पटना: बिहार पंचायत चुनाव के 10वें चरण का चुनाव 8 दिसंबर को संपन्न हो गया. इस चरण में 34 जिलों के 53 प्रखंडों में (Tenth Phase counting in Bihar) जिला परिषद, मुखिया, पंचायत समिति सदस्य, वार्ड सदस्य, सरपंच और पंच पद के प्रत्याशियों के लिए मतदान संपन्न हो गया. राज्य निर्वाचन आयोग की ओर से दसवें चरण की मतगणना 10 दिसंबर और 11 दिसंबर रखा गया है. कल सुबह से प्रत्याशी और उनके समर्थक मतगणना केंद्रों पर पहुंचना शुरू कर देंगे. सुबह 8 बजे से मतगणना की शुरुआत होगी और उसके बाद रुझान भी आना शुरू हो जाएगा. इस चरण में 64% मतदान हुआ है.
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बता दें कि 24,816 पदों के लिए हुए चुनाव में 93,725 प्रत्याशियों ने नामांकन पत्र दाखिल कर चुनावी रणभूमि में है. जिनके भाग्य का फैसला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग करके ईवीएम और मतपेटिका में कैद करने का काम किया है. कल सुबह 8 बजे से मतपेटिका और ईवीएम जैसे-जैसे खुलेगा वैसे-वैसे प्रत्याशियों के भाग्य का भी फैसला होता जाएगा. बहुत सारे प्रत्याशियों के भाग्य खुल जाएंगे और कई सारे प्रत्याशियों के हाथ मायूसी लगने वाली है.
इस बार पंचायत चुनाव में यह देखने को मिला है कि बहुत सारे प्रत्याशी जो अपने कार्यकाल में जनहित के कामों को धरातल पर नहीं उतर पाए हैं, वह अपना पद भी नहीं बचा पाए हैं. बहुत कम लोग ही अपना पद बचा पाए हैं. इस बार जनता नए चेहरे पर ज्यादा विश्वास जता रही है और जिताने का भी काम कर रही है.
अब देखना होगा कि 10वें चरण में कितने लोग अपनी कुर्सी बचा पाते हैं, लेकिन इतना तो साफ है कि इस बार महिला प्रत्याशी और महिला मतदाता पंचायत चुनाव में बढ़ चढ़कर हिस्सा ले रही हैं और बाजी भी मार रही हैं. महिलाएं अपने घर की दहलीज को पार कर चुनावी रणभूमि में कदम रख रही है. पुरुषों से कदम से कदम मिलाकर ताल ठोक रही है और जीत भी दर्ज कर रही हैं.
मतगणना को लेकर राज्य निर्वाचन आयुक्त डॉ. दीपक प्रसाद की माने तो उनका साफ तौर पर कहना है कि दसवें चरण में 34 जिलों के 53 प्रखंडों में हुए चुनाव में 4 पदों पर ईवीएम से चुनाव हुआ है. ऐसे में इस बार ओसीआर टेक्नोलॉजी का प्रयोग कर मतगणना कराई जा रही है, जिसका नतीजा है कि बहुत कम शिकायत निर्वाचन आयोग के पास पहुंच रही है. चुनाव पूरी तरह से निष्पक्ष और शांतिपूर्ण हो रहा है. जिसका नतीजा है कि महिला प्रत्याशी से लेकर महिला मतदाता मतदान में ज्यादा भाग ले रही हैं.
कल सुबह होने वाले मतगणना में ओसीआर टेक्नोलॉजी का शत-प्रतिशत प्रयोग किया जाएगा. यह टेक्नोलॉजी ईवीएम से कनेक्ट होती है और कनेक्ट होने के साथ-साथ किस प्रत्याशी को कितने मत प्राप्त हुए हैं, यह बताने का काम करती है और एक डेटा बनाकर भी रखती है. अगर ऐसी स्थिति उत्पन्न होती है तो इस डाटा के जरिए दिखाया भी जा सकता है. साथ ही बिहार राज्य निर्वाचन आयोग (Bihar State Election Commission) के कंट्रोल रूम से मतगणना की मॉनिटरिंग की भी व्यवस्था की गई है. कहीं किसी प्रकार की मतगणना में किसी लोगों के द्वारा हस्तक्षेप ना हो मतगणना शांतिपूर्ण से हो इसको लेकर सीसीटीवी से निगरानी भी रखी जाएगी.
इस बार बिहार पंचायत चुनाव में पहली बार जिस सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जा रहा है, उस टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने के लिए अन्य राज्य भी लगातार बिहार में विजिट कर रहे हैं और यह अनुमान लगाया जा रहा है कि बिहार की इस टेक्नोलॉजी को आने वाले दिनों में सभी जगह इस सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी से चुनाव कराया जाएगा और ओसीआर सॉफ्टवेयर का प्रयोग कर मतगणना कराई जा सकती है. इसी कड़ी में आपको बता दें कि तेलंगाना के निर्वाचन आयुक्त श्री सी पार्थ 8 दिसंबर को हुए दसवें चरण के चुनाव को उन्होंने अपनी आंखों से देखा और संतुष्ट दिखाई दिए.
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कल होने वाली मतगणना में जो ओसीआर टेक्नोलॉजी का प्रयोग किया जाएगा, उसको अपने टीम के साथ देखेंगे और समीक्षा करेंगे. उसके बाद अपने राज्य में होने वाले पंचायत चुनाव में इस तरह के चुनाव को प्रयोग के तौर पर ला सकते हैं. पूर्व में भी कई राज्यों के आयुक्त बिहार में हो रहे पंचायत चुनाव में विजिट कर संतुष्ट होकर अपने राज्य गए हैं और उन्होंने बताया भी है कि इस प्रयोग से शांति और निष्पक्षतापूर्ण चुनाव हो रहा है. आने वाले दिनों में अपने राज्य में भी इस तरह का प्रयोग करने के लिए राय विमर्श करेंगे.
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