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...तो अब राष्ट्रपति चुनाव के बाद होगा बिहार में मंत्रिमंडल का विस्तार, नामों पर संस्पेंस बरकरार

बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा पिछले काफी समय से हो रही है लेकिन अब सूत्रों की माने तो राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार (Bihar Cabinet Expansion after Presidential Election) होगा. बीजेपी में कई चेहरे को बदला जाएगा लेकिन उस पर सहमति नहीं बन पाई है. वहीं, जदयू में भी कई मंत्री बनने के इंतजार में हैं. ऐसे नेताओं को अब राष्ट्रपति चुनाव तक इंतजार करना होगा. पढ़ें पूरी रिपोर्ट

सीएम नीतीश
सीएम नीतीश
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Published : May 18, 2022, 7:35 PM IST

पटना: बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion in Bihar) की चर्चा काफी दिनों से हो रही है. लेकिन सूत्रों की माने तो राष्ट्रपति चुनाव के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. बिहार विधानसभा में 243 सदस्य हैं और उस हिसाब से 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. फिलहाल 30 मंत्री हैं. छह मंत्री पद खाली है. साथ ही बीजेपी में परफॉर्मेंस के आधार पर कई मंत्रियों की छुट्टी होगी और नए लोगों को जगह देने की तैयारी हो रही है. बीजेपी में दोनों डिप्टी सीएम में से किसी एक का जाना तय माना जा रहा है.

ये भी पढ़ें- नीतीश मंत्रिमंडल में फेरबदल की सुगबुगाहट, केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने की CM नीतीश से मुलाकात

मंत्रिमंडल विस्तार पर संस्पेंस बरकरार: मिली जानकारी के अनुसार नए नामों में कई लोगों की चर्चा है. नित्यानंद राय को डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा हो रही थी. नित्यानंद राय को पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश करने की भी चर्चा हो रही है. वहीं, मिथिलांचल से नीतीश मिश्रा का भी नाम लिया जा रहा था. बीजेपी 2024 चुनाव को ध्यान में रखकर जातीय और सामाजिक समीकरण के हिसाब से नए चेहरे को जगह देगी.

राष्ट्रपति चुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना: विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को लेकर भी चर्चा होती रही है. पिछले दिनों सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के साथ जिस प्रकार से विवाद हुआ था उसके बाद से ही उनके बारे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन अभी सहमति नहीं बन पाई है. जदयू में भी कुछ नए चेहरे को जगह दी जाएगी. बिहार विधानसभा में उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी का भी नाम मंत्री बनने की रेस में है. वैसे फैसला नीतीश कुमार को करना है.

'मंत्रिमंडल का विस्तार तो होगा और सीएम नीतीश कुमार ने भी इसके संकेत दिए हैं और उनका विशेष अधिकार भी है लेकिन बीजेपी में अभी सहमति नहीं बन पाई है. अभी सभी दल का फोकस राज्यसभा चुनाव को लेकर है और उसके बाद विधान परिषद का चुनाव भी होना है और फिर राष्ट्रपति का भी चुनाव होना है तो केवल एनडीए के ही नहीं सभी दल का फोकस अभी राज्य सभा चुनाव है. राष्ट्रपति, राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव के बाद ही अब मंत्रिमंडल का विस्तार होगा जो स्थिति बन रही है. बीजेपी में बड़े पैमाने पर उलटफेर होगा. पिछला मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था तो कई नए चेहरे को जगह दी गई थी तो इस बार भी कई नए चेहरे को जगह देने की तैयारी हो रही है.' - रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

कोई भी नेता खुलकर बोलने को नहीं हैं तैयार: जदयू और बीजेपी के नेता साफ कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. जदयू मंत्री अशोक चौधरी का कहना है बीजेपी का कोटा खाली है तो निश्चित रूप से मंत्रिमंडल का विस्तार होगा लेकिन यह तो मुख्यमंत्री और बीजेपी का मामला है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह का भी कहना है यह तो मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का मामला है. कुल मिलाकर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बीजेपी और जदयू के नेता खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.

दूसरी बार मंत्रिमंडल का विस्तार होगा: गौरतलब है कि नीतीश कुमार 16 नवंबर 2020 को 14 मंत्रियों के साथ शपथ लिया था और फिर 85 दिन बाद 17 मंत्रियों को शामिल कराया गया. अब दूसरी बार मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. परफॉर्मेंस के आधार पर पुराने मंत्रियों की छुट्टी होगी. वहीं, नए चेहरे को जगह दिया जाएगा. बीजेपी और जदयू जातीय समीकरण के साथ सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखकर इस बार भी चयन करेंगे और बीजेपी का ध्यान विशेष तौर पर 2024 का चुनाव होगा.

BJP और JDU के सहमति से नाम होंगे तय: बता दें कि वीआईपी के तीन विधायक के शामिल होने के बाद से ही यह चर्चा थी कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और बीजेपी में शामिल होने वाले तीन विधायक में से एक का मंत्री बनना तय है. मुकेश सहनी के हटने के बाद ऐसे भी एक मंत्री पद खाली हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के बीच लगातार बातचीत भी हुई है लेकिन सहमति नहीं बन पाई. अब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी हलचल शुरू हो गई है. उससे पहले राज्यसभा का भी चुनाव होना है और फिर उपराष्ट्रपति का चुनाव भी आगे होगा. सूत्र भी बता रहे हैं कि अब राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार संभव हो पाएगा.
ये भी पढ़ें- आरसीपी सिंह को लेकर सस्पेंस! क्या राज्यसभा नहीं भेजने का नीतीश कुमार ले सकते हैं जोखिम!

ये भी पढ़ें- बिहार राज्यसभा उपचुनाव के लिए अनिल हेगड़े का नाम सबसे आगे, पांच दावेदारों के बीच रस्साकशी

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पटना: बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार (Cabinet Expansion in Bihar) की चर्चा काफी दिनों से हो रही है. लेकिन सूत्रों की माने तो राष्ट्रपति चुनाव के बाद मंत्रिमंडल का विस्तार हो सकता है. बिहार विधानसभा में 243 सदस्य हैं और उस हिसाब से 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं. फिलहाल 30 मंत्री हैं. छह मंत्री पद खाली है. साथ ही बीजेपी में परफॉर्मेंस के आधार पर कई मंत्रियों की छुट्टी होगी और नए लोगों को जगह देने की तैयारी हो रही है. बीजेपी में दोनों डिप्टी सीएम में से किसी एक का जाना तय माना जा रहा है.

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मंत्रिमंडल विस्तार पर संस्पेंस बरकरार: मिली जानकारी के अनुसार नए नामों में कई लोगों की चर्चा है. नित्यानंद राय को डिप्टी सीएम बनाने की चर्चा हो रही थी. नित्यानंद राय को पार्टी के अंदर मुख्यमंत्री उम्मीदवार के रूप में पेश करने की भी चर्चा हो रही है. वहीं, मिथिलांचल से नीतीश मिश्रा का भी नाम लिया जा रहा था. बीजेपी 2024 चुनाव को ध्यान में रखकर जातीय और सामाजिक समीकरण के हिसाब से नए चेहरे को जगह देगी.

राष्ट्रपति चुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना: विधानसभा अध्यक्ष विजय सिन्हा को लेकर भी चर्चा होती रही है. पिछले दिनों सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के साथ जिस प्रकार से विवाद हुआ था उसके बाद से ही उनके बारे में कई तरह के कयास लगाए जा रहे हैं. लेकिन अभी सहमति नहीं बन पाई है. जदयू में भी कुछ नए चेहरे को जगह दी जाएगी. बिहार विधानसभा में उपाध्यक्ष महेश्वर हजारी का भी नाम मंत्री बनने की रेस में है. वैसे फैसला नीतीश कुमार को करना है.

'मंत्रिमंडल का विस्तार तो होगा और सीएम नीतीश कुमार ने भी इसके संकेत दिए हैं और उनका विशेष अधिकार भी है लेकिन बीजेपी में अभी सहमति नहीं बन पाई है. अभी सभी दल का फोकस राज्यसभा चुनाव को लेकर है और उसके बाद विधान परिषद का चुनाव भी होना है और फिर राष्ट्रपति का भी चुनाव होना है तो केवल एनडीए के ही नहीं सभी दल का फोकस अभी राज्य सभा चुनाव है. राष्ट्रपति, राज्यसभा और विधान परिषद चुनाव के बाद ही अब मंत्रिमंडल का विस्तार होगा जो स्थिति बन रही है. बीजेपी में बड़े पैमाने पर उलटफेर होगा. पिछला मंत्रिमंडल का विस्तार हुआ था तो कई नए चेहरे को जगह दी गई थी तो इस बार भी कई नए चेहरे को जगह देने की तैयारी हो रही है.' - रवि उपाध्याय, वरिष्ठ पत्रकार

कोई भी नेता खुलकर बोलने को नहीं हैं तैयार: जदयू और बीजेपी के नेता साफ कह रहे हैं कि मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है. जदयू मंत्री अशोक चौधरी का कहना है बीजेपी का कोटा खाली है तो निश्चित रूप से मंत्रिमंडल का विस्तार होगा लेकिन यह तो मुख्यमंत्री और बीजेपी का मामला है. बीजेपी प्रवक्ता अरविंद सिंह का भी कहना है यह तो मुख्यमंत्री और प्रदेश अध्यक्ष का मामला है. कुल मिलाकर मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर बीजेपी और जदयू के नेता खुलकर कुछ भी बोलने से बच रहे हैं.

दूसरी बार मंत्रिमंडल का विस्तार होगा: गौरतलब है कि नीतीश कुमार 16 नवंबर 2020 को 14 मंत्रियों के साथ शपथ लिया था और फिर 85 दिन बाद 17 मंत्रियों को शामिल कराया गया. अब दूसरी बार मंत्रिमंडल का विस्तार होगा. परफॉर्मेंस के आधार पर पुराने मंत्रियों की छुट्टी होगी. वहीं, नए चेहरे को जगह दिया जाएगा. बीजेपी और जदयू जातीय समीकरण के साथ सामाजिक समीकरण को ध्यान में रखकर इस बार भी चयन करेंगे और बीजेपी का ध्यान विशेष तौर पर 2024 का चुनाव होगा.

BJP और JDU के सहमति से नाम होंगे तय: बता दें कि वीआईपी के तीन विधायक के शामिल होने के बाद से ही यह चर्चा थी कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार होगा और बीजेपी में शामिल होने वाले तीन विधायक में से एक का मंत्री बनना तय है. मुकेश सहनी के हटने के बाद ऐसे भी एक मंत्री पद खाली हो गया है. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के बीच लगातार बातचीत भी हुई है लेकिन सहमति नहीं बन पाई. अब राष्ट्रपति चुनाव को लेकर भी हलचल शुरू हो गई है. उससे पहले राज्यसभा का भी चुनाव होना है और फिर उपराष्ट्रपति का चुनाव भी आगे होगा. सूत्र भी बता रहे हैं कि अब राष्ट्रपति चुनाव के बाद ही मंत्रिमंडल का विस्तार संभव हो पाएगा.
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