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2016 से पूर्ण शराबबंदी.. फिर भी बिहार में अब तक 125 लोगों की जान ले चुकी है शराब ! - एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार

बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. इसके बावजूद भी अब तक करीबन 125 लोगों की संदिग्ध मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. हाल में 39 मौतों के बाद एडीजी, पुलिस मुख्यालय ने कहा कि शराबबंदी को सख्ती से लागू किया जा रहा है. पढ़ें पूरी खबर

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Published : Nov 6, 2021, 12:08 PM IST

पटनाः बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban in bihar) है. इसके बाद भी राज्य में लगातार जहरीली शराबों से मामले आ रहे हैं. बीते तीन से चार दिनों में राज्य में करीबन 39 लोगों की शराब पीने से संदिग्ध मौत का खबर है. इन मौतों के बाद बिहार पुलिस पर लगातार सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. शराब के कारोबार के सवाल पर एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि राज्य में शराब के कोरोबारियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है.

इन्हें भी पढ़ें- जहरीली शराब से मौत मामले में सीएम नीतीश सख्त, अधिकारियों को दिये टास्क

ज्ञात हो कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. इसके बाद से अब तक करीबन 125 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. साल 2021 में लगभग ही अकेले 90 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. हालांकि शराब के जुड़े मामलों पुष्टि नहीं हो पा रही है.

देखें वीडियो..

वहीं बीते कुछ दिनों में शराब पीने से मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, समस्तीपुर और बेतिया में करीबन 39 लोगों की मौत जहरीली शराब से होने की बात कही जा रही है. हाल के इन मामलों में हो हंगामे के बीच पुलिस ने अपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू दी है. स्थानीय थानाध्यक्ष और चौकीदार को निलंबित करते हुए कई लोगों की गिरफ्तारी किया गया है.

इन्हें भी पढ़ें- दो दिन पहले ही जेल से छूट कर आया था नीरज मांझी, शराब पीने से हुई मौत

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में 2016 से अब तक है शराबबंदी रोकने में विफलता पाये जाने पाए गए करीबन 700 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है. तीन लाख से ज्यादा लोगों को शराबबंदी कानून के तहत जेल भी भेजा जा चुका है. राज्य के बाहर के बड़े शराब तस्करों की अन्य राज्यों से गिरफ्तारी भी की गई है. इसके बावजूद भी बिहार में अवैध शराब का व्यवसाय फल फूल रहा है.

बिहार के पूर्व डीजी की मानें तो बिहार में पुलिस की संख्या पर्याप्त नहीं है. इन्हीं पुलिस कर्मियों पर लॉ इन ऑडर, चुनाव के साथ शराबबंदी की जिम्मेदारी है. इसके अलावा सबसे बड़ा मुख्य कारण बिना उचित तैयारी और जागरूकता अभियान चलाये शराबबंदी कानून लोगों पर थोप दिया गया है.


पुलिस मुख्यालय के मुताबिक शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अब तक 187 लाख से अधिक के मूल्य का शराब बरामद किया है. तीन लाख से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की गई है. इसके अलावा शराब के कारोबार के आरोप में लगभग 60000 वाहनों को जब्त किया गया है. वहीं दूसरे राज्यों से 6000 लोगों को शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से उत्पाद विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन और पुलिस मिलकर लोगों पर कार्रवाई कर रही है. पुलिस के द्वारा शराब माफियाओं की गिरफ्तारी सजा के लिए विशेष न्यायालय का गठन किया गया है. इसके अलावा केमिकल पदार्थों के जांच के लिए लैबोरेट्री स्थापित करने सहित कई कदम उठाये गये हैं.

नोट- अगर आपको शराब की अवैध खरीद-बिक्री या उपभोग की जानकारी मिलती है तो मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के टॉल फ्री नंबर 15545 एवं 18003456268 पर कॉल कर शिकायत करें.

पटनाः बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी (Liquor Ban in bihar) है. इसके बाद भी राज्य में लगातार जहरीली शराबों से मामले आ रहे हैं. बीते तीन से चार दिनों में राज्य में करीबन 39 लोगों की शराब पीने से संदिग्ध मौत का खबर है. इन मौतों के बाद बिहार पुलिस पर लगातार सवालिया निशान खड़े हो रहे हैं. शराब के कारोबार के सवाल पर एडीजी मुख्यालय जितेंद्र सिंह गंगवार ने कहा कि राज्य में शराब के कोरोबारियों पर लगातार कार्रवाई हो रही है.

इन्हें भी पढ़ें- जहरीली शराब से मौत मामले में सीएम नीतीश सख्त, अधिकारियों को दिये टास्क

ज्ञात हो कि बिहार में 5 अप्रैल 2016 से पूर्ण शराबबंदी कानून लागू है. इसके बाद से अब तक करीबन 125 से ज्यादा लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हो चुकी है. साल 2021 में लगभग ही अकेले 90 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने से हुई है. हालांकि शराब के जुड़े मामलों पुष्टि नहीं हो पा रही है.

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वहीं बीते कुछ दिनों में शराब पीने से मुजफ्फरपुर, गोपालगंज, समस्तीपुर और बेतिया में करीबन 39 लोगों की मौत जहरीली शराब से होने की बात कही जा रही है. हाल के इन मामलों में हो हंगामे के बीच पुलिस ने अपराधिक मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू दी है. स्थानीय थानाध्यक्ष और चौकीदार को निलंबित करते हुए कई लोगों की गिरफ्तारी किया गया है.

इन्हें भी पढ़ें- दो दिन पहले ही जेल से छूट कर आया था नीरज मांझी, शराब पीने से हुई मौत

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार बिहार में 2016 से अब तक है शराबबंदी रोकने में विफलता पाये जाने पाए गए करीबन 700 पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की गई है. तीन लाख से ज्यादा लोगों को शराबबंदी कानून के तहत जेल भी भेजा जा चुका है. राज्य के बाहर के बड़े शराब तस्करों की अन्य राज्यों से गिरफ्तारी भी की गई है. इसके बावजूद भी बिहार में अवैध शराब का व्यवसाय फल फूल रहा है.

बिहार के पूर्व डीजी की मानें तो बिहार में पुलिस की संख्या पर्याप्त नहीं है. इन्हीं पुलिस कर्मियों पर लॉ इन ऑडर, चुनाव के साथ शराबबंदी की जिम्मेदारी है. इसके अलावा सबसे बड़ा मुख्य कारण बिना उचित तैयारी और जागरूकता अभियान चलाये शराबबंदी कानून लोगों पर थोप दिया गया है.


पुलिस मुख्यालय के मुताबिक शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से अब तक 187 लाख से अधिक के मूल्य का शराब बरामद किया है. तीन लाख से ज्यादा लोगों की गिरफ्तारी की गई है. इसके अलावा शराब के कारोबार के आरोप में लगभग 60000 वाहनों को जब्त किया गया है. वहीं दूसरे राज्यों से 6000 लोगों को शराब तस्करी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

पुलिस मुख्यालय के एडीजी जितेंद्र सिंह गंगवार की मानें तो शराबबंदी कानून लागू होने के बाद से उत्पाद विभाग के साथ-साथ जिला प्रशासन और पुलिस मिलकर लोगों पर कार्रवाई कर रही है. पुलिस के द्वारा शराब माफियाओं की गिरफ्तारी सजा के लिए विशेष न्यायालय का गठन किया गया है. इसके अलावा केमिकल पदार्थों के जांच के लिए लैबोरेट्री स्थापित करने सहित कई कदम उठाये गये हैं.

नोट- अगर आपको शराब की अवैध खरीद-बिक्री या उपभोग की जानकारी मिलती है तो मद्यनिषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग के टॉल फ्री नंबर 15545 एवं 18003456268 पर कॉल कर शिकायत करें.

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