पटनाः राजधानी पटना सहित पूरे प्रदेश में पछुआ हवा चलने लगी है. इससे कड़ाके की ठंड की शुरुआत हो चुकी है. ठंड बढ़ने के साथ ही बिहार में वायु प्रदूषण (Air Pollution in Bihar) भी बढ़ता जा रहा है. रविवार को जहां पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स 326 था, आज बढ़कर 350 पहुंच गया है. कुछ ऐसे ही आंकड़े मुजफ्फरपुर, गया, भागलपुर, पूर्णिया, किशनगंज में भी देखने को मिल रहे हैं. बिहार के पांच जिलों में एयर क्वालिटी इंडेक्स 300 के पार जा चुका है.
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आमतौर पर लोगों को सांसों से शुद्ध हवा तबतक मिलती रहती है, जब एयर क्वालिटी इंडेक्स 100 से कम हो. लेकिन पटना सहित राज्य के 5 शहर ऐसे हैं, जहां लोग सांस के रूप में जहरीली हवा ले रहे हैं. डॉक्टरों का भी मानना है कि ये हवा ठीक नही है. आईजीआईएमएस के अधीक्षक मनीष मंडल ने कहा है कि, 'जिस तरह की स्थिति पटना में दिख रही है, हवा पूरी तरह प्रदूषित है. लोग मास्क लगा कर ही सड़क पर निकलें. कोरोना संक्रमण का काल है. ऐसे भी लोगों को अपना बचाव करना होगा. सांस को लेकर किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए मास्क जरूरी है.'
कुल मिलाकर देखें तो जिस तरह से राजधानी पटना में ठंड पड़ रही है, उसी तरह से वायु प्रदूषण भी लगातार बढ़ रहा है. इससे पिछले सप्ताह भी वायु प्रदूषण का स्तर ज्यादा बढ़ गया था. लेकिन धीरे-धीरे वायु प्रदूषण का स्तर कम हो रहा था, लेकिन फिर जैसे ही ठंड ने रफ्तार पकड़ी है, वायु प्रदूषण ने भी रफ्तार पकड़ ली है. जिस तरह की रफ्तार वायु प्रदूषण का राजधानी पटना में दिख रही है, वह दिन दूर नहीं कि पटना का एयर क्वालिटी इंडेक्स 400 से भी पार कर जाएगा.
दावे के बावजूद बिहार के कई शहरों की स्थिति ये है कि लोग वहां लगातार सांस के रूप में जहरीली हवा ले रहे हैं. ऐसी स्थिति पहले देखने को नहीं मिलती थी. छोटे शहरों में वायु प्रदूषण नहीं होता था. लेकिन इस साल ठंड की आहट आते ही बिहार के कई शहरों के ये हालात हो गए हैं. वैसे पटना, गया, मुजफ्फरपुर और भागलपुर को लेकर कहा जाता था कि हवा प्रदूषित है. वहां पर हवा के गुणवत्ता में कैसे सुधार होगा. इस पर प्रदूषण बोर्ड उपाय कर रही थी. लेकिन जिस तरह के हालात पटना सहित बिहार में अन्य 13 शहरों के हैं, ये राज्य की जनता के लिए भी चिंता का विषय है. साथ ही प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को भी इसपर संज्ञान लेने की जरूरत है.
सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड के मानक कहता है कि जिन इलाके में एक्यूआई लेवल 301 से अधिक है तो वहां की हवा बहुत ही खराब है. वायु प्रदूषण विशेषज्ञों की मानें तो शहर के नगर परिषद और नगर निगम क्षेत्रों में एक्यूआई लेवल बहुत खराब स्थिति में है, यानी कुछ इलाके में वहां की हवा जहरीली हो गई है.
एक्यूआई लेवल बढ़ने का कारण
- 15 साल से ज्यादा पुरानी गाड़ी
- शहर के आसपास ईंट भट्टा
- कॉमर्शियल इलाके का धुआं
- भवन निर्माण का धूल कण
प्रदूषण से निपटने के उपाय
- हर दिन सड़कों की बेहतर साफ-सफाई
- मास्क का उपयोग करें
- धूल रोकने के लिए पानी का छिड़काव करना होगा
- ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने होंगे
- वाहनाें की संख्या पर कंट्रोल करना होगा
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