मुजफ्फरपुरः बीते 30 नवंबर को बिहार के मुजफ्फरपुर में मोतियाबिंद का ऑपरेशन असफल होने से 25 से ज्यादा लोगों की आंखें खराब (people Lost Eyes in Muzaffarpur) होने का मामला सामने आया था. जिसके बाद अब तक 15 लोगों की आंखें निकाली जा चुकी है. कई पीड़ित मरीज अभी भी SKMCH में इलाजरत हैं, जिनकी स्थिति क्रिटिकल है. ऐसे में आज SKMCH की 3 मरीजों की आंखें निकाली जाएंगी. आंख निकालने वाले मरीजों की संख्या बढ़कर 18 हो जाएगी.
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जिन लोगों की आंखें निकाली जा चुकी है, सोमवार तक उनकी संख्या 4 थी. मगर मंगलवार को ये संख्या बढ़कर 7 थी. फिर बुधवार को ये संख्या 15 हो गई. हालांकि अभी कई मरीजों की आंखों की समस्या बरकरार है. ऐसे में एसकेएमसीएच में 3 और मरीजों का ऑपरेशन कर आंखे निकाली जाएंगी. उन्होंने कहा कि इंफेक्शन बहुत ज्यादा बढ़ गया है, सभी लोगों की आंखें पूरी तरह खराब हो चुकी हैं. बता दें कि अबतक आई हॉस्पिटल में 4 और SKMCH में 11 मरीजों की आंख निकाला गया है.
वहीं अस्पताल की बड़ी लापरवाही के बाद से सरकार गंभीर आरोप लग रहे हैं. विपक्षी पार्टियां स्वास्थ्य विभाग पर लापरवाही का आरोप लगा रही है. ऐसे में स्वास्थ्य विभाग की गठित टीम आज SKMCH अस्पताल कर मरीजों से बातचीत कर पूरा मामले की जानकारी लेगी.
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बता दें कि जूरन छपरा स्थित आई अस्पताल में मोतियाबिंद ऑपरेशन में लापरवाही के मामले को ( Negligence of Eye Hospital in Muzaffarpur ) लेकर अब मानवाधिकार आयोग का दरवाजा ( Petition Filed In Human Rights Commission ) खटखटाया गया है. मानवाधिकार अधिवक्ता एसके झा ने बिहार मानवाधिकार आयोग एवं राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग को मामले की जानकारी दी है, साथ ही एक याचिका भी दाखिल की गई है. अधिवक्ता ने मामले के संबंध में पटना हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट को भी पत्र लिखा है.
मेडिकल कॉलेज के ही एक डॉक्टर ने बताया कि ऑपरेशन करने का एक गाइडलाइन है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट भी निर्देश जारी कर चुका है. उन्होंने बताया कि एक दिन में एक डॉक्टर 12 से ज्यादा ऑपरेशन नहीं कर सकते हैं. लेकिन, एसीएमओ के बयान के अनुसार 22 नवंबर को एक दिन में 65 लोगों का ऑपरेशन किन परिस्थितियों में हुआ, यह जांच का विषय है.
बता दें कि मुजफ्फरपुर जिले के जूरन छपरा स्थित आई हॉस्पिटल में बीते 22 नवंबर को विशेष मोतियाबिंद ऑपरेशन का कैंप लगाया गया था. इस दौरान दर्जनों महिला-पुरुषों ने अपनी आंखों का ऑपरेशन कराया था. लेकिन डॉक्टरों के द्वारा लापरवाही बरती गई. इस लापरवाही के कारण अब तक 15 लोगों ने हमेशा के लिए अपनी आखें गंवा दी हैं. खराब हुई आखों को निकालने का सिलसिला अभी भी जारी है. कई और लोगों की आखों में इन्फेक्शन है. आज फिर तीन मरीजों का ऑपरेशन कर उनकी आंखें निकाली जाएंगी.
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