पटना: अगस्त 2020 में लंबे इंतजार के बाद जब शिक्षा विभाग ( Education Department ) ने नियोजित शिक्षकों की सेवा शर्त लागू की, तो सबसे ज्यादा खुशी उन महिलाओं और दिव्यांग शिक्षकों को हुई, जो वर्षों से अपने गृह जिला से दूर किसी दूरदराज इलाके के स्कूल में इस उम्मीद पर नौकरी कर रहे थे कि एक दिन उनका भी तबादला होगा और वे घर के आसपास किसी स्कूल में अपनी सेवा देंगे.
ऐसे शिक्षक और लाइब्रेरियन हजारों की संख्या में है, जो कम से कम 10-15 साल से ऐच्छिक तबादले ( Niyojit Teacher Transfer In Bihar ) का इंतजार कर रहे हैं. सेवा शर्त नियमावली लागू होने के बाद अब एक साल होने को है लेकिन अब तक शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित ट्रांसफर पॉलिसी सरकार ने लागू नहीं की है.
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हालांकि इस बारे में शिक्षा विभाग की तरफ से पिछले करीब 6 महीने से हर बार यह खबर आती है कि अगले महीने इस प्रक्रिया की शुरुआत होगी. यह प्रक्रिया ऑनलाइन होने वाली है यानी आवेदन ऑनलाइन लिए जाएंगे और उसके बाद तय सिस्टम के तहत महिला शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष और दिव्यांग शिक्षक का अंतर जिला और अंतर नियोजन इकाई में तबादला होगा जबकि पुरुष शिक्षकों का म्यूच्यूअल ट्रांसफर होगा.
इस बारे में प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी अध्यक्ष मनोज कुमार ने कहा कि लंबे समय से हजारों महिलाएं और दिव्यांग शिक्षक अपने घर के आस-पास के स्कूल में ट्रांसफर का इंतजार कर रहे हैं.
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'शिक्षा विभाग को अब बिना देर किए लॉकडाउन के दौरान शिक्षकों से ऑनलाइन आवेदन लेकर तुरंत इस प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए ताकि कोरोना महामारी के वक्त महिलाओं और दिव्यांग शिक्षकों को राहत मिल सके.'- मनोज कुमार, कार्यकारी अध्यक्ष, प्राथमिक शिक्षक संघ
इधर, सेवानिवृत्त शिक्षक शैलेन्द्र कुमार ने कहा कि सेवा शर्त नियमावली के प्रावधानों को शिक्षा विभाग को तुरंत लागू करना चाहिए. विशेष रुप से महिलाएं और दिव्यांग शिक्षक वर्षों से अपने तबादले का इंतजार कर रहे हैं. जब सबकुछ ऑनलाइन होना है तो फिर इसमें देरी क्यों?
उन्होंने कहा कि शिक्षा विभाग को अति शीघ्र इस प्रक्रिया को पूरा करना चाहिए. उन्होंने ट्रांसफर में आरक्षण कोटि का प्रावधान किए जाने पर भी सवाल खड़े किए हैं. शैलेंद्र शैलू ने कहा कि जिस तरह की प्रक्रिया अपनाई जा रही है, उससे शिक्षकों के लिए ट्रांसफर लेना आसान नहीं होगा.
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वहीं अगर ट्रांसफर की संभावित प्रक्रिया की बात की जाए तो सेवा काल में सिर्फ एक बार ऐच्छिक नियोजन इकाई में तबादला का मौका दिया जाएगा. ऑनलाइन पोर्टल के जरिए ही आवेदन में तीन ऑप्शन मांगे जाएंगे. दिव्यांग और महिलाओं को एक बार अंतरजिला अंतर नियोजन इकाई में तबादला का मौका मिलेगा.
वहीं, पुरुष शिक्षकों को म्युचुअल ट्रांसफर के आधार पर मौका मिलेगा. प्राथमिकता के आधार पर सबसे पहले दिव्यांग शिक्षकों को मौका मिलेगा, उसके बाद वरिष्ठता के आधार पर महिला शिक्षकों को मौका दिया जाएगा.
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हालांकि इस मसले पर शिक्षा विभाग में कोई भी खुलकर बोलने को तैयार नहीं है. जानकारी के मुताबिक, जिस सॉफ्टवेयर के जरिए शिक्षकों को ट्रांसफर के लिए आवेदन करना है, उस सॉफ्टवेयर का ट्रायल चल रहा है. सॉफ्टवेयर का प्रजेंटेशन अपर मुख्य सचिव के पास होना है, जिसके बाद ट्रांसफर के लिए आवेदन लेना शुरू होगा. इस पूरी प्रक्रिया में देरी की एक बड़ी वजह बिहार में छठे चरण का शिक्षक नियोजन है, जिसके तहत करीब सवा लाख शिक्षकों के नियोजन की प्रक्रिया चल रही है.