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शाहिन बाग की तर्ज पर बिहार शरीफ के तकिया मोहल्ला में 6 दिनों जारी है CAA का विरोध

नालंदा में नागरिकता संशोधन कानून का विरोध तेज हो चुका है. लोग जगह-जगह धरना के माध्यम से इस कानून का विरोध कर रहे हैं. बिहारशरीफ के काशी तकिया मोहल्ला में विगत 6 दिनों से धरना दिया जा रहा है.

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Published : Jan 20, 2020, 8:28 AM IST

नालंदा: दिल्ली के शाहिन बाग में सीएए के विरोध में चल रहे अनिश्चितकालीन धरना का असर नालंदा में भी देखने को मिल रहा है. बिहार शरीफ में भी आंदोलन शुरू कर दिया गया है और जगह-जगह लोग धरने पर बैठ गए हैं. कानून वापस नहीं लेने तक इस धरना को जारी रखने की घोषणा की गई है.

जगह-जगह धरना प्रदर्शन
बिहारशरीफ के काशी तकिया मोहल्ला में विगत 6 दिनों से धरना दिया जा रहा है. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, नौजवान लोग शामिल हो रहे हैं और सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं. इसके अलावा शहर के कागजी मोहल्ला, कुलसुमनगर, नदी मोड़ पर भी धरना शुरू हो गया है.

सीएए के खिलाफ नालंदा में प्रदर्शन

'देश को तोड़ने की कोशिश'
धरना में शामिल लोगों ने कहा कि सीएए एक काला कानून है, जिसका वे सभी भूखे रहकर विरोध करते रहेंगे. सीएए, एनपीआर, एनआरसी देश को बांटने का इरादा रखती है. यह हमारे संविधान के रचयिता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के खिलाफ है. केंद्र सरकार ने ऐसा कानून लाकर देश को तोड़ने की कोशिश की है. एनपीआर एनआरसी लागू करने का पहला स्टेज है.

nalanda
आक्रोशित महिला

'केंद्र सरकार कर रही दिग्भ्रमित'
धरना के माध्यम से लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम किया है. प्रधानमंत्री एनआरसी की चर्चा नहीं होने की बात करते हैं. वहीं, गृहमंत्री पूरे देश में एनआरसी को लागू करने की बात करते हैं.

यह भी पढ़ें- मुजफ्फरपुर शेल्टर होम केस में आज सुनाया जाएगा फैसला

नालंदा: दिल्ली के शाहिन बाग में सीएए के विरोध में चल रहे अनिश्चितकालीन धरना का असर नालंदा में भी देखने को मिल रहा है. बिहार शरीफ में भी आंदोलन शुरू कर दिया गया है और जगह-जगह लोग धरने पर बैठ गए हैं. कानून वापस नहीं लेने तक इस धरना को जारी रखने की घोषणा की गई है.

जगह-जगह धरना प्रदर्शन
बिहारशरीफ के काशी तकिया मोहल्ला में विगत 6 दिनों से धरना दिया जा रहा है. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, नौजवान लोग शामिल हो रहे हैं और सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं. इसके अलावा शहर के कागजी मोहल्ला, कुलसुमनगर, नदी मोड़ पर भी धरना शुरू हो गया है.

सीएए के खिलाफ नालंदा में प्रदर्शन

'देश को तोड़ने की कोशिश'
धरना में शामिल लोगों ने कहा कि सीएए एक काला कानून है, जिसका वे सभी भूखे रहकर विरोध करते रहेंगे. सीएए, एनपीआर, एनआरसी देश को बांटने का इरादा रखती है. यह हमारे संविधान के रचयिता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के खिलाफ है. केंद्र सरकार ने ऐसा कानून लाकर देश को तोड़ने की कोशिश की है. एनपीआर एनआरसी लागू करने का पहला स्टेज है.

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आक्रोशित महिला

'केंद्र सरकार कर रही दिग्भ्रमित'
धरना के माध्यम से लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम किया है. प्रधानमंत्री एनआरसी की चर्चा नहीं होने की बात करते हैं. वहीं, गृहमंत्री पूरे देश में एनआरसी को लागू करने की बात करते हैं.

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Intro:दिल्ली के शाहिन बाग के तर्ज पर चला बिहारशरीफ
नागरिकता संशोधन बिल को वापस लेने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना जारी
नालंदा। दिल्ली के शाहिन बाग में नागरिकता संशोधन कानून के विरोध में चल रहे अनिश्चितकालीन धरना का असर नालंदा में भी देखने को मिल रहा है। बिहार शरीफ में भी शाहिन बाग के तर्ज पर आंदोलन शुरू कर दिया गया है और जगह-जगह लोग धरने पर बैठ गए हैं । बिहारशरीफ के कई इलाकों में धरना शुरू हो गया है और सरकार से नागरिकता संशोधन कानून को वापस लेने की मांग कर रहे है। इस धरना को तब तक जारी रखने की बात कही जा रही है जब तक कानून को वापस नही लिया जाता।
बिहारशरीफ के काशी तकिया मोहल्ला में विगत 6 दिनों से धरना दिया जा रहा है जिसमे बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग, नौजवान लोग शामिल हो रहे है और सरकार के विरोध में नारे बाज़ी कर रहे है। इसके साथ साथ शहर में कागजी मोहल्ला, कुलसुमनगर, नदी मोड पर भी धरना शुरू हो गया है।


Body:धरना में शामिल लोगों ने कहा कि वे लोग भूखे रहकर इस काले कानून का विरोध करते रहेंगे । सीएए, एनपीआर, एनआरसी हमारे संविधान के रचयिता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के खिलाफ है जो हमारे देश की गंगा जमुना तहजीब को बांटने का नापाक इरादा रखती है । केंद्र सरकार के द्वारा ऐसे कानून लाकर देश को तोड़ने की कोशिश करने का काम किया गया है । एन पी आर के माध्यम से सरकार पिछले दरवाजे से देश मे एन आर सी लाने की कोशिश कर रही है। धरना के माध्यम से कहा गया कि प्रधानमंत्री द्वारा एनआरसी का चर्चा नहीं होने की बात कही जाती है जबकि गृह मंत्री द्वारा एनआरसी को संपूर्ण देश में लागू करने की बात की जाती है । जिससे सरकार द्वारा दिग्भ्रमित करने का काम किया जा रहा है। एनआरसी जब संपूर्ण भारत में लागू होगा जिसमें सभी भारतीयों को नागरिक होने का सबूत देना होगा । चाहे वह किसी भी धर्म जात के क्यों ना हो । जिन लोगों की एनआरसी लिस्ट में नाम नहीं आएगा, सरकार की मंशा के द्वारा मुस्लिम समुदाय को छोड़कर सभी धर्म के लोगों को सीएए के माध्यम से नागरिकता दी जाएगी, जिसमें उनको भी लिख कर देना होगा कि हमारे पूर्वज या हम पाकिस्तान, अफगानिस्तान या बांग्लादेश से प्रताड़ित होकर आए हैं जो अब तक भारत के मूलनिवासी रहे हैं उन्हें भी शरणार्थी बनाने की चाल चली जा रही है।



Conclusion:नागरिकता संशोधन कानून का विरोध नालंदा में तेज हो चुका है और जगह-जगह लोग धरना के माध्यम से इस कानून का विरोध कर रहे हैं।
बाइट। सनम, धरनार्थी
बाइट। मीर अरशद, धरनार्थी
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