दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय (LNMU in Darbhanga) के संगीत नाट्य विभाग में दो दिवसीय अंगिका लोक पर्व सह मिथिला लोक पर्व कार्यक्रम (Mithila Lok Parv Program) का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में लोक नाटकों की प्रस्तुति से कलाकारों ने दर्शकों का मन मोह लिया. इस कार्यक्रम को भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय ने प्रायोजित किया.
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कार्यक्रम में अंगिका क्षेत्र की मंजूषा कला और मिथिला की मधुबनी चित्रकला के कई जाने-माने कलाकारों ने कार्यशाला के माध्यम से प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया. कार्यशाला में 160 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया. वहीं, दूसरे दिन साहेबपुर कमाल, बेगूसराय की लोक नाट्य मंडली हुंकार की ओर से 'बहुरा गोढिन' लोक नाटक की प्रस्तुति की गई.
जन सांस्कृतिक मंच सह कला सागर सांस्कृतिक संगठन, भागलपुर के लोक कलाकारों ने 'सती बिहुला' लोक नाटक प्रस्तुत किया. विश्वविद्यालय संगीत नाट्य विभाग की अध्यक्ष डॉ. पुष्पम नारायण ने कहा कि अंगिका लोक पर्व सह मिथिला लोक पर्व के आयोजन का उद्देश्य बिहार की लोक संस्कृति के विविध आयामों से छात्र-छात्राओं को परिचित कराना था.
'मिथिला और अंगिका का क्षेत्र लोक कलाओं के मामले में बेहद धनी है. अंग क्षेत्र की मंजूषा कला और नाटकों की प्रस्तुति से मिथिला क्षेत्र के कलाकार और विद्यार्थी अवगत हुए जबकि मिथिला की प्रसिद्ध मधुबनी पेंटिंग और यहां की लोकनाट्य कला से अंग क्षेत्र के विद्यार्थियों को परिचित कराया गया. भारत सरकार का संस्कृति मंत्रालय ऐसे कार्यक्रमों को प्रायोजित करता है ताकि देश में लोक कलाओं को बढ़ावा दिया जा सके.' - डॉ. पुष्पम नारायण, अध्यक्ष, संगीत नाट्य विभाग, एलएनएमयू
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