मुजफ्फरपुर : बिहार में एक बार फिर से चमकी बुखार ने दस्तक दी है. मुजफ्फरपुर के एसकेएमसीएच में दो बच्चों को एडमिट कराया गया (Chamki Bukhar In Muzaffarpur) है. बच्चों में से एक एसकेएमसीएच से सटे अहियापुर के भीखनपुर इलाके के सुबोध कुमार का 8 वर्षीय पुत्र बाबुल है. दूसरा बच्चा जिले के एक गांव का है, जिसे भी चमकी बुखार जैसे लक्षण थे. दोनों बच्चे अभी फिलहाल ठीक हैं दोनों का इलाज चल रहा है.
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क्या बोले डॉक्टर? : पूरे मामले पर पूछे जाने पर एसकेएमसीएच के उपाधीक्षक शिशु रोग विभागाध्यक्ष डॉ गोपाल शंकर साहनी ने कहा कि दो बच्चों को डॉक्टर जे पी मंडल के यूनिट में भर्ती किया गया है. उनकी मेडिकल हिस्ट्री और पैथोलॉजिकल रिपोर्ट आने के बाद ही आधिकारिक पुष्टि हो पाएगी की कौन सी बीमारी है. प्रथम दृष्टया एईएस के लक्षण लग रहे हैं. आपको बताते चलें कि मुजफ्फरपुर चमकी बुखार का सबसे प्रभावित जिला माना जाता है. यहां इस बीमारी ने सैकड़ों बच्चों की जान अब तक ले चुकी है.
लगातार चलाया जा रहा है जागरुकता अभियान : कहा जा सकता है कि एईएस/चमकी बुखार (AES In Bihar) के केस में हाल के दिनों में कमी जरूर आई है लेकिन इससे निजात नहीं मिल पायी है. स्वास्थ्य विभाग एवं जिला प्रशासन की टीम लगातार गांव-गांव जागरुकता अभियान चलाई. यह कहा जा सकता है कि जागरुकता अभियान चलाने के बाद थोड़ी राहत जरूर मिली है लेकिन यह बीमारी मुजफ्फरपुर से खत्म नहीं हुआ है. ऐसे में चमकी बुखार को लेकर बच्चों का खासा ख्याल रखने की जरूरत है.
चमकी बुखार के लक्षण : इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम को आम भाषा में दिमागी बुखार कहा जाता है. इसकी वजह वायरस को माना जाता है. इस वायरस का नाम इंसेफेलाइटिस वाइरस है. इसे अक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (Acute Encephalitis Syndrome) यानी एईएस (AES) भी कहा जाता है. एईएस पीड़ित बच्चे की अचानक तबीयत बिगड़ जाती है. अचानक बच्चा कोमा में चला जाता है. इस बीमारी के सामान्य लक्षण होते हैं. गर्मी के दौरान इन लक्षणों को काफी गंभीरता से लेने की आवश्यकता है. तेज बुखार, सिर दर्द, गर्दन में अकड़न, उल्टी होना, सुस्ती, भूख कम लगना इत्यादि इसके लक्षण होते हैं. साथ ही बच्चे के मुंह में झाग निकलना और उसको झटका लगना. अगर बच्चों को सास लेने में दिक्कत हो या दांत बंद हो जाए. तो तुरंत उसे अस्पताल में भर्ती कराना चाहिए.
जानिए क्या हैं इसके उपचार : पीड़ित इंसान के शरीर में पानी की कमी न होने दें. बच्चों को सिर्फ हेल्दी फूड ही दें. रात को खाना खाने के बाद मीठा जरूर दें. बच्चों को थोड़ी-थोड़ी देर बार तरल पदार्थ देते रहें, ताकि उनके शरीर में पानी की कमी न हो.
इन बातों का रखें ध्यान : बच्चों को गंदे पानी के संपर्क में न आने दें. मच्छरों से बचाव के लिए घर के आसपास पानी न जमा होने दें. तेज धूप में बच्चों को बाहर नहीं निकलने दें. बच्चे में चमकी व तेज बुखार होते ही नजदीकी पीएचसी लेकर पहुंचे. अपने मन से और गांव के कथित डॉक्टरों से इलाज नहीं कराएं. पीएचसी, आशा, सेविका को जानकारी देने पर एम्बुलेंस की सुविधा मिलेगी. एम्बुलेंस से बच्चे को एसकेएमीएच में इलाज के लिए लाने में कोई परेशानी नहीं होगी. चमकी व तेज बुखार बीमारी है यह देवता व भूत प्रेत का लक्षण नहीं है. ओझा से झाड़फूंक करवाने की जगह सरकारी अस्पताल लेकर बच्चे को जाएं.
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