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बिहार पंचायत चुनावः 10वें चरण के प्रचार का शोर थमा, 8 दिसंबर को मतदाता करेंगे प्रत्याशियों के भाग्य का फैसला

बिहार के गया और समस्तीपुर में 10वें चरण के पंचायत चुनाव के मद्देनजर 8 दिसंबर को मतदान होना है. जिसे लेकर सभी तैयारी कर ली गई है. गया के नक्सल एरिया में भी पूरी तैयारी के साथ चुनाव कराए जाएंगे. पढ़ें रिपोर्ट...

बिहार पंचायत चुनाव के 10वें चरण के प्रचार का शोर थमा
बिहार पंचायत चुनाव के 10वें चरण के प्रचार का शोर थमा
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Published : Dec 6, 2021, 8:33 PM IST

गया: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के 10वें चरण के तहत चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रत्याशियों ने बढ़-चढ़कर जनसंपर्क अभियान चलाया. इस दौरान गया और समस्तीपुर के प्रत्याशी वोटरों के दरवाजे तक गए और हाथ जोड़कर उनसे वोट देने की अपील की. प्रत्याशियों ने बेहतर कार्यकाल का वादा लोगों से किया. लोगों से उनके फायदे की बात की. शाम होते ही 10वें चरण के मतदान का शोर थम गया.

यह भी पढ़ें- गया में प्रत्याशियों ने गाजे-बाजे के साथ लिया जनता का आशीर्वाद, विकास कार्य करने की कही बात

बता दें कि गया (Panchayat Election in Gaya) जिला का मोहनपुर और बाराचट्टी प्रखंड अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र माना जाता है. क्षेत्र में कभी नक्सलियों की तूती बोलती थी. नक्सलियों के आह्वान पर वोट बहिष्कार कर दिया जाता था. लोग डर से घरों से बाहर नहीं निकलते थे. लेकिन वर्तमान समय में यह स्थिति बदल चुकी है. पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के साथ-साथ आमजन भी अपनी सहभागिता निभा रहे हैं. इस क्षेत्र में प्रत्याशी खुलकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं.

बिहार पंचायत चुनाव के 10वें चरण के प्रचार का शोर थमा

इसी क्रम में बाराचट्टी प्रखंड के दिवनिया पंचायत से दूसरी बार मुखिया पद का चुनाव लड़ रहे युवा ओंकार कुमार ने कहा कि क्षेत्र में विगत 5 सालों में किए गए कार्यों की बदौलत जनता के बीच जा रहे हैं. जितना हो सका, हमने काम किया. नली-गली, सड़क सहित अन्य संबंधित योजनाओं का लाभ जनता को पहुंचाया. विगत 2 सालों में कोरोना की वजह से कई कार्य बाधित रह गए. अगर जनता हमें दुबारा मौका देती है, तो बचे हुए कार्यों को पूरा करने का प्रयास करेंगे.

वर्तमान समय में युवाओं को रोजगार की सबसे बड़ी समस्या है. मौका मिलता है तो युवाओं के लिए रोजगार, वृद्ध जनों के लिए वृद्धा पेंशन व महिलाओं को सशक्त करने का कार्य करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा चुनाव चिन्ह मोतियों की माला है. इसलिए हम ग्रामीणों को पर्चा ना देकर लोगों को मोतियों की माला देकर उनसे वोट देने की अपील कर रहे हैं.

वहीं गोसाई पेसरा गांव के रहने वाले ग्रामीण मनोज कुमार रजक ने कहा कि हमारे क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या गरीबी है. इस बार हम लोगों ने ऐसे प्रत्याशी को चुनने का मन बनाया है, जो हर समय जनता के बीच मौजूद रहे. ग्रामीणों का सुख-दुख समझे और उन्हें दूर करने का प्रयास करे. साफ छवि वाले को ही हम लोग अपना नेता चुनेंगे.

इधर, समस्तीपुर (Panchayat Election in Samastipur) में बाढ़ व जलजमाव से हलकान रहे जिले के बिथान व सिंघिया प्रखंड में 8 दिसंबर को मतदान होने जा रहा है. दसवें फेज में होने वाले पंचायत चुनाव के दौरान इन दोनों ब्लॉक के 27 पंचायतों में वोटिंग होगी. जिला निर्वाचन विभाग के आंकड़ो के अनुसार, सिंघिया के 14 व बिथान के 13 पंचायतों में मतदान होगी. वहीं सिंघिया में दो जिला परिषद व 17 समिति सदस्य सहित 395 पदों को लेकर मतदान होगा.

वहीं बिथान में भी दो जिला परिषद सदस्य समेत कुल 450 पदों को लेकर वोट डाले जाएंगे. वैसे मतदान के दौरान मतदाताओं को बेहतर सुविधा को लेकर दोनों ब्लॉक में 391 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. दूसरे जिले के सीमा को छूते इस दोनों ब्लॉक में मतदान निष्पक्ष व शांतिपूर्ण तरीके से कराने को लेकर सभी इंतजाम किए गए हैं. सभी मतदान केंद्रों पर मजिस्ट्रेट व पुलिस बल प्रतिनियुक्त किये गए हैं.

इसे भी पढ़ें: बिहार पंचायत चुनाव: मुंगेर में परिवर्तन की बयार, 98 में 78 नए चेहरों पर लोगों ने जताया भरोसा

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गया: बिहार पंचायत चुनाव (Bihar Panchayat Election) के 10वें चरण के तहत चुनाव प्रचार के अंतिम दिन प्रत्याशियों ने बढ़-चढ़कर जनसंपर्क अभियान चलाया. इस दौरान गया और समस्तीपुर के प्रत्याशी वोटरों के दरवाजे तक गए और हाथ जोड़कर उनसे वोट देने की अपील की. प्रत्याशियों ने बेहतर कार्यकाल का वादा लोगों से किया. लोगों से उनके फायदे की बात की. शाम होते ही 10वें चरण के मतदान का शोर थम गया.

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बता दें कि गया (Panchayat Election in Gaya) जिला का मोहनपुर और बाराचट्टी प्रखंड अति उग्रवाद प्रभावित क्षेत्र माना जाता है. क्षेत्र में कभी नक्सलियों की तूती बोलती थी. नक्सलियों के आह्वान पर वोट बहिष्कार कर दिया जाता था. लोग डर से घरों से बाहर नहीं निकलते थे. लेकिन वर्तमान समय में यह स्थिति बदल चुकी है. पंचायत चुनाव में प्रत्याशियों के साथ-साथ आमजन भी अपनी सहभागिता निभा रहे हैं. इस क्षेत्र में प्रत्याशी खुलकर प्रचार-प्रसार कर रहे हैं.

बिहार पंचायत चुनाव के 10वें चरण के प्रचार का शोर थमा

इसी क्रम में बाराचट्टी प्रखंड के दिवनिया पंचायत से दूसरी बार मुखिया पद का चुनाव लड़ रहे युवा ओंकार कुमार ने कहा कि क्षेत्र में विगत 5 सालों में किए गए कार्यों की बदौलत जनता के बीच जा रहे हैं. जितना हो सका, हमने काम किया. नली-गली, सड़क सहित अन्य संबंधित योजनाओं का लाभ जनता को पहुंचाया. विगत 2 सालों में कोरोना की वजह से कई कार्य बाधित रह गए. अगर जनता हमें दुबारा मौका देती है, तो बचे हुए कार्यों को पूरा करने का प्रयास करेंगे.

वर्तमान समय में युवाओं को रोजगार की सबसे बड़ी समस्या है. मौका मिलता है तो युवाओं के लिए रोजगार, वृद्ध जनों के लिए वृद्धा पेंशन व महिलाओं को सशक्त करने का कार्य करेंगे. उन्होंने कहा कि हमारा चुनाव चिन्ह मोतियों की माला है. इसलिए हम ग्रामीणों को पर्चा ना देकर लोगों को मोतियों की माला देकर उनसे वोट देने की अपील कर रहे हैं.

वहीं गोसाई पेसरा गांव के रहने वाले ग्रामीण मनोज कुमार रजक ने कहा कि हमारे क्षेत्र की सबसे बड़ी समस्या गरीबी है. इस बार हम लोगों ने ऐसे प्रत्याशी को चुनने का मन बनाया है, जो हर समय जनता के बीच मौजूद रहे. ग्रामीणों का सुख-दुख समझे और उन्हें दूर करने का प्रयास करे. साफ छवि वाले को ही हम लोग अपना नेता चुनेंगे.

इधर, समस्तीपुर (Panchayat Election in Samastipur) में बाढ़ व जलजमाव से हलकान रहे जिले के बिथान व सिंघिया प्रखंड में 8 दिसंबर को मतदान होने जा रहा है. दसवें फेज में होने वाले पंचायत चुनाव के दौरान इन दोनों ब्लॉक के 27 पंचायतों में वोटिंग होगी. जिला निर्वाचन विभाग के आंकड़ो के अनुसार, सिंघिया के 14 व बिथान के 13 पंचायतों में मतदान होगी. वहीं सिंघिया में दो जिला परिषद व 17 समिति सदस्य सहित 395 पदों को लेकर मतदान होगा.

वहीं बिथान में भी दो जिला परिषद सदस्य समेत कुल 450 पदों को लेकर वोट डाले जाएंगे. वैसे मतदान के दौरान मतदाताओं को बेहतर सुविधा को लेकर दोनों ब्लॉक में 391 मतदान केंद्र बनाए गए हैं. दूसरे जिले के सीमा को छूते इस दोनों ब्लॉक में मतदान निष्पक्ष व शांतिपूर्ण तरीके से कराने को लेकर सभी इंतजाम किए गए हैं. सभी मतदान केंद्रों पर मजिस्ट्रेट व पुलिस बल प्रतिनियुक्त किये गए हैं.

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