पटनाः सूबे के सबसे बड़े अस्पताल पीएमसीएच में ऑक्जीजन खपत में हुई गड़बड़ी मामले में पीएमसीएच ने पटना हाईकोर्ट में हलफनामा दायर किया. चीफ जस्टिस संजय करोल की खंडपीठ को सुनवाई के दौरान बताया गया कि पीएमसीएच अस्पताल की व्यवस्था सुधारने के लिए कार्रवाई की जा रही है. साथ ही अस्पताल में ऑक्जीजन प्रबंधन, वार्ड की सफाई और भोजन व्यवस्था को लेकर टीमें गठित की गई है. जो मरीजों और उनके परिजनों कि शिकायतों के आधार पर समस्याओं को निदान करने की कार्रवाई करेगी.
पीएमसीएच में लगेगा ऑक्जीजन प्लांट
पीएमसीएच की ओर से कोर्ट को यह भी बताया गया कि अस्पताल में एक ऑक्सीजन प्लांट लगाया जाएगा, जिससे 2000 मरीजों के ऑक्सीजन की जरूरत पूरी हो सकेगी. ये प्लांट जून माह में ऑक्सीजन उत्पादन शुरू कर देगा.
इसे भी पढ़ेंः नीतीश सरकार की रिपोर्ट से पटना हाईकोर्ट हैरान, बक्सर में कोरोना से मौत हुई 6 लेकिन शव जले 789
क्या है ऑक्जीजन खपत में गड़बड़ी का मामला?
ऑक्जीजन आपूर्ति में गड़बड़ी मामले में अस्पताल ने कोर्ट को बताया कि जब 27अप्रैल, 2021 को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की टीम (जिसमें WHO के अधिकारी भी शामिल थे) ने ऑक्जीन खपता ऑडिट किया था, तो कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई थी, लेकिन जब बाद में कोर्ट मित्र की टीम ने अस्पताल का निरीक्षण किया, तो ऑक्सीजन की खपत में गड़बड़ी पाई थी. 150 ऑक्सीजन सिलिंडर की जगह 348 सिलिंडर की खपत हुआ था. महिला वार्ड में तीन महिला मरीजों पर 32 ऑक्सीजन सिलिंडर की खपत हुआ. कोर्ट ने अस्पताल प्रशासन को हर पंद्रह दिनों के सुधार का रिपोर्ट देने का निर्देश दिया.
हलफनामे में और क्या?
केंद्र सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि राज्य को 270 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का कोटा दिया है, जबकि पिछली सुनवाई में केंद्र की ओर से बताया गया था कि बिहार को 400 मीट्रिक टन ऑक्सीजन का कोटा दिया गया है, जो कि गलतफहमी के कारण बता दिया गया था.
इसे भी पढ़ेंः PMCH ने पटना हाईकोर्ट में माना- ऑक्सीजन आपूर्ति में हुई गड़बड़ी, हलफनामा देकर आगे से ऐसा नहीं होने का दिया आश्वासन
नगर निगम को पूरा ब्योरा पेश करने का निर्देश
सुनवाई को दौरान कोरोना मरीजों के इलाज के दौरान उत्पन्न होने वाले कचरे ने निष्पादन पर पटना नगर निगम के द्वारा दायर जवाब पर कोर्ट ने असंतुष्टि जाहिर की. और नगर निगम को इस मामले पर पूरा ब्योरा पेश दायर करने का निर्देश दिया. वहीं मुजफ्फरपुर के पताही में डीआरडीओ के द्वारा बनाए गए 50 बेड वाले अस्पताल को पूरी तरह से खत्म हो जाने के मसले पर दायर याचिका को लेकर याचिकाकर्ता को निष्पादित मामले को राज्य सरकार से समक्ष रखने का निर्देश दिया.
25 मई को अगली सुनवाई
बक्सर के गंगा नदी के घाट पर मिले शवों के मामले पर सुनवाई 25 तक टल गई है. इस मामले पर कल ही सुनवाई होनी थी, लेकिन अब इन सब मामलों की सुनवाई 25 मई को होगी. बता दें कि पिछली सुनवाई में राज्य सरकार के मुख्य सचिव ने बक्सर में कोरोना वायरस संक्रमण से 6 लोगों की मौत होने की बात बताई थी, जबकि पटना प्रमंडल के आयुक्त की ओर से यह संख्या 789 बताई गई थी.