पटना: सोमवार को 4 देशरत्न मार्ग स्थित मुख्यमंत्री सचिवालय परिसर में आयोजित 'जनता दरबार' में सीएम नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने लोगों की फरियाद सुनी. इस दौरान उन्होंने राज्य के विभिन्न जिलों से पहुंचे 197 लोगों की समस्याओं को सुना और संबंधित विभागों के अधिकारियों को समाधान के लिए समुचित कार्रवाई के निर्देश दिए. आज सामान्य प्रशासन विभाग, गृह विभाग, राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन विभाग, निगरानी विभाग और खान एवं भूतत्व विभाग के मामलों पर सुनवाई हुई.
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मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के जनता दरबार में अररिया के फारबिसगंज से आए एक शख्स ने सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार के संबंध में शिकायत करते हुए कहा कि गड़बड़ी उजागर करने के बाद स्थानीय मुखिया ने एक महादलित महिला से झूठा केस करा दिया है. वे लोग हमारी जान के दुश्मन बने हुए हैं, हमारी रक्षा कीजिए. जिसके बाद सीएम ने गृह विभाग को इस पर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
वैशाली जिले के हाजीपुर से आए एक युवक ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमारे पिताजी की हाजीपुर जेल में हत्या कर दी गई. इसके बाद भी पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की. जेल में हत्या की बात सुनकर मुख्यमंत्री भी चौंक गए और उन्होंने सीधे डीजीपी को इस मामले में समुचित कार्रवाई करने के निर्देश दिए. वहीं हाजीपुर से आए एक दूसरे व्यक्ति ने मुख्यमंत्री से कहा कि हमारी जमीन को भू-माफियाओं ने कब्जा कर लिया है. हमने तीन-तीन बार थाना में आवेदन दिया, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया. उल्टे पुलिस ने हमारे बागीचे में लगे पेड़ों को भू-माफियाओं से मिलकर कटवा दिया. मुख्यमंत्री ने डीजीपी को इस पर भी जरूरी कार्रवाई करने को कहा.
वहीं, सीतामढ़ी जिले के परिहार से आए परिवादी ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि सीतामढ़ी जिले स्थित इंडो-नेपाल सीमा पर तस्करी कर भारत लाए जा रहे पशुओं को एसएसबी ने जब्त कर थाना प्रभारी बेला को सौंपा दिया, लेकिन थाना प्रभारी बेला ने पशुओं को बिक्री कर रुपए का गबन किया. जबकि समस्तीपुर जिले के वारिसनगर के शिकायतकर्ता ने अपनी शिकायत में कहा कि उनकी बहन की फोटो गलत ढंग से सोशल मीडिया पर प्रचारित किया गया है. इसको लेकर हमने थाना प्रभारी से शिकायत की, मगर उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की. मुख्यमंत्री ने इन मामलों पर डीजीपी को कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
जमुई जिले के लक्ष्मीपुर से आए एक परिवादी ने मुख्यमंत्री ने शिकायत करते हुए कहा कि उनकी 14 वर्षीय बेटी का सितंबर 2020 में दबंगों ने अपहरण कर लिया. हर जगह शिकायत की, न मेरी बच्ची का पता चला और न ही अपराधियों पर कोई कार्रवाई हुई. वहीं गोपालगंज के सिंघवलिया की एक महिला ने सरकारी भूमि को दबंगों द्वारा अवैध रुप से कब्जा करने के संबंध में अपनी शिकायत की. मुख्यमंत्री ने डीजीपी से जांचकर उचित कार्रवाई करने को कहा है.
सीएम के जनता दरबार में एक विधवा आंगनबाड़ी सेविका अपनी शिकायत लेकर पहुंची और उन्होंने बताया कि किस तरह अपराधी उसे लगातार परेशान कर रहे हैं. उन्होंने यह भी बताया कि 4 साल पहले बदमाशों ने उसके पति की हत्या कर दी थी. इस मामले में कोर्ट का आर्डर हो गया, लेकिन अब बदमाश उसे और उसके बेटे को जान से मारने की धमकी दे रहे हैं. मुख्यमंत्री ने इस पर गृह विभाग से जांचकर उचित कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
उधर गया जिले के गुरारू के एक परिवादी ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाते हुए कहा कि हमारे पिता अगर नक्सली हैं तो उसकी सजा हमें क्यों दी जा रही है. दरअसल युवक का पिता नक्सली है, इस वजह से दोनों भाइयों को प्राईवेट नौकरी से निकाल दिया गया है. कंपनी ने बताया कि आईबी और पुलिस की रिपोर्ट पर आपको नौकरी से निकाला जा रहा है. आगे उसने बताया कि दोनों भाइयों को नौकरी से निकाले जाने के बाद हमारी मां डिप्रेशन में चली गई है. यह शिकायत सुनकर मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बात तो सही है कि पिता की सजा पुत्र को क्यों? इसके बाद तुरंत मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से मामले की जांच करते हुए आगे कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
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एक युवक ने शिकायत करते हुए कहा कि अपराधियों ने पहले हमारे पिताजी की हत्या कर दी. अब हमें जान से मारने की धमकी दे रहा. यह शिकायत सुन मुख्यमंत्री ने तुरंत डीजीपी को कहा कि युवक के पिता की हत्या हुई है, लेकिन अपराधी अभी तक गिरफ्तार नहीं हुआ है. फिर से धमकी दे रहा है, इस पर शीघ्र कार्रवाई करें.
वहीं, सीवान के बसंतपुर से आए एक परिवादी ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि दबंगों ने पेट्रोल पंप खोलने के लिए उसकी जमीन को गलत तरीके से कब्जा कर लिया है और उल्टे उसे केस में फंसा दिया गया है. समस्तीपुर जिले के उजियारपुर की एक महिला ने मुख्यमंत्री से शिकायत करते हुए कहा कि दहेज में मोटरसाइकिल की मांग पूरा नहीं होने पर उसे ससुराल वालों ने छोड़ दिया है. मुख्यमंत्री ने परिवादियों की शिकायत पर शीघ्र करने का संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया.