी की बेटी हैं. श्रेयसी सिंह राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मैदानों में शूटिंग में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं. 64वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप प्रतियोगिता के लिए श्रेयसी सिंह पिछले कुछ दिनों से इसकी तैयारी में जी जान से जुटी थीं. जिसका नतीजा उन्होंने राष्ट्रीय प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीतकर दिखा दिया. उल्लेखनीय है कि श्रेयसी सिंह ने वर्ष 2019 में आयोजित 63वीं नेशनल शूटिंग चैंपियनशिप की शॉटगन स्पर्धा में भी उन्होंने बिहार के लिए स्वर्ण पदक जीता था. उन्होंने साल 2014 में भारत के लिए सिल्वर मेडल जीता था. कॉमनवेल्थ गेम्स 2018 में भी श्रेयसी ने गोल्ड मेडल हासिल किया था.
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