पटना: बिहार में राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections 2022) को लेकर राजनीतिक सरगर्मी बढ़ी हुई है. भारतीय जनता पार्टी में भी उम्मीदवारों के नाम को लेकर मंथन का दौर जारी है. पटना स्थित बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय में चुनाव समिति की बैठक (BJP Election Committee Meeting) हुई. इसमें संभावित प्रत्याशियों के नामों पर चर्चा हुई. इस बैठक में बिहार बीजेपी के सह प्रभारी हरीश द्विवेदी, केंद्रीय मंत्री नित्यानंद राय, अश्विनी चौबे, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष संजय जायसवाल, उप मुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद, रेणु देवी मौजूद रहे.
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प्रदेश कार्यालय में चुनाव समिति की बैठक में कुल 15 सदस्य शामिल हुए. इस बैठक में दोनों सीटों पर होने वाले चुनाव को लेकर रणनीति पर चर्चा हुई. बीजेपी चुनाव समिति के कुल 18 सदस्य हैं. बैठक में संभावित नामों पर चर्चा हुई. इस सूची को केंद्रीय समिति के पास भेजा जाएगा.
3 सदस्य अनुपस्थित: इस बैठक चुनाव समिति के तीन सदस्य अनुपस्थित रहे. केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह, राधा मोहन सिंह और रविशंकर प्रसाद चुनाव समिति की बैठक में सम्मिलित नहीं हुए. मिल रही जानकारी के मुताबिक आधा दर्जन नामों पर चर्चा हुई. संभवतः एक अगड़ी और 1 पिछड़ी जाति के प्रत्याशी को बीजेपी राज्यसभा भेजेगी.
बिहार से पांच सीटें खाली हो रही हैं: दरअसल, जुलाई में बिहार से पांच सीटें खाली हो रही हैं. उनमें से एक केंद्रीय मंत्री और जदयू के वरिष्ठ नेता आरसीपी सिंह (Union Minister RCP Singh) की सीट है. उनके अलावा भाजपा के गोपाल नारायण सिंह और सतीश चंद्र दूबे भी कार्यकाल पूरा करने वालों में होंगे. राजद से मीसा भारती की सीट भी है, जो सात जुलाई को खाली हो रही हैं. इसके अतिरिक्त एक सीट शरद यादव की है, जो जदयू कोटे से राज्यसभा पहुंचे थे.
संख्याबल के हिसाब से किसको फायदा, किसको नुकसान ?: संख्याबल के हिसाब से संभावना व्यक्त की जा रही है कि बिहार में पांच सीटों के लिए हो रहे चुनाव में मुख्य विपक्षी पार्टी राजद को एक सीट का फायदा हो सकता है जबकि भाजपा अपनी दोनों सीटे बचा पाने में सफल रहेगी. जदयू को एक सीट का नुकसान उठाना पड़ सकता है.
क्या है वोटों का गणित: संख्याबल में देखे तो विधानसभा में भाजपा के सबसे अधिक 77 विधायक हैं जबकि राजद 76 विधायकों के साथ राज्य में दूसरे नंबर की पार्टी है. जदयू के पास 45 विधायक हैं जबकि हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा के पास 4 विधायक हैं. इन सीटों पर 10 जून को चुनाव होना है. इधर, चुनाव की घोषणा के बाद से ही गहमागहमी प्रारंभ हो गई. नए प्रत्याशी जहां जोड़ तोड़ की रणनीति बना रहे हैं, वही कार्यकाल पूरा कर चुके सांसदों के समर्थको को उम्मीद है कि पार्टी उन्हे निराश नहीं करेगी.
बिहार से राज्यसभा के लिए 10 जून को होने वाले राज्यसभा चुनाव में संख्या बल के हिसाब से राष्ट्रीय जनता दल (राजद) को एक सीट का फायदा (RJD will benefit in rajya sabha elections) होगा, जबकि सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जदयू) को एक सीट का नुकसान हो सकता है.
निर्विरोध चुने गए अनिल हेगड़े: राज्यसभा के लिए अनिल हेगड़े का निर्विरोध निर्वाचन (Anil Hegde elected unopposed to Rajya Sabha) हो गया है. निर्वाचन का प्रमाण पत्र हाथ में लिए अनिल हेगड़े ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) के साथ एक फोटों खिंचवाई है. अनिल हेगड़े राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित हो गए हैं. बता दें कि पहले से ही अनिल हेगड़े का निर्विरोध चुना जाना तय था, क्योंकि उनके अलावे किसी ने भी नामांकन दाखिल नहीं किया था. कर्नाटक के रहने वाले अनिल हेगड़े पिछले 31 सालों से नीतीश कुमार के साथ हैं.
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