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बोचहां विधानसभा उपचुनाव: जातीय समीकरण के सहारे RJD की मजबूत दावेदारी, BJP ने भी ठोका दावा

बोचहां विधानसभा उपचुनाव (Bochaha assembly By Election) सभी सियासी दलों के लिए प्रतिष्ठा का सवाल बन गया है. सभी इस सीट पर जीत के दावे कर रहे हैं. उपचुनाव में बीजेपी, आरजेडी और वीआईपी में कड़ा संघर्ष देखने को मिल रहा है. सभी दल मतदान के बाद से ही जातीय समीकरण के कैलकुलेशन में लगे हैं.

बोचहां विधानसभा उपचुनाव
बोचहां विधानसभा उपचुनाव
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Published : Apr 13, 2022, 5:53 PM IST

पटना: बोचहां उपचुनाव का रिजल्ट (Bochaha By Election Result) 16 अप्रैल को आएगा, लेकिन उससे पहले बीजेपी और आरजेडी की तरफ से लगातार दावे हो रहे हैं. मुकेश सहनी की पार्टी की तरफ से भी जीत के दावे हो रहे हैं. जनता ने उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 12 अप्रैल को ही ईवीएम में बंद कर दिया है. ऐसे तो मुकाबला आरजेडी और बीजेपी के बीच ही है, लेकिन मुकेश सहनी ने भी पूरी ताकत लगाई है. इसी कारण बोचहां उपचुनाव की जीत हार को प्रतिष्ठा से भी जोड़ा जा रहा है.

ये भी पढ़ें- Bochahan assembly By Election: मतदान के बाद अब जीत को लेकर दावों का दौर शुरू

बोचहां सीट बनी प्रतिष्ठा का सवाल: मुजफ्फरपुर जिले की बोचहां विधानसभा की सीट वीआईपी विधायक मुसाफिर पासवान के असमय निधन के कारण खाली हुई है. मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को आरजेडी ने टिकट दे दिया जो मजबूत दावेदारों में से एक हैं. अमर पासवान के साथ पासवान समाज का सिंपैथी वोट के साथ-साथ मुस्लिम और यादव वोट बैंक भी है. वहीं बीजेपी ने बेबी कुमारी को इस बार टिकट दिया है. 2020 में वीआईपी को सीट दिए जाने के कारण बेबी कुमारी का टिकट कट गया था.

BJP ने किया जीत का दावा: बेबी कुमारी पहले विधायक रह चुकी हैं, जो धोबी समाज से आती हैं. बोचहां में धोबी समाज का वोट ऐसे तो बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन पिछड़ा, अति पिछड़ा वोट के साथ अपर कास्ट का वोट मिलने की उम्मीद बीजेपी को है. बीजेपी को अपर कास्ट के साथ कुर्मी, कुशवाहा और पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग का वोट मिलने की उम्मीद है. बीजेपी को यह भी उम्मीद है कि पासवान और मल्लाह समाज के लोग भी बीजेपी के पक्ष में ही वोट किए होंगे.

''आरजेडी तो जातीय समीकरण के आधार पर ही पॉलिटिक्स करती है, लेकिन बीजेपी सर्वांगीण विकास की बात करती रही है. बिहार में सरकार की तरफ से जो काम हो रहा है और केंद्र सरकार की तरफ से भी जो लाभ दिया जा रहा है, उसका असर रिजल्ट में दिखेगा. बीजेपी सबका साथ सबका विकास की बात करती रही है. लोग भले ही बाहर कुछ कहते हो लेकिन वोट बीजेपी को ही डालते हैं, इसलिए बीजेपी का ही उम्मीदवार इस बार भी जीतेगा.''- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी

RJD को जातीय समीकरण से उम्मीद: मुकेश सहनी ने आरजेडी के कद्दावर नेता और कई बार वहां से विधायक रह चुके रमई राम की बेटी गीता देवी को टिकट दिया है. रमई राम मंत्री भी रह चुके हैं. रमई राम आरजेडी से बगावत कर वीआईपी में शामिल हुए हैं. वीआईपी को मल्लाह समाज का वोट मिलना तय माना जा रहा है. साथ ही रमई राम को अपनी कास्ट का भी अधिकांश वोट मिलने की उम्मीद है, इसलिए बोचहां विधानसभा उपचुनाव दिलचस्प बन गया है.आरजेडी को अपने जातीय समीकरण से पूरी उम्मीद है.

''तेजस्वी यादव के साथ पिछड़ा, अति पिछड़ा से लेकर ए टू जेड सभी वर्ग के मतदाता हैं. सभी ने अमर पासवान को वोट किया है और उन्हें वहां के लोगों का सिंपैथी वोट भी मिला है, इसलिए बीजेपी खेमे में बेचैनी है. बीजेपी ने अपने सभी मंत्री और केंद्रीय मंत्री तक को चुनाव प्रचार में उतारा था, यहां तक कि मुख्यमंत्री को भी चुनाव प्रचार में ले गए लेकिन जनता ने रिजेक्ट कर दिया है.''- एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी

सभी दलों के अपने-अपने दावे: बता दें कि बोचहां विधानसभा उपचुनाव का रिजल्ट 16 अप्रैल को आएगा. तब तक सभी दलों की धड़कन बढ़ी रहेगी. बोचहां में 13 उम्मीदवार चुनाव लड़े हैं और सबका भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है. बोचहां सीट की हार जीत से सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन बीजेपी बोचहां सीट जीतती है तो विधानसभा में सदस्यों की संख्या बढ़कर 78 हो जाएगी और यदि आरजेडी सीट जीतती है तो उसकी सदस्य संख्या बढ़कर 76 हो जाएगी, जो बीजेपी के 77 से केवल 1 सीट कम होगी.

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पटना: बोचहां उपचुनाव का रिजल्ट (Bochaha By Election Result) 16 अप्रैल को आएगा, लेकिन उससे पहले बीजेपी और आरजेडी की तरफ से लगातार दावे हो रहे हैं. मुकेश सहनी की पार्टी की तरफ से भी जीत के दावे हो रहे हैं. जनता ने उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला 12 अप्रैल को ही ईवीएम में बंद कर दिया है. ऐसे तो मुकाबला आरजेडी और बीजेपी के बीच ही है, लेकिन मुकेश सहनी ने भी पूरी ताकत लगाई है. इसी कारण बोचहां उपचुनाव की जीत हार को प्रतिष्ठा से भी जोड़ा जा रहा है.

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बोचहां सीट बनी प्रतिष्ठा का सवाल: मुजफ्फरपुर जिले की बोचहां विधानसभा की सीट वीआईपी विधायक मुसाफिर पासवान के असमय निधन के कारण खाली हुई है. मुसाफिर पासवान के बेटे अमर पासवान को आरजेडी ने टिकट दे दिया जो मजबूत दावेदारों में से एक हैं. अमर पासवान के साथ पासवान समाज का सिंपैथी वोट के साथ-साथ मुस्लिम और यादव वोट बैंक भी है. वहीं बीजेपी ने बेबी कुमारी को इस बार टिकट दिया है. 2020 में वीआईपी को सीट दिए जाने के कारण बेबी कुमारी का टिकट कट गया था.

BJP ने किया जीत का दावा: बेबी कुमारी पहले विधायक रह चुकी हैं, जो धोबी समाज से आती हैं. बोचहां में धोबी समाज का वोट ऐसे तो बहुत ज्यादा नहीं है, लेकिन पिछड़ा, अति पिछड़ा वोट के साथ अपर कास्ट का वोट मिलने की उम्मीद बीजेपी को है. बीजेपी को अपर कास्ट के साथ कुर्मी, कुशवाहा और पिछड़ा, अति पिछड़ा वर्ग का वोट मिलने की उम्मीद है. बीजेपी को यह भी उम्मीद है कि पासवान और मल्लाह समाज के लोग भी बीजेपी के पक्ष में ही वोट किए होंगे.

''आरजेडी तो जातीय समीकरण के आधार पर ही पॉलिटिक्स करती है, लेकिन बीजेपी सर्वांगीण विकास की बात करती रही है. बिहार में सरकार की तरफ से जो काम हो रहा है और केंद्र सरकार की तरफ से भी जो लाभ दिया जा रहा है, उसका असर रिजल्ट में दिखेगा. बीजेपी सबका साथ सबका विकास की बात करती रही है. लोग भले ही बाहर कुछ कहते हो लेकिन वोट बीजेपी को ही डालते हैं, इसलिए बीजेपी का ही उम्मीदवार इस बार भी जीतेगा.''- प्रेम रंजन पटेल, प्रवक्ता, बीजेपी

RJD को जातीय समीकरण से उम्मीद: मुकेश सहनी ने आरजेडी के कद्दावर नेता और कई बार वहां से विधायक रह चुके रमई राम की बेटी गीता देवी को टिकट दिया है. रमई राम मंत्री भी रह चुके हैं. रमई राम आरजेडी से बगावत कर वीआईपी में शामिल हुए हैं. वीआईपी को मल्लाह समाज का वोट मिलना तय माना जा रहा है. साथ ही रमई राम को अपनी कास्ट का भी अधिकांश वोट मिलने की उम्मीद है, इसलिए बोचहां विधानसभा उपचुनाव दिलचस्प बन गया है.आरजेडी को अपने जातीय समीकरण से पूरी उम्मीद है.

''तेजस्वी यादव के साथ पिछड़ा, अति पिछड़ा से लेकर ए टू जेड सभी वर्ग के मतदाता हैं. सभी ने अमर पासवान को वोट किया है और उन्हें वहां के लोगों का सिंपैथी वोट भी मिला है, इसलिए बीजेपी खेमे में बेचैनी है. बीजेपी ने अपने सभी मंत्री और केंद्रीय मंत्री तक को चुनाव प्रचार में उतारा था, यहां तक कि मुख्यमंत्री को भी चुनाव प्रचार में ले गए लेकिन जनता ने रिजेक्ट कर दिया है.''- एजाज अहमद, प्रवक्ता, आरजेडी

सभी दलों के अपने-अपने दावे: बता दें कि बोचहां विधानसभा उपचुनाव का रिजल्ट 16 अप्रैल को आएगा. तब तक सभी दलों की धड़कन बढ़ी रहेगी. बोचहां में 13 उम्मीदवार चुनाव लड़े हैं और सबका भाग्य ईवीएम में कैद हो चुका है. बोचहां सीट की हार जीत से सरकार की सेहत पर कोई असर नहीं पड़ेगा, लेकिन बीजेपी बोचहां सीट जीतती है तो विधानसभा में सदस्यों की संख्या बढ़कर 78 हो जाएगी और यदि आरजेडी सीट जीतती है तो उसकी सदस्य संख्या बढ़कर 76 हो जाएगी, जो बीजेपी के 77 से केवल 1 सीट कम होगी.

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