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डेंगू को लेकर अलर्ट मोड पर सरकार, स्वास्थ्य विभाग ने सभी जिलों को 1.32 लाख भेजी मच्छरदानी

कोरोना के कहर के बीच अब डेंगू के डंक का डर सताने लगा है. बिहार सरकार ने सभी 38 जिलों में 1.32 लाख मच्छरदानी भेजी है. पढ़ें पूरी रिपोर्ट...

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Published : Aug 2, 2021, 11:08 PM IST

पटना : बरसात के समय बिहार में डेंगू (Dengue In Bihar) का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में इस खतरे को देखते हुए बिहार सरकार अलर्ट मोड पर है. राजधानी पटना समेत सभी जिलों में दवा की छिड़काव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. कोरोना के कारण प्रदेश की जो स्थिति है वह डेंगू के कारण और न बिगड़े इसलिए सरकार ने कमर कस ली है. युद्ध स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तैयारियां चल रही है.

यो भी पढ़ें- ग्लोबल वार्मिंग की वजह से डेंगू का प्रभाव कम : रिपोर्ट

स्वास्थ्य विभाग ने बिहार के सभी 9 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डेंगू का नोडल सेंटर बनाया है. बिहार के सभी 38 जिलों में 1.32 लाख मच्छरदानी (Mosquito Net) भेजी है ताकि झुग्गियों में रहने वाले लोगों के बीच मच्छरदानी का वितरण किया जा सके और उन्हें डेंगू से बचाया जा सके. सभी मछरदानी मेडिकेटेड मछरदानी हैं. इसके अलावा सरकार ने राज्य के सभी 9 मेडिकल कॉलेजों में जहां डेंगू का नोडल सेंटर बनाया गया है, वहां डेंगू के जांच को विशेष रूप से एक्टिवेट किया है.

ये है डेंगू के लक्षण:-

ये है डेंगू के लक्षण
ये है डेंगू के लक्षण

नोडल संस्थानों में चिन्हित सेंटर पर डेंगू मरीजों को लक्षण के आधार पर शुरुआती जांच के बाद एलाइजा जांच की भी सुविधा होगी. जिन जिलों में नोडल केंद्र नहीं है, वहां से डेंगू मरीज के ब्लड सैंपल नजदीकी नोडल केंद्र में मंगाए जाएंगे. बताते चलें कि अब तक प्रदेश में लगभग 15 मरीज ही डेंगू के चिन्हित किए गए हैं. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग और सरकार डेंगू के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क मोड में है.

ये भी पढ़ें- बीमारियों का मौसम कहलाता है मानसून

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जानकारी दी गई कि प्रदेश में अगस्त और सितंबर के महीने में डेंगू के मामले अधिक बढ़ जाते हैं इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के तरफ से जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक तैयारी की जा रही है. डेंगू से बचाव को लेकर जागरूकता के पोस्टर लगाए जा रहे हैं. अखबारों में विज्ञापन के माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है कि कहीं भी पानी का जमाव ना होने दें. इसके अलावा विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर गतिविधियों के माध्यम से लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक किया जा रहा है.

कैसे फैलता है डेंगू:-

कैसे फैलता है डेंगू
कैसे फैलता है डेंगू

डेंगू से बचाव के लिए सबसे जरूरी है की लोग इस रोग के प्रति जागरूक हों और उन्हें इस रोग से जुड़ी सही जानकारी मालूम हो. डेंगू को लेकर लोगों में सबसे बडा भ्रम यह है की इसे फैलाने वाले एडीज मच्छर सिर्फ दिन में काटते हैं. यह सत्य है की ये मच्छर दिन में ज्यादा सक्रिय रहते है लेकिन यह इसका मतलब यह नहीं है कि ये शाम या रात में व्यक्ति को नहीं काट सकते. आमतौर पर लोगों को लगता है की एक बार डेंगू होने पर यह दोबारा नहीं हो सकता. लेकिन सही नहीं है. दरअसल डेंगू के चार तरह के वायरस होते हैं. इसके अलग-अलग वायरस एक से ज्यादा बार शरीर को चपेट में ले सकते हैं.

आमतौर पर लोग मानते है की डेंगू सिर्फ मानसून में होता हैत. यह सत्य है की डेंगू के मच्छर मानसून में ज्यादा पनपते हैं, लेकिन गर्मियों में और सामान्य बारिश के बाद भी मच्छरों को पनपने का मौका मिलता है. ज्यादातर डेंगू उन इलाकों में ज्यादा फैलता है जहां पानी इकठ्ठा होता है. प्लेटलेट्स में कमी हमेशा डेंगू के कारण नहीं होती है. इसलिए ऐसा होने पर जांच करवाना जरूरी है. आमतौर पर माना जाता है की एडीज मच्छर किसी भी तापमान में पनप सकते हैं. लेकिन ऐसा है नहीं है. मच्छर की यह प्रजाति सिर्फ उस वातावरण में बढ़ सकती है, जहां तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो.

डेंगू से बचने के उपाय:-

डेंगू से बचने के उपाय
डेंगू से बचने के उपाय

पटना : बरसात के समय बिहार में डेंगू (Dengue In Bihar) का खतरा बढ़ जाता है. ऐसे में इस खतरे को देखते हुए बिहार सरकार अलर्ट मोड पर है. राजधानी पटना समेत सभी जिलों में दवा की छिड़काव पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. कोरोना के कारण प्रदेश की जो स्थिति है वह डेंगू के कारण और न बिगड़े इसलिए सरकार ने कमर कस ली है. युद्ध स्तर पर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से तैयारियां चल रही है.

यो भी पढ़ें- ग्लोबल वार्मिंग की वजह से डेंगू का प्रभाव कम : रिपोर्ट

स्वास्थ्य विभाग ने बिहार के सभी 9 सरकारी मेडिकल कॉलेजों में डेंगू का नोडल सेंटर बनाया है. बिहार के सभी 38 जिलों में 1.32 लाख मच्छरदानी (Mosquito Net) भेजी है ताकि झुग्गियों में रहने वाले लोगों के बीच मच्छरदानी का वितरण किया जा सके और उन्हें डेंगू से बचाया जा सके. सभी मछरदानी मेडिकेटेड मछरदानी हैं. इसके अलावा सरकार ने राज्य के सभी 9 मेडिकल कॉलेजों में जहां डेंगू का नोडल सेंटर बनाया गया है, वहां डेंगू के जांच को विशेष रूप से एक्टिवेट किया है.

ये है डेंगू के लक्षण:-

ये है डेंगू के लक्षण
ये है डेंगू के लक्षण

नोडल संस्थानों में चिन्हित सेंटर पर डेंगू मरीजों को लक्षण के आधार पर शुरुआती जांच के बाद एलाइजा जांच की भी सुविधा होगी. जिन जिलों में नोडल केंद्र नहीं है, वहां से डेंगू मरीज के ब्लड सैंपल नजदीकी नोडल केंद्र में मंगाए जाएंगे. बताते चलें कि अब तक प्रदेश में लगभग 15 मरीज ही डेंगू के चिन्हित किए गए हैं. बावजूद इसके स्वास्थ्य विभाग और सरकार डेंगू के खतरे से निपटने के लिए पूरी तरह से सतर्क मोड में है.

ये भी पढ़ें- बीमारियों का मौसम कहलाता है मानसून

स्वास्थ्य विभाग की तरफ से जानकारी दी गई कि प्रदेश में अगस्त और सितंबर के महीने में डेंगू के मामले अधिक बढ़ जाते हैं इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग के तरफ से जिला से लेकर प्रखंड स्तर तक तैयारी की जा रही है. डेंगू से बचाव को लेकर जागरूकता के पोस्टर लगाए जा रहे हैं. अखबारों में विज्ञापन के माध्यम से लोगों को जागरूक भी किया जा रहा है कि कहीं भी पानी का जमाव ना होने दें. इसके अलावा विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों पर गतिविधियों के माध्यम से लोगों को डेंगू के प्रति जागरूक किया जा रहा है.

कैसे फैलता है डेंगू:-

कैसे फैलता है डेंगू
कैसे फैलता है डेंगू

डेंगू से बचाव के लिए सबसे जरूरी है की लोग इस रोग के प्रति जागरूक हों और उन्हें इस रोग से जुड़ी सही जानकारी मालूम हो. डेंगू को लेकर लोगों में सबसे बडा भ्रम यह है की इसे फैलाने वाले एडीज मच्छर सिर्फ दिन में काटते हैं. यह सत्य है की ये मच्छर दिन में ज्यादा सक्रिय रहते है लेकिन यह इसका मतलब यह नहीं है कि ये शाम या रात में व्यक्ति को नहीं काट सकते. आमतौर पर लोगों को लगता है की एक बार डेंगू होने पर यह दोबारा नहीं हो सकता. लेकिन सही नहीं है. दरअसल डेंगू के चार तरह के वायरस होते हैं. इसके अलग-अलग वायरस एक से ज्यादा बार शरीर को चपेट में ले सकते हैं.

आमतौर पर लोग मानते है की डेंगू सिर्फ मानसून में होता हैत. यह सत्य है की डेंगू के मच्छर मानसून में ज्यादा पनपते हैं, लेकिन गर्मियों में और सामान्य बारिश के बाद भी मच्छरों को पनपने का मौका मिलता है. ज्यादातर डेंगू उन इलाकों में ज्यादा फैलता है जहां पानी इकठ्ठा होता है. प्लेटलेट्स में कमी हमेशा डेंगू के कारण नहीं होती है. इसलिए ऐसा होने पर जांच करवाना जरूरी है. आमतौर पर माना जाता है की एडीज मच्छर किसी भी तापमान में पनप सकते हैं. लेकिन ऐसा है नहीं है. मच्छर की यह प्रजाति सिर्फ उस वातावरण में बढ़ सकती है, जहां तापमान 16 डिग्री सेल्सियस से ज्यादा हो.

डेंगू से बचने के उपाय:-

डेंगू से बचने के उपाय
डेंगू से बचने के उपाय
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