कटिहार: भारी बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद सीमांचल में तबाही का आलम है. महानंदा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण जिले के कई प्रखण्डों में सैलाब जैसे हालात हैं. इन सबका सीधा असर खेती पर पड़ा है. जलस्तर में वृद्धि के कारण जूट की खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई है. बाजरे के खेतों में भी पानी भर आया है. बाढ़ के कारण किसान तबाह हो गए हैं. उन्हें अब सरकार से ही आस है.
जूट और बाजरे की खेती प्रभावित
कटिहार के अमदाबाद प्रखण्ड में सैलाब ने इलाके को बुरी तरह तबाह किया है. जूट और बाजरे के खेतों में कमर भर से ज्यादा पानी भर आया हैं. स्थानीय किसानों का कहना हैं कि पूरे इलाके में महानन्दा नदी का पानी फैल गया हैं जिससे खेती बुरी तरह प्रभावित हैं. खेतों में चार से पांच फीट पानी भर गया है जिससे पौधे गलने लगे हैं. सैलाब ने खेती को ही नष्ट कर दिया हैं.
किसानों के सामने भुखमरी की नौबत
बता दें कि कटिहार की पहचान जूटनगरी के रूप में भी होती हैं. यहां कई सरकारी और प्राइवेट जूट मिल भी हैं जिसमे हजारों कामगार काम करतें हैं. इलाके में धान के बाद पटसन की खेती किसानों का मुख्य आयस्त्रोत हैं. बाढ़ के कारण किसानों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है.