नालंदा: दिल्ली के शाहिन बाग में सीएए के विरोध में चल रहे अनिश्चितकालीन धरना का असर नालंदा में भी देखने को मिल रहा है. बिहार शरीफ में भी आंदोलन शुरू कर दिया गया है और जगह-जगह लोग धरने पर बैठ गए हैं. कानून वापस नहीं लेने तक इस धरना को जारी रखने की घोषणा की गई है.
जगह-जगह धरना प्रदर्शन
बिहारशरीफ के काशी तकिया मोहल्ला में विगत 6 दिनों से धरना दिया जा रहा है. इसमें बड़ी संख्या में महिलाएं, बच्चे, बूढ़े, नौजवान लोग शामिल हो रहे हैं और सरकार विरोधी नारे लगा रहे हैं. इसके अलावा शहर के कागजी मोहल्ला, कुलसुमनगर, नदी मोड़ पर भी धरना शुरू हो गया है.
'देश को तोड़ने की कोशिश'
धरना में शामिल लोगों ने कहा कि सीएए एक काला कानून है, जिसका वे सभी भूखे रहकर विरोध करते रहेंगे. सीएए, एनपीआर, एनआरसी देश को बांटने का इरादा रखती है. यह हमारे संविधान के रचयिता बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के खिलाफ है. केंद्र सरकार ने ऐसा कानून लाकर देश को तोड़ने की कोशिश की है. एनपीआर एनआरसी लागू करने का पहला स्टेज है.
'केंद्र सरकार कर रही दिग्भ्रमित'
धरना के माध्यम से लोगों ने कहा कि केंद्र सरकार ने लोगों को दिग्भ्रमित करने का काम किया है. प्रधानमंत्री एनआरसी की चर्चा नहीं होने की बात करते हैं. वहीं, गृहमंत्री पूरे देश में एनआरसी को लागू करने की बात करते हैं.
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