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सरसों तेल की बढ़ती कीमतों को देख किसानों ने बदला ट्रेंड, पारंपरिक छोड़ कर रहे तिलहन की खेती

कटिहार के रौतारा के किसान ने बताया कि सरसों तेल की महंगी कीमतों ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है. इससे निजात पाने के लिए उन्होंने मस्टर्ड फार्मिंग की शुरुआत की है.

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Published : Jan 10, 2020, 1:03 PM IST

कटिहार: प्याज और लहसून के बाद खाद्य तेलों की रोजाना आसमान छूती कीमतों ने किसानों को जोर का झटका दिया है. इससे परेशान कटिहार के किसानों ने अब खेती का ट्रेंड बदल लिया है. किसान धान, गेहूं, मक्का जैसी पारंपरिक खेती को छोड़ तिलहन की खेती की ओर रुख कर रहे हैं.

किसानों ने शुरू की तिलहन की खेती
कटिहार के खेतों में इन दिनों दूर-दूर तक पीले सुंदर सरसों के फूल नजर आ रहे हैं. तिलहन की खेती की ये मुहिम किसी सरकारी जागरुकता अभियान का हिस्सा नहीं है. रोजाना आसमान छूती खाद्य तेलों की कीमतों से परेशान किसानों ने तिलहन की खेती पर जोड़ दिया है, ताकि परिवार में रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाले सरसों के तेल की खपत में हो रही परेशानी को कम किया जा सके.

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तिलहन की खेती करता किसान

महंगाई से परेशान होकर उठाया कदम
जिले के रौतारा के किसान अमित ने बताया कि सरसों तेल की महंगी कीमतों ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है. इससे निजात पाने के लिए उन्होंने मस्टर्ड फार्मिंग की शुरुआत की है. किसान बताते हैं कि पहले वे मक्का-धान की खेती करते थे, लेकिन इस बार वे सरसों की खेती कर रहे हैं. जिला कृषि विभाग पदाधिकारी की मानें तो जिले में साढ़े 8 हजार एकड़ से ज्यादा की जमीन पर किसान सरसों की खेती कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

किसानों की अच्छी पहल
इन दिनों बाजार में सरसों तेल की कीमत आसमान छू रही है. बाजारों में तेल 125-130 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. कीमतों में यह उछाल बीते 2 महीने में आया है, जो प्याज, लहसून के बाद आम आदमी को जोर का झटका धीरे से दे रहा है. ऐसे में कटिहार के किसानों की खेती में यह बदलाव महंगाई से निजात पाने की अच्छी पहल मानी जा सकती है.

यह भी पढ़ें- किसानों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ, पैक्स और डीलर पर बंदरबांट का आरोप

कटिहार: प्याज और लहसून के बाद खाद्य तेलों की रोजाना आसमान छूती कीमतों ने किसानों को जोर का झटका दिया है. इससे परेशान कटिहार के किसानों ने अब खेती का ट्रेंड बदल लिया है. किसान धान, गेहूं, मक्का जैसी पारंपरिक खेती को छोड़ तिलहन की खेती की ओर रुख कर रहे हैं.

किसानों ने शुरू की तिलहन की खेती
कटिहार के खेतों में इन दिनों दूर-दूर तक पीले सुंदर सरसों के फूल नजर आ रहे हैं. तिलहन की खेती की ये मुहिम किसी सरकारी जागरुकता अभियान का हिस्सा नहीं है. रोजाना आसमान छूती खाद्य तेलों की कीमतों से परेशान किसानों ने तिलहन की खेती पर जोड़ दिया है, ताकि परिवार में रोजाना इस्तेमाल किए जाने वाले सरसों के तेल की खपत में हो रही परेशानी को कम किया जा सके.

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तिलहन की खेती करता किसान

महंगाई से परेशान होकर उठाया कदम
जिले के रौतारा के किसान अमित ने बताया कि सरसों तेल की महंगी कीमतों ने उनकी परेशानी बढ़ा दी है. इससे निजात पाने के लिए उन्होंने मस्टर्ड फार्मिंग की शुरुआत की है. किसान बताते हैं कि पहले वे मक्का-धान की खेती करते थे, लेकिन इस बार वे सरसों की खेती कर रहे हैं. जिला कृषि विभाग पदाधिकारी की मानें तो जिले में साढ़े 8 हजार एकड़ से ज्यादा की जमीन पर किसान सरसों की खेती कर रहे हैं.

पेश है रिपोर्ट

किसानों की अच्छी पहल
इन दिनों बाजार में सरसों तेल की कीमत आसमान छू रही है. बाजारों में तेल 125-130 रुपये प्रति लीटर बिक रहा है. कीमतों में यह उछाल बीते 2 महीने में आया है, जो प्याज, लहसून के बाद आम आदमी को जोर का झटका धीरे से दे रहा है. ऐसे में कटिहार के किसानों की खेती में यह बदलाव महंगाई से निजात पाने की अच्छी पहल मानी जा सकती है.

यह भी पढ़ें- किसानों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ, पैक्स और डीलर पर बंदरबांट का आरोप

Intro:किसानों ने खेतीं का बदला ट्रेंड , ट्रेडिशनल की जगह तिलहन खेतीं पर जोर ।


.........खाद्य तेलों के रोज़ाना आसमान छूते क़ीमतों की वजह से परेशान कटिहार के किसानों ने अब खेती का ट्रेंड बदल लिया हैं..। किसान धान , गेहूँ , मक्का जैसी पारंपरिक खेती को बाय - बाय कह तिलहन खेती की ओर रुख कर गये हैं और बड़े पैमाने पर सरसों की खेती कर रहे हैं ताकि घरों में रोज मस्टर्ड ऑयल की समस्या से जहाँ एक ओर उन्हें निजात मिल सकें वहीं दूसरी ओर उनकी आमदनी भी बेहतर हो सकें.....। जिला कृषि विभाग पदाधिकारी की मानें तो जिले में साढ़े आठ हजार एकड़ से ज्यादा किसानों ने खेतों में सरसों की खेतीं की हैं ......।

बाइट 1 . अमित अनुपम किसान
2. इन्द्रजीत कुमार किसान
3. चन्द्रदेव प्रसाद जिला कृषि पदाधिकारी / कटिहार


Body:अब तक जिले में साढ़े आठ हजार हेक्टेयर जमीन पर सरसों की खेतीं ।



जहाँ तक जाती हैं कैमरे की नजर , पीले सुंदर फूलों से सजी यह सुंदर खेत - बगिया ....नैनीताल , मसूरी घाटी के वादियों या पहाड़ियों का नहीं हैं बल्कि यह दृश्य हैं बाढ़ - कटाव जैसी प्राकृतिक आपदा से हर साल जूझने वाली कटिहार जिले का हैं जहाँ किसानों ने अब खेतीं का ट्रेंड बदल लिया हैं । दरअसल , बताया जा रहा हैं कि यह बदलाव किसी सरकारी जागरूकता मुहिम का हिस्सा नहीं हैं बल्कि खाद्य तेलों के रोजाना आसमान छूते कीमतों से परेशान किसानों ने अपनी धान - गेहूँ - मक्का जैसे ट्रेडिशनल क्रॉप को बाय - बाय कह तिलहन की खेतीं पर जोर दिया हैं जिससे इसके घर - परिवार में रोजाना होने वाले सरसों के तेल की खपत की परेशानी को खत्म किया जा सकें .....। जिले के रौतारा के किसान अमित बताते हैं कि सरसों तेल की महँगी कीमतों ने उनके पॉकेट का बेड़ा गर्क कर डाला हैं और इससे निजात पाने के लिये उसने खेतों में मस्टर्ड फार्मिंग की हैं .....। किसान बताते हैं कि पहले वह मक्का - धान की खेतीं करते थे लेकिन इसबार उन्होंने सरसौं की खेतीं की हैं ....। जिला कृषि पदाधिकारी चन्द्रदेव प्रसाद ने बताया कि इस बार जिले में करीब साढ़े आठ हजार हेक्टेयर जमीन पर किसानों ने सरसों की खेतीं की हैं जो उत्साहवर्धक हैं ......।


Conclusion:सरसों तेल की महंगाई से किसानों ने बदला अपना निर्णय ।



इन दिनों बाजार में सरसों तेल की कीमत परवान पर हैं और 125 - 130 रुपये प्रतिलीटर बिक रहा हैं । कीमतों में यह उछाल महज दो महीने के अंदर आया हैं जो प्याज , लहसुन के बाद आम आदमी के पॉकेट पर...' जोर का झटका धीरे से ' हैं । ऐसे में कटिहार के किसानों की खेतीं में यह बदलाव महँगाई से निजात पाने का अच्छी पहल मानी जा सकती हैं .....। उम्मीद की जानी चाहिये कि किसानों के बदलाव के यह बदले कदम से अच्छे दिन आयेंगे.।
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