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बाढ़ से सभी बेहाल, पशुओं के लिए चारा संकट, सड़क किनारे रहने को लोग मजबूर

बिहार में बाढ़ से कई जिलों के लोगों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लोग अपना घर छोड़कर विभिन्न स्थानों पर शरण लिये हुए हैं. अब पशुपालकों के सामने नयी समस्या खड़ी हो गयी है. पशुओं के लिए चारा नहीं मिल रहा है. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Aug 16, 2021, 4:24 PM IST

पटना: बाढ़ की विभीषिका (Flood In Bihar) से बिहार के कई जिलों के लोग बेहाल हैं. रहने के लिए सुरक्षित स्थान से लेकर खाने-पीने की तकलीफ झेलनी पड़ रही है. यहां तक कि पशुओं के चारे पर भी संकट आ गया है. लोग सड़कों पर दिन गुजारने को मजबूर हैं. यहां पुनपुन में बाढ़ से करीब 9 पंचायत प्रभावित हैं. तीन पंचायत सर्वाधिक प्रभावित हैं. अब तक 16 हजार परिवार बाढ़ की मार झेल रहे हैं.

ये भी पढ़ें: Flood In Saran: रिंग बांध में रिसाव से उफान पर सरयू नदी, नेशनल हाईवे तक पहुंचा बाढ़ का पानी

बताया जाता है कि करीब 100 मकान बाढ़ से ध्वस्त हो चुके हैं. अब पशुपालकों को एक नयी समस्या झेलनी पड़ रही है. पशुओं के चारे का संकट गहराने लगा है. लोग अपने-अपने पशुओं को सड़क पर लेकर रहने को विवश हैं. ज्यादातर पशुपालक अपने-अपने जानवरों को सड़क के किनारे लेकर आ चुके हैं.

पुनपुन प्रखंड के रामगंज टोला के सभी पशुपालक परेशान हैं. उनका कहना है कि पशुओं को चारा नहीं मिल पा रहा है. यहां के अंचलाधिकारी को यह भी नहीं पता है कि पुनपुन प्रखंड में बाढ़ से कितने पशुपालक प्रभावित हुए हैं. वहीं पशुपालक प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

बिहार में से 26 जिलों की 20 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है जबकि सात लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच, आपदा प्रबंधन विभाग ( Disaster Management Department ) का दावा है कि बाढ प्रभवित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं.

देखें वीडियो

आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक राज्य के 26 जिलों के 86 प्रखंडों की कुल 570 पंचायतें बाढ़ से आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित है. वहां की 20 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ की चपेट में है. आपदा प्रबांन विभाग ने इन जिलों में राहत व बचाव का कार्य तेज कर दिया है. साथ ही सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर पर जल संसाान विभाग के इंजीनियरों के साथ लगातार निगरानी हो रही है.

विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि पटना के अलावा वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, मुजफरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर और समस्तीपुर जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की आठ और एसडीआरएफ की नौ टीमों को लगाया गया है.

इसके अलावा चार एनडीआरएफ (NDRF) की और पांच एसडीआरएफ (SDRF) की अन्य टीमें दूसरे बाढ़ प्रभावित जिलों में पहले से तैनात हैं. प्रभावित इलाकों में 1948 नावों का परिचालन किया जा रहा है. अधिकारी का कहना है कि जरूरत के अनुसार इन नावों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है.

ये भी पढ़ें: भागलपुर: बाढ़ प्रभावितों को शौचालय और पीने की पानी की समस्या

एक लाख 39 हजार से ज्यादा पॉलीथीन शीट और 27 हजार 387 सूखा राशन पॉकेट बांटे गये हैं. इसके अलावा सभी जिलों में फसल के नुकसान का आकलन कराया जा रहा है. आकलन होने के बाद किसानों को क्षतिपूर्ति की जाएगी. प्रभावित क्षेत्रों में 31 राहत शिविर और 254 सामुदायिक किचन का संचालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है.

इस बीच, बाढ़ के पानी ने ट्रेनों की रफ्तार कम कर दी. बाढ़ के कारण सुल्तानगंज से रतनपुर तक ट्रैक पर पानी आने के कारण पूर्व मध्य रेलवे ने कई ट्रेनों का परिचालन रद्द किया है तो कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है. पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने शनिवार की शाम बताया कि 16 किलोमीटर लंबे रतनपुर- सुल्तानगंज रेलखंड के मय रेल पुलों के निकट बाढ़ का पानी आ जाने के कारण इस रेलखंड के अप एवं डाउन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है.

दूसरी तरफ, बिहार सरकार ने कहा है कि, इस साल आई बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई सरकार करेगी. सरकार फसलों की हुई क्षति का आकलन करवा कर किसानों को इसके लिए मदद करेगी. बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बाढ़ के कारण, अत्यधिक बारिश के कारण कई जिलों में फसल खराब हो गई. उन्होंने कहा कि फसलों को हुए नुकसान का आकलन करके उसकी क्षतिपूर्ति की भरपाई की जाएगी.

बता दें कि पटना जिला आपदा शाखा का कहना है कि गंगा, सोन और पुनपुन में आई बाढ़ के कारण पटना जिले के 10 प्रखंडों में 1 लाख 58 हजार एकड़ में लगी फसल को नुकसान हुआ है. दियारा क्षेत्र में सब्जी और धान की फसल को नुकसान पहुंचा है.

पटना: बाढ़ की विभीषिका (Flood In Bihar) से बिहार के कई जिलों के लोग बेहाल हैं. रहने के लिए सुरक्षित स्थान से लेकर खाने-पीने की तकलीफ झेलनी पड़ रही है. यहां तक कि पशुओं के चारे पर भी संकट आ गया है. लोग सड़कों पर दिन गुजारने को मजबूर हैं. यहां पुनपुन में बाढ़ से करीब 9 पंचायत प्रभावित हैं. तीन पंचायत सर्वाधिक प्रभावित हैं. अब तक 16 हजार परिवार बाढ़ की मार झेल रहे हैं.

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बताया जाता है कि करीब 100 मकान बाढ़ से ध्वस्त हो चुके हैं. अब पशुपालकों को एक नयी समस्या झेलनी पड़ रही है. पशुओं के चारे का संकट गहराने लगा है. लोग अपने-अपने पशुओं को सड़क पर लेकर रहने को विवश हैं. ज्यादातर पशुपालक अपने-अपने जानवरों को सड़क के किनारे लेकर आ चुके हैं.

पुनपुन प्रखंड के रामगंज टोला के सभी पशुपालक परेशान हैं. उनका कहना है कि पशुओं को चारा नहीं मिल पा रहा है. यहां के अंचलाधिकारी को यह भी नहीं पता है कि पुनपुन प्रखंड में बाढ़ से कितने पशुपालक प्रभावित हुए हैं. वहीं पशुपालक प्रशासन से मदद की गुहार लगा रहे हैं.

बिहार में से 26 जिलों की 20 लाख से ज्यादा की आबादी प्रभावित है जबकि सात लोगों की मौत हो चुकी है. इस बीच, आपदा प्रबंधन विभाग ( Disaster Management Department ) का दावा है कि बाढ प्रभवित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चलाए जा रहे हैं.

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आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक राज्य के 26 जिलों के 86 प्रखंडों की कुल 570 पंचायतें बाढ़ से आंशिक या पूर्ण रूप से प्रभावित है. वहां की 20 लाख से अधिक की आबादी बाढ़ की चपेट में है. आपदा प्रबांन विभाग ने इन जिलों में राहत व बचाव का कार्य तेज कर दिया है. साथ ही सभी प्रमुख नदियों के जलस्तर पर जल संसाान विभाग के इंजीनियरों के साथ लगातार निगरानी हो रही है.

विभाग के एक अधिकारी ने शनिवार को बताया कि पटना के अलावा वैशाली, भोजपुर, लखीसराय, मुजफरपुर, दरभंगा, खगड़िया, सहरसा, भागलपुर, सारण, बक्सर, बेगूसराय, कटिहार, मुंगेर और समस्तीपुर जिले बाढ़ से प्रभावित हैं. इन जिलों में बचाव कार्य के लिए एनडीआरएफ की आठ और एसडीआरएफ की नौ टीमों को लगाया गया है.

इसके अलावा चार एनडीआरएफ (NDRF) की और पांच एसडीआरएफ (SDRF) की अन्य टीमें दूसरे बाढ़ प्रभावित जिलों में पहले से तैनात हैं. प्रभावित इलाकों में 1948 नावों का परिचालन किया जा रहा है. अधिकारी का कहना है कि जरूरत के अनुसार इन नावों की संख्या बढ़ाई भी जा सकती है.

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एक लाख 39 हजार से ज्यादा पॉलीथीन शीट और 27 हजार 387 सूखा राशन पॉकेट बांटे गये हैं. इसके अलावा सभी जिलों में फसल के नुकसान का आकलन कराया जा रहा है. आकलन होने के बाद किसानों को क्षतिपूर्ति की जाएगी. प्रभावित क्षेत्रों में 31 राहत शिविर और 254 सामुदायिक किचन का संचालन किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बाढ़ के पानी से अब तक 7 लोगों की मौत हो चुकी है.

इस बीच, बाढ़ के पानी ने ट्रेनों की रफ्तार कम कर दी. बाढ़ के कारण सुल्तानगंज से रतनपुर तक ट्रैक पर पानी आने के कारण पूर्व मध्य रेलवे ने कई ट्रेनों का परिचालन रद्द किया है तो कई ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है. पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने शनिवार की शाम बताया कि 16 किलोमीटर लंबे रतनपुर- सुल्तानगंज रेलखंड के मय रेल पुलों के निकट बाढ़ का पानी आ जाने के कारण इस रेलखंड के अप एवं डाउन लाइन पर ट्रेनों का परिचालन प्रभावित हुआ है.

दूसरी तरफ, बिहार सरकार ने कहा है कि, इस साल आई बाढ़ से फसलों को हुए नुकसान की भरपाई सरकार करेगी. सरकार फसलों की हुई क्षति का आकलन करवा कर किसानों को इसके लिए मदद करेगी. बिहार के कृषि मंत्री अमरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि बाढ़ के कारण, अत्यधिक बारिश के कारण कई जिलों में फसल खराब हो गई. उन्होंने कहा कि फसलों को हुए नुकसान का आकलन करके उसकी क्षतिपूर्ति की भरपाई की जाएगी.

बता दें कि पटना जिला आपदा शाखा का कहना है कि गंगा, सोन और पुनपुन में आई बाढ़ के कारण पटना जिले के 10 प्रखंडों में 1 लाख 58 हजार एकड़ में लगी फसल को नुकसान हुआ है. दियारा क्षेत्र में सब्जी और धान की फसल को नुकसान पहुंचा है.

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