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जलवायु परिवर्तन से बचाव के लिए बिहार में चल रहा 'जल जीवन हरियाली' अभियान, हर तरफ इसकी तारीफ

बिहार में जलवायु परिवर्तन को लेकर ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने 2019 में जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की थी. इस अभियान की हर तरफ चर्चा भी हो रही है.

जलवायु परिवर्तन
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Published : Nov 7, 2021, 6:25 PM IST

पटना: जलवायु परिवर्तन (Climate Change) को लेकर बिहार में कई स्तर पर काम हो रहा है. जिसकी चर्चा देश ही नहीं पूरी दुनिया में हो रही है, क्योंकि जिस प्रकार से मौसम का मिजाज बदला है उसके कारण आपदा लगातार बढ़ रही है. देश में सितंबर-अक्टूबर की बात करें तो 125 बार अप्रत्याशित बारिश हुई है, जिसमें बिहार में भी केवल अक्टूबर महीने में सामान्य से 208 फीसदी अधिक बारिश हुई है. बिहार जून महीने से ही बाढ़ से जूझना शुरू कर दिया था. इस साल बिहार के लोगों ने 5 बार बाढ़ झेला है.

ये भी पढ़ें: CRISP-M टूल से जलवायु परिवर्तन से निपटने की खुली नई संभावनाएं: गिरिराज

आईएमडी के अनुसार 1975 के बाद इस साल सातवीं बार सबसे देरी से मानसून की विदाई हुई है. इस साल सिर्फ अक्टूबर में बिहार में 189.6 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि पिछले साल केवल 29.1 मिलीमीटर बारिश हुई थी.

देखें रिपोर्ट

दरअसल, बिहार में जलवायु परिवर्तन का जबरदस्त असर पड़ा है. 2020 में कई प्रखंड में सूखा पड़ा था. यहां तक कि उत्तर बिहार के कई इलाकों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इस साल बाढ़ और अत्यधिक बारिश ने लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ा दी थी. हजारों करोड़ का नुकसान भी हो रहा है. ऐसे बिहार में जलवायु परिवर्तन को लेकर ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने 2019 में जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की थी. विधानसभा और विधान परिषद की संयुक्त बैठक भी हुई थी और उसमें पूरे दिन चर्चा भी हुई थी. सत्ता पक्ष के नेताओं का कहना है कि जलवायु परिवर्तन को लेकर सरकार गंभीर है. बिहार में जो कार्य हो रहे हैं, उसकी चर्चा देश दुनिया में हो रही है.

अगर सिर्फ बिहार में अक्टूबर महीने की बात करें तो गया में 101.4 मिली मीटर, भागलपुर में 296.1 मिलीमीटर, पूर्णिया में 161.3 मिलीमीटर, पटना में 61.1 मिलीमीटर के साथ उत्तर बिहार के कई इलाकों में पिछले साल के मुकाबले काफी अधिक बारिश हुई है. आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार भी हर साल अप्रत्याशित बारिश बढ़ रही हैं. साल 2017 के सितंबर में 29, अक्टूबर में 12 मिलीमीटर बारिश हुई. 2018 के सितंबर में 44, अक्टूबर में 17 मिलीमीटर बारिश हुई. 2019 के सितंबर में 59, अक्टूबर में 16 मिलीमीटर बारिश हुई. 2020 के सितंबर में 61, अक्टूबर में 10 मिलीमीटर बारिश हुई. वहीं, 2021 के सितंबर में 89 और अक्टूबर में 36 मिलीमीटर बारिश हुई.

बिहार में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत कई कार्यक्रम हो रहे हैं और इसे 2024 तक पूरा करना है.

  • बिहार में 93643 जल स्त्रोत के जीर्णोद्धार पर कार्य.
  • 17 फ़ीसदी ग्रीन कवर करने की योजना पर चल रहा है काम.
  • जल जीवन हरियाली योजना पर 3 साल में 24524 करोड़ खर्च होंगे.
  • जल जीवन हरियाली योजना में 25 विभाग शामिल.
  • ग्रामीण विकास, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, जल संसाधन विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, नगर विकास विभाग, पीएचइडी विभाग, कृषि विभाग, भवन विभाग, जल संसाधन विभाग, पशुपालन विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायती राज, ऊर्जा और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग सहित कुल 15 विभाग शामिल है. इस योजना में आहर, पोखर, छोटी नदियों, पुराने कुआं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है.
  • सरकारी भवन में जल संचय के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग भी किया जा रहा है.
  • छोटी नदियों नालों और पहाड़ी क्षेत्र में चेक डैम का भी निर्माण हो रहा है.
  • सीएनजी चालित वाहन को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
  • ई-रिक्शा जिसे वाहनों पर भी जोर है.
  • पुआल से संबंधित कृषि यंत्रों पर 75 से 80% तक अनुदान का प्रावधान है.
  • संसदीय कार्य मंत्री की अध्यक्षता में परामर्श दात्री समिति का भी गठन किया गया है जिसमें विधानसभा अध्यक्ष सहित 15 नामित और विधान परिषद के सभापति सहित पांच नामित समिति में शामिल है.
  • जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में समिति काम कर रहा है.
  • बिहार के जल जीवन हरियाली अभियान की बिल गेट्स ने भी तारीफ की.
  • यूनाइटेड नेशन में भी इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बोलने के लिए आमंत्रित किया गया

ये भी पढ़ें: जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के तहत दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य : श्रवण कुमार

वहीं, जल जीवन हरियाली अभियान पर 2019-20 में 5870 करोड़, 2020-21 में 9874 करोड़ और 2021-22 में 8780 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. बिहार में इस साल बारिश और बाढ़ के कारण 6.64 लाख हेक्टेयर से अधिक फसल की क्षति हुई है. 31 जिले के 294 प्रखंड में लगभग 80 लाख की आबादी इस बार बाढ़ से प्रभावित हुई है.

कृषि विभाग की रिपोर्ट की ही बात करें तो 6.64 हेक्टेयर में फसल क्षति होने के साथ जलजमाव के कारण 1.4 एक लाख हेक्टेयर कृषि भूमि परती भी रह गई. कृषि के क्षेत्र में 1000 करोड़ से अधिक का नुकसान बिहार को इस साल बाढ़ और अत्यधिक बारिश के कारण हुई है. जलवायु परिवर्तन से बचाव के लिए ही जल जीवन हरियाली अभियान बिहार में चल रहा है और इसकी तारीफ भी हो रही. इसका कितना असर होता है, यह देखने वाली बात होगी.

पटना: जलवायु परिवर्तन (Climate Change) को लेकर बिहार में कई स्तर पर काम हो रहा है. जिसकी चर्चा देश ही नहीं पूरी दुनिया में हो रही है, क्योंकि जिस प्रकार से मौसम का मिजाज बदला है उसके कारण आपदा लगातार बढ़ रही है. देश में सितंबर-अक्टूबर की बात करें तो 125 बार अप्रत्याशित बारिश हुई है, जिसमें बिहार में भी केवल अक्टूबर महीने में सामान्य से 208 फीसदी अधिक बारिश हुई है. बिहार जून महीने से ही बाढ़ से जूझना शुरू कर दिया था. इस साल बिहार के लोगों ने 5 बार बाढ़ झेला है.

ये भी पढ़ें: CRISP-M टूल से जलवायु परिवर्तन से निपटने की खुली नई संभावनाएं: गिरिराज

आईएमडी के अनुसार 1975 के बाद इस साल सातवीं बार सबसे देरी से मानसून की विदाई हुई है. इस साल सिर्फ अक्टूबर में बिहार में 189.6 मिलीमीटर बारिश हुई है, जबकि पिछले साल केवल 29.1 मिलीमीटर बारिश हुई थी.

देखें रिपोर्ट

दरअसल, बिहार में जलवायु परिवर्तन का जबरदस्त असर पड़ा है. 2020 में कई प्रखंड में सूखा पड़ा था. यहां तक कि उत्तर बिहार के कई इलाकों में जलस्तर काफी नीचे चला गया है. इस साल बाढ़ और अत्यधिक बारिश ने लोगों की मुश्किलें काफी बढ़ा दी थी. हजारों करोड़ का नुकसान भी हो रहा है. ऐसे बिहार में जलवायु परिवर्तन को लेकर ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) ने 2019 में जल जीवन हरियाली अभियान की शुरुआत की थी. विधानसभा और विधान परिषद की संयुक्त बैठक भी हुई थी और उसमें पूरे दिन चर्चा भी हुई थी. सत्ता पक्ष के नेताओं का कहना है कि जलवायु परिवर्तन को लेकर सरकार गंभीर है. बिहार में जो कार्य हो रहे हैं, उसकी चर्चा देश दुनिया में हो रही है.

अगर सिर्फ बिहार में अक्टूबर महीने की बात करें तो गया में 101.4 मिली मीटर, भागलपुर में 296.1 मिलीमीटर, पूर्णिया में 161.3 मिलीमीटर, पटना में 61.1 मिलीमीटर के साथ उत्तर बिहार के कई इलाकों में पिछले साल के मुकाबले काफी अधिक बारिश हुई है. आईएमडी की रिपोर्ट के अनुसार भी हर साल अप्रत्याशित बारिश बढ़ रही हैं. साल 2017 के सितंबर में 29, अक्टूबर में 12 मिलीमीटर बारिश हुई. 2018 के सितंबर में 44, अक्टूबर में 17 मिलीमीटर बारिश हुई. 2019 के सितंबर में 59, अक्टूबर में 16 मिलीमीटर बारिश हुई. 2020 के सितंबर में 61, अक्टूबर में 10 मिलीमीटर बारिश हुई. वहीं, 2021 के सितंबर में 89 और अक्टूबर में 36 मिलीमीटर बारिश हुई.

बिहार में जल जीवन हरियाली अभियान के तहत कई कार्यक्रम हो रहे हैं और इसे 2024 तक पूरा करना है.

  • बिहार में 93643 जल स्त्रोत के जीर्णोद्धार पर कार्य.
  • 17 फ़ीसदी ग्रीन कवर करने की योजना पर चल रहा है काम.
  • जल जीवन हरियाली योजना पर 3 साल में 24524 करोड़ खर्च होंगे.
  • जल जीवन हरियाली योजना में 25 विभाग शामिल.
  • ग्रामीण विकास, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग, जल संसाधन विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, लघु जल संसाधन विभाग, नगर विकास विभाग, पीएचइडी विभाग, कृषि विभाग, भवन विभाग, जल संसाधन विभाग, पशुपालन विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य, पंचायती राज, ऊर्जा और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग सहित कुल 15 विभाग शामिल है. इस योजना में आहर, पोखर, छोटी नदियों, पुराने कुआं का जीर्णोद्धार किया जा रहा है.
  • सरकारी भवन में जल संचय के लिए रेन वाटर हार्वेस्टिंग भी किया जा रहा है.
  • छोटी नदियों नालों और पहाड़ी क्षेत्र में चेक डैम का भी निर्माण हो रहा है.
  • सीएनजी चालित वाहन को प्रोत्साहित किया जा रहा है.
  • ई-रिक्शा जिसे वाहनों पर भी जोर है.
  • पुआल से संबंधित कृषि यंत्रों पर 75 से 80% तक अनुदान का प्रावधान है.
  • संसदीय कार्य मंत्री की अध्यक्षता में परामर्श दात्री समिति का भी गठन किया गया है जिसमें विधानसभा अध्यक्ष सहित 15 नामित और विधान परिषद के सभापति सहित पांच नामित समिति में शामिल है.
  • जिला स्तर पर प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में समिति काम कर रहा है.
  • बिहार के जल जीवन हरियाली अभियान की बिल गेट्स ने भी तारीफ की.
  • यूनाइटेड नेशन में भी इस मुद्दे पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बोलने के लिए आमंत्रित किया गया

ये भी पढ़ें: जल जीवन हरियाली कार्यक्रम के तहत दो करोड़ पौधे लगाने का लक्ष्य : श्रवण कुमार

वहीं, जल जीवन हरियाली अभियान पर 2019-20 में 5870 करोड़, 2020-21 में 9874 करोड़ और 2021-22 में 8780 करोड़ रुपए खर्च हुए हैं. बिहार में इस साल बारिश और बाढ़ के कारण 6.64 लाख हेक्टेयर से अधिक फसल की क्षति हुई है. 31 जिले के 294 प्रखंड में लगभग 80 लाख की आबादी इस बार बाढ़ से प्रभावित हुई है.

कृषि विभाग की रिपोर्ट की ही बात करें तो 6.64 हेक्टेयर में फसल क्षति होने के साथ जलजमाव के कारण 1.4 एक लाख हेक्टेयर कृषि भूमि परती भी रह गई. कृषि के क्षेत्र में 1000 करोड़ से अधिक का नुकसान बिहार को इस साल बाढ़ और अत्यधिक बारिश के कारण हुई है. जलवायु परिवर्तन से बचाव के लिए ही जल जीवन हरियाली अभियान बिहार में चल रहा है और इसकी तारीफ भी हो रही. इसका कितना असर होता है, यह देखने वाली बात होगी.

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