ETV Bharat / city

महानंदा के जलस्तर में बढ़ोतरी से जूट और बाजरे की फसल को भारी नुकसान, किसान परेशान - Farmer

अमदाबाद प्रखण्ड में सैलाब ने इलाके को बुरी तरह तबाह किया है. जूट और बाजरे के खेतों में कमर भर से ज्यादा पानी भर आया है. जिसके कारण इन फसलों को भारी नुकसान हुआ है.

बाढ़ से जूट की खेती बर्बाद
author img

By

Published : Jul 16, 2019, 5:23 PM IST

कटिहार: भारी बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद सीमांचल में तबाही का आलम है. महानंदा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण जिले के कई प्रखण्डों में सैलाब जैसे हालात हैं. इन सबका सीधा असर खेती पर पड़ा है. जलस्तर में वृद्धि के कारण जूट की खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई है. बाजरे के खेतों में भी पानी भर आया है. बाढ़ के कारण किसान तबाह हो गए हैं. उन्हें अब सरकार से ही आस है.

बाढ़ से जूट की खेती बर्बाद

जूट और बाजरे की खेती प्रभावित
कटिहार के अमदाबाद प्रखण्ड में सैलाब ने इलाके को बुरी तरह तबाह किया है. जूट और बाजरे के खेतों में कमर भर से ज्यादा पानी भर आया हैं. स्थानीय किसानों का कहना हैं कि पूरे इलाके में महानन्दा नदी का पानी फैल गया हैं जिससे खेती बुरी तरह प्रभावित हैं. खेतों में चार से पांच फीट पानी भर गया है जिससे पौधे गलने लगे हैं. सैलाब ने खेती को ही नष्ट कर दिया हैं.

katihar flood
बाढ़ ने डुबोए खेत

किसानों के सामने भुखमरी की नौबत
बता दें कि कटिहार की पहचान जूटनगरी के रूप में भी होती हैं. यहां कई सरकारी और प्राइवेट जूट मिल भी हैं जिसमे हजारों कामगार काम करतें हैं. इलाके में धान के बाद पटसन की खेती किसानों का मुख्य आयस्त्रोत हैं. बाढ़ के कारण किसानों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है.

कटिहार: भारी बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद सीमांचल में तबाही का आलम है. महानंदा नदी के जलस्तर में बढ़ोतरी के कारण जिले के कई प्रखण्डों में सैलाब जैसे हालात हैं. इन सबका सीधा असर खेती पर पड़ा है. जलस्तर में वृद्धि के कारण जूट की खेती बुरी तरह से प्रभावित हुई है. बाजरे के खेतों में भी पानी भर आया है. बाढ़ के कारण किसान तबाह हो गए हैं. उन्हें अब सरकार से ही आस है.

बाढ़ से जूट की खेती बर्बाद

जूट और बाजरे की खेती प्रभावित
कटिहार के अमदाबाद प्रखण्ड में सैलाब ने इलाके को बुरी तरह तबाह किया है. जूट और बाजरे के खेतों में कमर भर से ज्यादा पानी भर आया हैं. स्थानीय किसानों का कहना हैं कि पूरे इलाके में महानन्दा नदी का पानी फैल गया हैं जिससे खेती बुरी तरह प्रभावित हैं. खेतों में चार से पांच फीट पानी भर गया है जिससे पौधे गलने लगे हैं. सैलाब ने खेती को ही नष्ट कर दिया हैं.

katihar flood
बाढ़ ने डुबोए खेत

किसानों के सामने भुखमरी की नौबत
बता दें कि कटिहार की पहचान जूटनगरी के रूप में भी होती हैं. यहां कई सरकारी और प्राइवेट जूट मिल भी हैं जिसमे हजारों कामगार काम करतें हैं. इलाके में धान के बाद पटसन की खेती किसानों का मुख्य आयस्त्रोत हैं. बाढ़ के कारण किसानों के सामने भुखमरी की नौबत आ गई है.

Intro:........बिहार में भारी बारिश और नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद सीमांचल में तबाही का आलम हैं । महानंदा नदी के जलस्तर में वृद्धि होने के कारण जहाँ कटिहार के कई प्रखण्ड में सैलाब जैसे हालात हैं और इसका असर सीधे तौर पर खेती पर पड़ा हैं । जलस्तर में वृद्धि के कारण जुट की खेती बुरी तरह प्रभावित हुई हैं और बाजरे के खेतों में पानी घुस आया हैं । बाढ़ के कारण किसान तबाह हैं और सरकारी मदद का अब तक दरस नहीं हैं .....।


Body:जहाँ तक जाती हैं कैमरे की नजर , बस पानी ही पानी ....। जी हाँ , यह दृश्य हैं कटिहार के अमदाबाद प्रखण्ड का जहाँ सैलाब ने इलाके को बुरी तरह तबाह किया हैं । जुट के खेतों में कमर भर से अधिक पानी भर आया हैं और बाजरे के खेती का हाल भी कुछ ऐसा ही हैं । इस इलाके में जुट की खेती बड़े पैमाने पर होती हैं लेकिन महानन्दा नदी के जलस्तर में वृद्धि के कारण पूरे इलाके में पानी फैल गया हैं जिससे तबाही का मंजर दिख रहा हैं ....। स्थानीय ग्रामीण शिवशंकर ठाकुर बतातें हैं कि पूरे इलाके में महानन्दा नदी का पानी फैल गया हैं जिससे जुट की खेती बुरी तरह प्रभावित हैं । खेतों में चार से पाँच फ़ीट पानी फैल गया हैं जिससे पौधे गलने शुरू हो गये हैं । ग्रामीण भोला बताते हैं कि अमदाबाद इलाके में किसानों की जुट मुख्य खेती हैं लेकिन सैलाब ने खेती को ही नष्ट कर डाला हैं । स्थानीय महलदार टेटन महलदार बतातें हैं कि नेपाल से आये पानी ने तबाही मचाया हैं और तीन से चार दिनों के अंदर खेतों में पानी फैल गया हैं .....।


Conclusion:गौरतलब हैं कि कटिहार जिले की पहचान जुटनगरी के रूप में भी होती हैं और सरकारी और प्राइवेट जुट मिलें भी हैं जिसमे हजारों कामगार काम करतें हैं । जिस कारण इलाके में धान के बाद पटसन की खेती किसानों का मुख्य क्रॉप हैं लेकिन सैलाब के तबाही के मंजर ने किसानों के अरमानों को पत्थर से कुचल डाला हैं .......।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.