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मानदेय और स्थायीकरण की मांग को लेकर पंचायत वार्ड सचिवों ने दिया धरना, DM को सौंपा मांग पत्र - मानदेय और स्थायीकरण करने की मांग

प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना गांव पंचायत में लागू है. योजना में काम कर रहे वार्ड सचिव के हस्ताक्षर से लाखों करोड़ों रुपये की निकासी होती है. लेकिन जिनके हस्ताक्षर से रुपयों की निकासी होती है. सरकार की ओर से उन्हें एक रुपया मासिक मानदेय भी नहीं मिलता है.

पंचायत वार्ड सचिवों ने दिया धरना
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Published : Aug 29, 2019, 8:18 AM IST

दरभंगा: जिले के पंचायत वार्ड सचिवों ने मासिक मानदेय और स्थायीकरण की मांग को लेकर एकदिवसीय धरना दिया. इस दौरान आक्रोशित लोगों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं, सभा के बाद सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने डीएम को अपना मांग पत्र सौंपा.

पांच हजार मानदेय की मांग
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत वार्ड सचिवों ने पांच हजार मासिक मानदेय और स्थायीकरण करने की मांग को लेकर दरभंगा समाहरणालय में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया. धरना के बाद वार्ड सचिवों ने आक्रोशपूर्ण मार्च निकाला. मार्च धरना स्थल से होते हुए आयुक्त कार्यालय, एसएसपी कार्यालय होते हुए समाहरणालय तक पहुंचा. वहीं, आक्रोशित वार्ड सचिवों ने इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की.

Darbhanga
नारेबाजी करते पंचायत वार्ड सचिव

युवाओं के साथ धोखा
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वार्ड सचिव को बिना रुपये दिए काम कराना कहां का इंसाफ है. युवा बाहुल्य देश भारत में युवाओं के लिए कोई मुकम्मल युवा नीति नहीं बनाना, युवाओं के साथ धोखा है. वहीं, सभा के बाद सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने डीएम से मिलकर अपना मांग पत्र सौंपा. साथ ही एक महीने के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर 25 सितंबर को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन की चेतावनी दी.

पंचायत वार्ड सचिवों ने दिया धरना

नहीं मिलता मानदेय
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना गांव पंचायत में लागू है. योजना में काम कर रहे वार्ड सचिव के हस्ताक्षर से लाखों करोड़ों रुपये की निकासी होती है. लेकिन जिनके हस्ताक्षर से रुपयों की निकासी होती है. सरकार की ओर से उन्हें एक रुपया मासिक मानदेय भी नहीं मिलता है. जिससे हम लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

दरभंगा: जिले के पंचायत वार्ड सचिवों ने मासिक मानदेय और स्थायीकरण की मांग को लेकर एकदिवसीय धरना दिया. इस दौरान आक्रोशित लोगों ने जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. वहीं, सभा के बाद सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने डीएम को अपना मांग पत्र सौंपा.

पांच हजार मानदेय की मांग
पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत वार्ड सचिवों ने पांच हजार मासिक मानदेय और स्थायीकरण करने की मांग को लेकर दरभंगा समाहरणालय में एकदिवसीय धरना प्रदर्शन किया. धरना के बाद वार्ड सचिवों ने आक्रोशपूर्ण मार्च निकाला. मार्च धरना स्थल से होते हुए आयुक्त कार्यालय, एसएसपी कार्यालय होते हुए समाहरणालय तक पहुंचा. वहीं, आक्रोशित वार्ड सचिवों ने इस दौरान जमकर नारेबाजी भी की.

Darbhanga
नारेबाजी करते पंचायत वार्ड सचिव

युवाओं के साथ धोखा
प्रदर्शनकारियों का कहना है कि वार्ड सचिव को बिना रुपये दिए काम कराना कहां का इंसाफ है. युवा बाहुल्य देश भारत में युवाओं के लिए कोई मुकम्मल युवा नीति नहीं बनाना, युवाओं के साथ धोखा है. वहीं, सभा के बाद सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल ने डीएम से मिलकर अपना मांग पत्र सौंपा. साथ ही एक महीने के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर 25 सितंबर को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन की चेतावनी दी.

पंचायत वार्ड सचिवों ने दिया धरना

नहीं मिलता मानदेय
प्रदर्शन कर रहे लोगों ने बताया कि नीतीश कुमार की सात निश्चय योजना गांव पंचायत में लागू है. योजना में काम कर रहे वार्ड सचिव के हस्ताक्षर से लाखों करोड़ों रुपये की निकासी होती है. लेकिन जिनके हस्ताक्षर से रुपयों की निकासी होती है. सरकार की ओर से उन्हें एक रुपया मासिक मानदेय भी नहीं मिलता है. जिससे हम लोग खुद को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं.

Intro:पूर्व घोषित कार्यक्रम के तहत आज वार्ड सचिवों ने पांच हजार मासिक मानदेय तथा स्थायीकरण करने की मांग को लेकर पंचायत वार्ड सचिव संघ के बैनर तले दरभंगा समाहरणालय स्थित धरना स्थल पर एक दिवसीय धरना देते हुए सरकार व जिला प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। धरना के बाद वार्ड सचिवों ने आक्रोशपूर्ण मार्च निकाला। मार्च धरना स्थल से निकलकर आयुक्त कार्यालय, एसएसपी कार्यालय होते हुए समाहरणालय पहुंचा। जहां आंदोलनकारियों ने आक्रोश प्रदर्शन करते हुए एक सभा भी की।


Body:वही प्रदर्शन कर रहे प्रदर्शनकारियों का कहना था कि वार्ड सचिव को बिना रुपये दिए काम कराने व बेगारी खटाना कहां का इंसाफ है। युवा बहुल देश भारत में युवाओं के लिए कोई मुकम्मल युवा नीति नहीं बनाना, युवाओं के साथ धोखा है। इसके खिलाफ सभी युवाओ को एकजुट होने की आवश्यकता है। वही उनलोगों ने वार्ड सचिव को अभिलंब पांच हजार मासिक मानदेय तथा स्थायीकरण की मांग सरकार से किया। सभा के पश्चात सात सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिलकर अपनी मांग पत्र को सौंपा। वहीं एक माह के अंदर कार्रवाई नहीं होने पर 25 सितंबर को जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन करने की घोषणा किया।


Conclusion:वही मीडिया से बात करते हुए आंदोलनकारी गजेंद्र नारायण ने कहा कि नीतीश कुमार का सात निश्चय योजना, जो गांव पंचायत में लागू है। जिसको लेकर वह बड़ी-बड़ी बातें भी करते हैं, उस योजना में काम करने वाले वार्ड सचिव के हस्ताक्षर से लाखों करोड़ों रुपए का निकासी होता है और यह योजना जमीन पर दिखाई देती है। लेकिन आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि जिनके हस्ताक्षर से इतने रुपयों की निकासी होती है। उनके सरकार की ओर से एक रुपया भी मासिक मानदेय के रूप में नही मिलता है। ये लोग अब अपने आपको ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। जिसके खिलाफ आज हम लोगों ने धरना प्रदर्शन करते हुए आक्रोश पूर्ण मार्च निकाला है। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर सरकार हमलोगों की मांग पर जल्द विचार नहीं करती है, तो आने वाले दिनों में संघर्ष को और भी तेज किया जाएगा।

गजेंद्र नारायण शर्मा, आंदोलनकारी
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