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एईएस प्रभावित जिलों में 24 घंटे मिलेगी चिकित्सीय सेवा, दर्पण प्लस मोबाइल एप से होगी निगरानी

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Published : Apr 22, 2022, 11:07 PM IST

स्वास्थ्य विभाग एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से कारगर तरीके से निपटने की तैयारी में जुट गया है. इसके लिए एईएस प्रभावित जिलों (AES Affected Districts Of Bihar) में जरुरी दवाइयां और दिन-रात मेडिकल टीम तैनात कर दिया गया है. वहीं इस पर निगरानी के लिए दर्पण प्लस मोबाइल एप से मेडिकल कर्मियों की उपस्थिति की निगरानी की जा रही है.

स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे

पटनाः स्वास्थ्य विभाग एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome ) से बचाव और उसके उपचार को लेकर पुख्ता तैयारी कर रहा है. एईएस प्रभावित 12 जिलों (AES Affected 12 Districts) में विभाग की ओर से स्वास्थ्य केंद्रों पर 24 घंटे डॉक्टर और नर्सों की उपस्थिति सुनिश्चित कराई जा रही है. इन कर्मियों की उपस्थिति पर नजर रखने के लिए मोबाइल पर अपडेटेड दर्पण प्लस मोबाइल एप (Darpan Plus Mobile APP) इंस्टॉल कराया जा रहा है. दर्पण प्लस एप से स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी.

पढ़ें-मुजफ्फरपुर के बाद AES का सबसे बड़ा क्लस्टर बना गया, ANMMCH में बनाया गया स्पेशल वार्ड

डॉक्टरों की उपस्थिति की निगरानीः शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि विभाग राज्य के एईएस से अधिक प्रभावित 12 जिलों के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर सातों दिन चौबीसों घंटे स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई कर रहा है ताकि एईएस से ग्रसित मरीजों का समय पर उपचार कर उन्हें जल्द स्वस्थ किया जा सके. मंगल पांडे ने कहा है कि एईएस प्रभावित सभी जिलों के सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों में एईएस बीमारी से ग्रसित मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलते रहे, इसके लिए विभाग सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, विशेषज्ञ चिकित्सक और सामान्य चिकित्सक की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराने पर विशेष जोर दे रहा है.

ये हैं 12 एईएस प्रभावित जिलेः स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके अलावा एईएस प्रभावित जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक दवाइयां और संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ नियंत्रण कक्ष में आवश्यक लैंडलाइन, फिक्सड वायरलेस फोन और आईपी फोन लगाया जा रहा है ताकि एईएस पीड़ितों का ससमय उपचार सुचारू रूप से हो सके. मंत्री ने कहा है कि मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, गोपालगंज, पटना, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सारण, सिवान, वैशाली, सीतामढ़ी और शिवहर को स्वास्थ विभाग के द्वारा एईएस से अधिक प्रभावित जिलों में शामिल किया गया है.

मंगल पांडे ने बताया कि एईएस प्रभावित जिलों के चिकित्सकों और विशेषज्ञ चिकित्सकों के मोबाइल पर अपडेटेड दर्पण प्लस एप इंस्टॉल कर स्वयं की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षित किया गया है. ऐसा इसलिए ताकि उन्हें अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े. चिकित्सकों की नियमित उपस्थिति से निश्चित रूप से एईएस से ग्रसित मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती रहेगी और ऐसा होने से एईएस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण करने में स्वास्थ्य विभाग को सफलता मिलेगी.

पढ़ें- Muzaffarpur Encephalitis:'चमकी बुखार प्रभावित इलाकों के 30 हजार परिवारों को जल्द मिलेगा पक्का मकान'

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पटनाः स्वास्थ्य विभाग एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome ) से बचाव और उसके उपचार को लेकर पुख्ता तैयारी कर रहा है. एईएस प्रभावित 12 जिलों (AES Affected 12 Districts) में विभाग की ओर से स्वास्थ्य केंद्रों पर 24 घंटे डॉक्टर और नर्सों की उपस्थिति सुनिश्चित कराई जा रही है. इन कर्मियों की उपस्थिति पर नजर रखने के लिए मोबाइल पर अपडेटेड दर्पण प्लस मोबाइल एप (Darpan Plus Mobile APP) इंस्टॉल कराया जा रहा है. दर्पण प्लस एप से स्वास्थ्य कर्मियों की उपस्थिति दर्ज की जाएगी.

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डॉक्टरों की उपस्थिति की निगरानीः शुक्रवार को स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे ने कहा कि विभाग राज्य के एईएस से अधिक प्रभावित 12 जिलों के सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर सातों दिन चौबीसों घंटे स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध कराने के लिए आवश्यक कार्रवाई कर रहा है ताकि एईएस से ग्रसित मरीजों का समय पर उपचार कर उन्हें जल्द स्वस्थ किया जा सके. मंगल पांडे ने कहा है कि एईएस प्रभावित सभी जिलों के सरकारी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर जिला अस्पतालों में एईएस बीमारी से ग्रसित मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलते रहे, इसके लिए विभाग सभी स्वास्थ्य केंद्रों पर उपाधीक्षक, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, विशेषज्ञ चिकित्सक और सामान्य चिकित्सक की नियमित उपस्थिति सुनिश्चित कराने पर विशेष जोर दे रहा है.

ये हैं 12 एईएस प्रभावित जिलेः स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि इसके अलावा एईएस प्रभावित जिला के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में आवश्यक दवाइयां और संसाधन उपलब्ध कराने के साथ-साथ नियंत्रण कक्ष में आवश्यक लैंडलाइन, फिक्सड वायरलेस फोन और आईपी फोन लगाया जा रहा है ताकि एईएस पीड़ितों का ससमय उपचार सुचारू रूप से हो सके. मंत्री ने कहा है कि मुजफ्फरपुर, समस्तीपुर, दरभंगा, गोपालगंज, पटना, पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सारण, सिवान, वैशाली, सीतामढ़ी और शिवहर को स्वास्थ विभाग के द्वारा एईएस से अधिक प्रभावित जिलों में शामिल किया गया है.

मंगल पांडे ने बताया कि एईएस प्रभावित जिलों के चिकित्सकों और विशेषज्ञ चिकित्सकों के मोबाइल पर अपडेटेड दर्पण प्लस एप इंस्टॉल कर स्वयं की उपस्थिति दर्ज करने की प्रक्रिया के लिए प्रशिक्षित किया गया है. ऐसा इसलिए ताकि उन्हें अपनी उपस्थिति दर्ज कराने में किसी प्रकार की दिक्कत का सामना ना करना पड़े. चिकित्सकों की नियमित उपस्थिति से निश्चित रूप से एईएस से ग्रसित मरीजों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं मिलती रहेगी और ऐसा होने से एईएस बीमारी पर प्रभावी नियंत्रण करने में स्वास्थ्य विभाग को सफलता मिलेगी.

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