कटिहार: प्याज और लहसून के बाद खाद्य तेलों की रोजाना आसमान छूती कीमतों ने किसानों को जोर का झटका दिया है. इससे परेशान कटिहार के किसानों ने अब खेती का ट्रेंड बदल लिया है. किसान धान, गेहूं, मक्का जैसी पारंपरिक खेती को छोड़ तिलहन की खेती की ओर रुख कर रहे हैं.
किसानों ने शुरू की तिलहन की खेती
कटिहार के खेतों में इन दिनों दूर-दूर तक पीले सुंदर सरसों के फूल नजर आ रहे हैं. तिलहन की खेती की ये मुहिम किसी सरकारी जागरुकता अभियान का हिस्सा नहीं है. रोजाना आसमान छूती खाद्य तेलों की कीमतों से परेशान किसानों ने तिलहन की खेती पर जोड़ दिया है, ताकि परिवार में रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाले सरसों के तेल की खपत में हो रही परेशानी को कम किया जा सके.
महंगाई से परेशान होकर उठाया कदम
जिले के रौतारा के किसान अमित ने बताया कि सरसों तेल की महंगी कीमतों ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है. इससे निजात पाने के लिए उन्होंने मस्टर्ड फार्मिंग की शुरुआत की है. किसान बताते हैं कि पहले वे मक्का-धान की खेती करते थे, लेकिन इस बार वे सरसों की खेती कर रहे हैं. जिला कृषि विभाग पदाधिकारी की मानें तो जिले में साढ़े 8 हजार एकड़ से ज्यादा की जमीन पर किसान सरसों की खेती कर रहे हैं.
किसानों की अच्छी पहल
इन दिनों बाजार में सरसों तेल की कीमत आसमान छू रही है. बाजारों में तेल 125-130 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. कीमतों में यह उछाल बीते 2 महीने में आया है, जो प्याज, लहसून के बाद आम आदमी को जोर का झटका धीरे से दे रहा है. ऐसे में कटिहार के किसानों की खेती में यह बदलाव महंगाई से निजात पाने की अच्छी पहल मानी जा सकती है.
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