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देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की 135 वीं जयंती आज, देश कर रहा भारत रत्न को याद

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट के जरिए उन्हें याद किया. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा कि देश के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन.

first president desha ratna dr rajendra prasad
देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद
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Published : Dec 3, 2019, 10:15 AM IST

पटना: आजाद भारत के पहले राष्ट्रपति और देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की मंगलवार को 135 वीं जयंती है. 3 दिसम्बर 1884 को सीवान के जीरादेई गांव में उनका जन्म हुआ था. वे आजादी के प्रमुख आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे. पूरे देश में काफी लोकप्रिय होने के कारण उन्हें राजेन्द्र बाबू या देशरत्न कहकर पुकारा जाता था.

पीएम मोदी ने किया याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट के जरिए उन्हें याद किया. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा कि देश के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन. उन्होंने आजादी के आंदोलन में अत्यंत सक्रिय भूमिका निभाई, साथ ही संविधान के निर्माण में भी विशिष्ट योगदान दिया. विनम्रता और विद्वता से भरा उनका व्यक्तित्व देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा.

इसे भी पढ़ें- डॉ. राजेंद्र प्रसाद : संविधान निर्माण को लेकर कभी नहीं मिला अपेक्षित सम्मान

लंबे वक्त तक संभाला राष्ट्रपति का पदभार
12 सालों तक राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभालने के बाद उन्होंने 1962 में अपने अवकाश की घोषणा की. इसके बाद ही उन्हें भारत सरकार ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा. पूरा देश आज अपने राजेंद्र बाबू को याद कर रहा है.

पटना: आजाद भारत के पहले राष्ट्रपति और देशरत्न डॉ राजेन्द्र प्रसाद की मंगलवार को 135 वीं जयंती है. 3 दिसम्बर 1884 को सीवान के जीरादेई गांव में उनका जन्म हुआ था. वे आजादी के प्रमुख आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से थे. पूरे देश में काफी लोकप्रिय होने के कारण उन्हें राजेन्द्र बाबू या देशरत्न कहकर पुकारा जाता था.

पीएम मोदी ने किया याद
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी ट्वीट के जरिए उन्हें याद किया. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा कि देश के पहले राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. राजेन्द्र प्रसाद को उनकी जन्म-जयंती पर शत-शत नमन. उन्होंने आजादी के आंदोलन में अत्यंत सक्रिय भूमिका निभाई, साथ ही संविधान के निर्माण में भी विशिष्ट योगदान दिया. विनम्रता और विद्वता से भरा उनका व्यक्तित्व देशवासियों को सदा प्रेरित करता रहेगा.

इसे भी पढ़ें- डॉ. राजेंद्र प्रसाद : संविधान निर्माण को लेकर कभी नहीं मिला अपेक्षित सम्मान

लंबे वक्त तक संभाला राष्ट्रपति का पदभार
12 सालों तक राष्ट्रपति के तौर पर पदभार संभालने के बाद उन्होंने 1962 में अपने अवकाश की घोषणा की. इसके बाद ही उन्हें भारत सरकार ने सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा. पूरा देश आज अपने राजेंद्र बाबू को याद कर रहा है.

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