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सोशल मीडिया बना बिहार राजनीति का नया हथियार.. BJP से लेकर RJD तक कर रहे इससे वार - etv bharat news

आज का जमाना सोशल मीडिया का है. कोई भी घटना या किसी नेता का बयान चाहे कोई बेतुकी बात ही क्यों ना हो सोशल प्लेटफर्म के जरिए लोगों के कानों कान पहुंचने में जरा सा भी समय नहीं लग रहा है. फेसबुक, व्हाट्सएप, ट्विटर जैसे सोशल साइट्स के जरिए हर दल एक दूसरे के ऊपर आरोप प्रत्यारोप लगा रहे हैं, लेकिन इन सबमें ताकतवार बीजेपी का आईटी सेल है. पढ़ें पूरी खबर...

सोशल मीडिया पर भिड़े RJD BJP
सोशल मीडिया पर भिड़े RJD BJP
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Published : Aug 20, 2022, 10:49 PM IST

पटना: सोशल मीडिया (Social Media) के अपने मायने हैं, तकनीक के इस दौर में सोशल मीडिया पर अगर कोई बात सामने आती है तो उसे फैलने में बहुत कम वक्त लगता है. राजनीति के परिप्रेक्ष्य में देखें तो हर राजनीतिक दल अपनी बातों को कम वक्त में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल साइट्स का सहारा लेते हैं. बीजेपी का आईटी सेल बहुत ही ताकतवर माना जाता (BJP IT Cell Is Stronger than All Parties In Bihar) है. ऐसा कहा जाता है कि बीजेपी के आईटी सेल की बराबरी करना किसी और अन्य दल के लिए टेढ़ी खीर है. बिहार में बीजेपी का आईटी सेल बहुत मजबूत रहता है. आईटी सेल कुछ ऐसी खबर को निकाल कर लेकर आता है, जिसे जनमानस पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है.

ये भी पढ़ें- बीच सड़क पर दारू पीकर दादागीरी, प्लेन में स्मोकिंग, उत्तराखंड पुलिस की रडार पर आया बॉबी कटारिया

BJP का IT सेल बहुत मजबूत : हाल ही में प्रदेश में नवगठित महागठबंधन की सरकार में मंत्री तेजप्रताप के सरकारी मीटिंग में अपने बहनोई के शामिल होने की खबर तेजी से सोशल साइट्स के माध्यम से फैली थी, लेकिन अब प्रदेश में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल ने बीजेपी की आईटी सेल को उतनी ही तत्परता से काउंटर करना भी शुरू कर दिया है. दरअसल बीजेपी की तरफ से सोशल साइट्स के माध्यम से प्रदेश में सत्तारूढ़ महागठबंधन की सरकार और सरकार के आम घटक दल राजद को लेकर ऐसे कई ट्वीट किए गए जो आम लोगों के बीच में चर्चा का विषय बन गए. मामले ने तूल तब पकड़ा जब बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सरकारी बैठक में विभागीय मंत्री तेज प्रताप के साथ उनके बहनोई शैलेश कुमार बैठक में दिखाई दिए.

राजद के आईटी सेल ने अपना मोर्चा खोला : इस घटना को लेकर तमाम प्रतिक्रियाएं सामने भी आई. इसके बाद राजद के आईटी सेल ने अपना मोर्चा खोला और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के एक कार्यक्रम में उनके बेटे की उपस्थिति, पूर्व की एनडीए सरकार में पथ निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन के ऑफिस में उनके परिवार वालों को आगमन को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए. राजद के पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनकी पार्टी इस तरह के ट्वीट पर ध्यान नहीं देती है लेकिन जब बीजेपी अनर्गल बातों को तूल देगी तो उन्हें उनकी ही भाषा में जवाब दिया जाएगा. राजद प्रवक्ता रितु जायसवाल कहती हैं, हमें अभी बहुत ज्यादा वक्त सरकार में आए नहीं हुआ है. राजद कभी भी ट्विटर पर या सोशल मीडिया पर आता है तो आपने देखा होगा, जब हम विपक्ष में थे तब भी और अभी जब हमारी सरकार बने बहुत कम वक्त हुआ है तब भी हम लोगों ने केवल काम के मुद्दे उठाए हैं, काम की बातें की हैं. लोगों को प्रोत्साहित किया है.

'बीजेपी के फ्रीज एलिमेंट है. 2014 से सोशल मीडिया पर एक्टिव हो करके फ्रिज एलिमेंट को ही बढ़ावा देने का काम करते हैं. हिंदू-मुस्लिम दंगे जैसा काम करते हैं, उनका सोशल मीडिया केवल और केवल लोगों के बीच में गलतफहमी पैदा करना, आक्रोश को बढ़ावा देना और दंगा फसाद कराने का काम करता है. उनका आईटी सेल इस तरह से मजबूत है. सोशल मीडिया को जैसे घुमाया जाए, वह हम वैसे काम करता है. बीजेपी जानती है कि उसे किस तरीके से घुमाया जाए. चाहे उससे देश निगेटिव में चला जाए, जनता के बीच में दंगे हो जाए, आक्रोश फैल जाए, उन के फेवर में कैसे जाएगा? उसे भुनाने में बीजेपी एक्सपर्ट है. जबकि राजद इसके विपरीत लोगों के बीच में सौहार्द कैसे फैलाया जाए, विकास की बातें कैसे हो?, इस पर यकीन रखता है. उसका परिणाम भी सामने आ रहा है, कुछ दिन पहले तक मीडिया भी यही सवाल किया करता था, अब मीडिया भी पूछता है की रोजगार का क्या हुआ.' - रितु जायसवाल, प्रवक्ता, राजद

'आरजेडी के लोग सरकारी मीटिंग में अपनी पसंद के अपने परिवार के अपने समर्थकों को लेकर के चले जा रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी ने जनहित में ऑफिशियल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत एक सवाल उठाया, अब आरजेडी की तरफ से तरह-तरह की फोटो जारी किए जा रहे हैं. ऐसा थोड़े ही है कि कोई ऑफिशियल कोड ऑफ कंडक्ट बीजेपी पर लागू नहीं होता है और आरजेडी पर लागू होता है. लेकिन फोटो जारी करने से पहले यह देख लेना चाहिए कि वह किस तरह की मीटिंग है? क्या वह ऑफिशियल है या नॉन ऑफिसियल है.' - निखिल आनंद, बीजेपी के प्रवक्ता

बीजेपी ने राजद पर कसा तंज : निखिल कहते हैं (BJP IT Cell) कि आरजेडी को थेथरोलोजी में जाने की जरूरत नहीं है. फोटो जारी कर देने से आपने जो गलती की क्या उसका जस्टिफिकेशन हो जाएगा? राजद मॉडल कोड आफ कंडक्ट 11 स्टैंडर्ड सीट करने की बात क्यों नहीं करता. इन हल्की बातों से आरजेडी अपना जस्टिफिकेशन नहीं कर सकता. आरजेडी ने गलत किया है तो उसे माफी मांग लेनी चाहिए. सोशल मीडिया पर वार पलटवार के मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मनोज पाठक कहते हैं, राजनीति में आजकल सभी दल सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं. जिसका जितना बन पड़ता है. वह अपनी बातों को उन लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं. बीजेपी को जवाब देना राजद की तरफ से कोई नई बात नहीं है. राजद पहले भी जवाब दिया करता था.

'यह अलग बात है कि पहले व्यक्तिगत रूप से नेता एक दूसरे पर हमला करते थे और अब आईटी सेल आ गया है. जनता तक पहुंचाने के लिए राजद ने इसे एक माध्यम चुना है. यह सही बात है की बहुत सारी आईडी को बनाकर राजद काम कर रहा है. राजद को इसका कितना लाभ मिलेगा और अपनी बातों को जनता तक कितना पहुंचा पाता है, आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा? ऐसा कहा जाता है कि बीजेपी को इसमें महारत हासिल है. केंद्र से लेकर राज्य और बूथ स्तर तक आईटी सेल काम कर रहा है. राजद अब इसमें अपने आप को कितना लगा पाता है. यह आने वाला वक्त ही बताएगा और जनता किसके पक्ष में है और कैसे किस की बातों को कैसे लेती है? यह तो आने वाले चुनाव में पता चलेगा.' - मनोज पाठक, वरिष्ठ पत्रकार

पटना: सोशल मीडिया (Social Media) के अपने मायने हैं, तकनीक के इस दौर में सोशल मीडिया पर अगर कोई बात सामने आती है तो उसे फैलने में बहुत कम वक्त लगता है. राजनीति के परिप्रेक्ष्य में देखें तो हर राजनीतिक दल अपनी बातों को कम वक्त में ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने में फेसबुक और ट्विटर जैसे सोशल साइट्स का सहारा लेते हैं. बीजेपी का आईटी सेल बहुत ही ताकतवर माना जाता (BJP IT Cell Is Stronger than All Parties In Bihar) है. ऐसा कहा जाता है कि बीजेपी के आईटी सेल की बराबरी करना किसी और अन्य दल के लिए टेढ़ी खीर है. बिहार में बीजेपी का आईटी सेल बहुत मजबूत रहता है. आईटी सेल कुछ ऐसी खबर को निकाल कर लेकर आता है, जिसे जनमानस पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है.

ये भी पढ़ें- बीच सड़क पर दारू पीकर दादागीरी, प्लेन में स्मोकिंग, उत्तराखंड पुलिस की रडार पर आया बॉबी कटारिया

BJP का IT सेल बहुत मजबूत : हाल ही में प्रदेश में नवगठित महागठबंधन की सरकार में मंत्री तेजप्रताप के सरकारी मीटिंग में अपने बहनोई के शामिल होने की खबर तेजी से सोशल साइट्स के माध्यम से फैली थी, लेकिन अब प्रदेश में सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनता दल ने बीजेपी की आईटी सेल को उतनी ही तत्परता से काउंटर करना भी शुरू कर दिया है. दरअसल बीजेपी की तरफ से सोशल साइट्स के माध्यम से प्रदेश में सत्तारूढ़ महागठबंधन की सरकार और सरकार के आम घटक दल राजद को लेकर ऐसे कई ट्वीट किए गए जो आम लोगों के बीच में चर्चा का विषय बन गए. मामले ने तूल तब पकड़ा जब बिहार स्टेट पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के सरकारी बैठक में विभागीय मंत्री तेज प्रताप के साथ उनके बहनोई शैलेश कुमार बैठक में दिखाई दिए.

राजद के आईटी सेल ने अपना मोर्चा खोला : इस घटना को लेकर तमाम प्रतिक्रियाएं सामने भी आई. इसके बाद राजद के आईटी सेल ने अपना मोर्चा खोला और केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे के एक कार्यक्रम में उनके बेटे की उपस्थिति, पूर्व की एनडीए सरकार में पथ निर्माण विभाग के मंत्री नितिन नवीन के ऑफिस में उनके परिवार वालों को आगमन को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए. राजद के पार्टी सूत्रों का कहना है कि उनकी पार्टी इस तरह के ट्वीट पर ध्यान नहीं देती है लेकिन जब बीजेपी अनर्गल बातों को तूल देगी तो उन्हें उनकी ही भाषा में जवाब दिया जाएगा. राजद प्रवक्ता रितु जायसवाल कहती हैं, हमें अभी बहुत ज्यादा वक्त सरकार में आए नहीं हुआ है. राजद कभी भी ट्विटर पर या सोशल मीडिया पर आता है तो आपने देखा होगा, जब हम विपक्ष में थे तब भी और अभी जब हमारी सरकार बने बहुत कम वक्त हुआ है तब भी हम लोगों ने केवल काम के मुद्दे उठाए हैं, काम की बातें की हैं. लोगों को प्रोत्साहित किया है.

'बीजेपी के फ्रीज एलिमेंट है. 2014 से सोशल मीडिया पर एक्टिव हो करके फ्रिज एलिमेंट को ही बढ़ावा देने का काम करते हैं. हिंदू-मुस्लिम दंगे जैसा काम करते हैं, उनका सोशल मीडिया केवल और केवल लोगों के बीच में गलतफहमी पैदा करना, आक्रोश को बढ़ावा देना और दंगा फसाद कराने का काम करता है. उनका आईटी सेल इस तरह से मजबूत है. सोशल मीडिया को जैसे घुमाया जाए, वह हम वैसे काम करता है. बीजेपी जानती है कि उसे किस तरीके से घुमाया जाए. चाहे उससे देश निगेटिव में चला जाए, जनता के बीच में दंगे हो जाए, आक्रोश फैल जाए, उन के फेवर में कैसे जाएगा? उसे भुनाने में बीजेपी एक्सपर्ट है. जबकि राजद इसके विपरीत लोगों के बीच में सौहार्द कैसे फैलाया जाए, विकास की बातें कैसे हो?, इस पर यकीन रखता है. उसका परिणाम भी सामने आ रहा है, कुछ दिन पहले तक मीडिया भी यही सवाल किया करता था, अब मीडिया भी पूछता है की रोजगार का क्या हुआ.' - रितु जायसवाल, प्रवक्ता, राजद

'आरजेडी के लोग सरकारी मीटिंग में अपनी पसंद के अपने परिवार के अपने समर्थकों को लेकर के चले जा रहे हैं, भारतीय जनता पार्टी ने जनहित में ऑफिशियल कोड ऑफ कंडक्ट के तहत एक सवाल उठाया, अब आरजेडी की तरफ से तरह-तरह की फोटो जारी किए जा रहे हैं. ऐसा थोड़े ही है कि कोई ऑफिशियल कोड ऑफ कंडक्ट बीजेपी पर लागू नहीं होता है और आरजेडी पर लागू होता है. लेकिन फोटो जारी करने से पहले यह देख लेना चाहिए कि वह किस तरह की मीटिंग है? क्या वह ऑफिशियल है या नॉन ऑफिसियल है.' - निखिल आनंद, बीजेपी के प्रवक्ता

बीजेपी ने राजद पर कसा तंज : निखिल कहते हैं (BJP IT Cell) कि आरजेडी को थेथरोलोजी में जाने की जरूरत नहीं है. फोटो जारी कर देने से आपने जो गलती की क्या उसका जस्टिफिकेशन हो जाएगा? राजद मॉडल कोड आफ कंडक्ट 11 स्टैंडर्ड सीट करने की बात क्यों नहीं करता. इन हल्की बातों से आरजेडी अपना जस्टिफिकेशन नहीं कर सकता. आरजेडी ने गलत किया है तो उसे माफी मांग लेनी चाहिए. सोशल मीडिया पर वार पलटवार के मामले पर वरिष्ठ पत्रकार मनोज पाठक कहते हैं, राजनीति में आजकल सभी दल सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं. जिसका जितना बन पड़ता है. वह अपनी बातों को उन लोगों तक पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का उपयोग कर रहे हैं. बीजेपी को जवाब देना राजद की तरफ से कोई नई बात नहीं है. राजद पहले भी जवाब दिया करता था.

'यह अलग बात है कि पहले व्यक्तिगत रूप से नेता एक दूसरे पर हमला करते थे और अब आईटी सेल आ गया है. जनता तक पहुंचाने के लिए राजद ने इसे एक माध्यम चुना है. यह सही बात है की बहुत सारी आईडी को बनाकर राजद काम कर रहा है. राजद को इसका कितना लाभ मिलेगा और अपनी बातों को जनता तक कितना पहुंचा पाता है, आने वाले वक्त में ही पता चल पाएगा? ऐसा कहा जाता है कि बीजेपी को इसमें महारत हासिल है. केंद्र से लेकर राज्य और बूथ स्तर तक आईटी सेल काम कर रहा है. राजद अब इसमें अपने आप को कितना लगा पाता है. यह आने वाला वक्त ही बताएगा और जनता किसके पक्ष में है और कैसे किस की बातों को कैसे लेती है? यह तो आने वाले चुनाव में पता चलेगा.' - मनोज पाठक, वरिष्ठ पत्रकार

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