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झारखंड में भाषा विवाद पर बोले CM नीतीश- 'ऐसा करने वाले कर रहे हैं अपना नुकसान'

झारखंड में चल रहे भाषा विवाद (Jharkhand language dispute) पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आश्चर्य व्यक्त किया. उन्होंने कहा कि इस तरह का काम करने वाले राज्य का हित नहीं कर रहे हैं. वे अपना ही नुकसान कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार
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Published : Feb 19, 2022, 2:28 PM IST

पटना: झारखंड में भाषा को लेकर उठे विवाद पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar on Jharkhand language dispute) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड एक साथ रहे हैं. अलग होने के बाद भी बिहार और झारखंड में रिश्ता है. हम लोग तो उसके पक्षधर थे. दो लैंग्वेज तो ये दोनों राज्यों की बात है. दोनों राज्यों का जो बार्डर एरिया है, जहां बिहार-झारखंड अलग हो गये हैं, उसी पूरे बार्डर को देख लीजिए. एक तरह भोजपुरी दिख जायेगा और एक तरफ मगही.

नीतीश कुमार ने कहा कि भोजपुरी एक ही राज्य का है? यूपी में भी न है. भोजपुरी और मगही के साथ ऐसा कर रहे हैं तो उधर भी तो मगही ही है. हमकों आश्चर्य लग रहा है. ये सब बात जो कर रहा है, हम नहीं समझते कि वो राज्य के हित में कर रहा है. पता नहीं वो किस कारण से कर रहे हैं. वो अपना ही नुकसान कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार

ये भी पढ़ें: चारा घोटाला में दोषी लालू का पक्ष ले रहीं प्रियंका गांधी, ये देख आश्चर्य हुआ: नीतीश

बता दें कि झारखंड में भाषा विवाद अब लगातार बढ़ता जा रहा है. एक बार फिर से झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार इसको लेकर घिरी हुई है. सरकार ने भाषा विवाद को देखते हुए कई जिलों से भोजपुरी और मगही भाषा की मान्यता समाप्त कर दी है. इस संबंध में शुक्रवार देर रात आदेश भी जारी कर दिया गया है.

ये भी पढ़ें: बिहार की कड़वी सच्चाई है रोजगार और शिक्षा के लिए 'पलायन', चुनाव आते ही इस पर फिर शुरू हुई राजनीति

झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग ने शुक्रवार देर रात एक आदेश जारी किया. जिसके बाद राज्य में एक बार फिर से भाषा विवाद का मुद्दा गर्म हो गया. कार्मिक विभाग के आदेश में क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं की सूची जारी की गई है. ये सूची मैट्रिक और इंटर स्तर के प्रतियोगिता परीक्षाओं में जिला स्तरीय पदों के लिए जारी की गई है. इस सूची में सरकार ने धनबाद और बोकारो में भोजपुरी और मगही को हटाने की मांग को मान लिया है. इस मांग को लेकर हो रहे आंदोलन को देखते हुए सरकार ने इन दोनों जिलों से दोनों भाषाओं को हटा दिया है. जबकि पहले 24 दिसंबर के आदेश में ये दोनों भाषाओं को शामिल रखा गया था.

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पटना: झारखंड में भाषा को लेकर उठे विवाद पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar on Jharkhand language dispute) ने बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि बिहार और झारखंड एक साथ रहे हैं. अलग होने के बाद भी बिहार और झारखंड में रिश्ता है. हम लोग तो उसके पक्षधर थे. दो लैंग्वेज तो ये दोनों राज्यों की बात है. दोनों राज्यों का जो बार्डर एरिया है, जहां बिहार-झारखंड अलग हो गये हैं, उसी पूरे बार्डर को देख लीजिए. एक तरह भोजपुरी दिख जायेगा और एक तरफ मगही.

नीतीश कुमार ने कहा कि भोजपुरी एक ही राज्य का है? यूपी में भी न है. भोजपुरी और मगही के साथ ऐसा कर रहे हैं तो उधर भी तो मगही ही है. हमकों आश्चर्य लग रहा है. ये सब बात जो कर रहा है, हम नहीं समझते कि वो राज्य के हित में कर रहा है. पता नहीं वो किस कारण से कर रहे हैं. वो अपना ही नुकसान कर रहे हैं.

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बता दें कि झारखंड में भाषा विवाद अब लगातार बढ़ता जा रहा है. एक बार फिर से झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार इसको लेकर घिरी हुई है. सरकार ने भाषा विवाद को देखते हुए कई जिलों से भोजपुरी और मगही भाषा की मान्यता समाप्त कर दी है. इस संबंध में शुक्रवार देर रात आदेश भी जारी कर दिया गया है.

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झारखंड सरकार के कार्मिक विभाग ने शुक्रवार देर रात एक आदेश जारी किया. जिसके बाद राज्य में एक बार फिर से भाषा विवाद का मुद्दा गर्म हो गया. कार्मिक विभाग के आदेश में क्षेत्रीय और जनजातीय भाषाओं की सूची जारी की गई है. ये सूची मैट्रिक और इंटर स्तर के प्रतियोगिता परीक्षाओं में जिला स्तरीय पदों के लिए जारी की गई है. इस सूची में सरकार ने धनबाद और बोकारो में भोजपुरी और मगही को हटाने की मांग को मान लिया है. इस मांग को लेकर हो रहे आंदोलन को देखते हुए सरकार ने इन दोनों जिलों से दोनों भाषाओं को हटा दिया है. जबकि पहले 24 दिसंबर के आदेश में ये दोनों भाषाओं को शामिल रखा गया था.

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