पटना: विपक्ष द्वारा सशस्त्र पुलिस बल विधेयक (Bihar Special Armed Police Forces Bill) का विरोध किया जाता रहा है. बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक 2021 के खिलाफ 23 मार्च को विधानसभा में विपक्षी दलों के विधायकों ने हंगामा किया था. इसके बाद इतिहास में पहली बार पुलिस ने विधानसभा के अंदर कार्रवाई की.
सदन के अंदर पुलिसकर्मियों ने विधायकों के साथ मारपीट की और उन्हें जबरदस्ती बाहर फेंका. विपक्ष द्वारा इसका सड़क से लेकर सदन तक विरोध किया गया था. इन तमाम विवादों के बावजूद अब प्रदेश में यह विधेयक प्रभावी हो चुका है. बिहार में ये अधिनियम फिलहाल गया के महाबोधि मंदिर (Mahabodhi Temple Gaya) और दरभंगा हवाई अड्डे (Darbhanga Airport) पर प्रभावी है.
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बिहार सरकार द्वारा बजट सत्र के दौरान बिहार पुलिस विधेयक पास करवाया गया था. इस विधेयक में पहले की अपेक्षा कुछ संशोधन किया गया है, जिसका विरोध सड़क से लेकर सदन तक विपक्ष द्वारा किया गया. लेकिन आखिरकार बिहार सरकार द्वारा विधानमंडल से इस विधेयक को पारित किया गया और इसे प्रभावी भी कर दिया गया है.
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बता दें कि विपक्ष ने इस विधेयक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उनका कहना था कि पुलिस को विशेष बल देकर सरकार पुलिस को गुंडा बनाना चाहती है और आम जनता को सताना चाहती है. साथ ही विपक्ष की ओर से ये भी चेतावनी दी गई थी कि इसे लागू होने नहीं दिया जाएगा. बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस विधेयक को रद्द करने की भी मांग उठती रही है. ऐसे में इस विधेयक के प्रभावी होने से एक बार फिर से इसका विरोध होने के आसार बन रहे हैं.
गया के महाबोधि मंदिर, दरभंगा एयरपोर्ट सहित बिहार के ऐतिहासिक स्थलों (Tourist Places In Bihar) की सुरक्षा की जिम्मेदारी अब बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस (Bihar Special Armed Police) के कंधे पर है. पहले ये जिम्मेदारी बीएमपी के पास थी, लेकिन बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के अधिनियम 2021 के तहत अब बदलाव किया गया है.
दरअसल महाबोधि मंदिर और दरभंगा एयरपोर्ट हवाई अड्डे पर तैनात बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस को अब तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार दे दिया गया है. सुरक्षा में तैनात बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के जवान शक के आधार पर, जरूरत पड़ने पर किसी की भी तलाशी ले सकते हैं. साथ ही शक होने पर किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को गिरफ्तार कर सकते हैं.
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आपको बता दें कि बिहार विशेष सशस्त्र अधिनियम 2021 को लागू हुआ था. इस अधिनियम को लेकर बजट सत्र में विपक्ष के द्वारा भारी हंगामा भी किया गया था. दोनों सदनों से पास होने के बाद यह कानून अस्तित्व में आ गया, जिसके बाद उसका नाम भी बीएमपी से बदलकर बीएसएपी ( बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस) रख दिया गया. बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस के द्वारा इन दोनों स्थलों से किसी संदिग्ध व्यक्ति पर शक होने पर उसकी तलाशी या गिरफ्तार करने की छूट दी गई है. लेकिन गिरफ्तारी के बाद उक्त व्यक्ति को स्थानीय थाने को सौंपना होगा.
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महाबोधि मंदिर और दरभंगा हवाई अड्डा को इस कानून के तहत चयनित किया गया है. अभी फिलहाल बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस, महाबोधि मंदिर और दरभंगा एयरपोर्ट की सुरक्षा संभाल रही है. राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा में तैनात बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस को तलाशी, जब्ती और गिरफ्तारी का अधिकार दिया गया है.
मिली जानकारी के अनुसार बिहार विशेष ससस्त्र पुलिस को पटना जंक्शन (Patna Junction) स्थित हनुमान मंदिर (Mahavir Temple Patna), राजगीर के बौद्ध शांति स्तूप, गया के विष्णुपद मंदिर (Vishnupad Temple), पटना के गुरुद्वारा, विक्रमशिला की सुरक्षा, सासाराम के शेरशाह मकबरा और रोहतासगढ़ के किले (Fort of Rohtasgarh) की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी सौपी गई है.